पूर्व में भी और आज भी, कुछ लोगों का मानना है कि AI से हमारे महानायकों का चित्रण शास्त्र विरुद्ध है। ऐसे तथाकथित शास्त्रवादी कठमुल्लावाद और शास्त्रों की ओट में धर्म की मठाधीशी थोपने को अब कोई भी स्वीकार नहीं…
देवेन्द्र सिकरवार
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बचपन में एक बार एक सहपाठी से हिंसक युद्ध हो गया। मैं शरीर से कमजोर जरूर था पर भयंकर जिद्दी और युयुत्सु प्रवृत्ति जन्मजात थी। हाथ-पैर कमजोर होने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि मेरे सबसे बड़े हथियार…
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राजनीतिअपराधऐतिहासिकदेवेन्द्र सिकरवारमुद्दाविदेश
इजरायल ने शानदार दांव खेला
by देवेन्द्र सिकरवार 100 viewsइजरायल ने शानदार दांव खेला है। उसने एलान किया है कि अगर गाजा के लोग हमास चीफ याह्या सिनवार की लाश उन्हें सौंप दें तो वह यह अभियान रोक देगा। एलान के चौबीस घंटे भी नहीं हुए कि हमास के…
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नयादेवेन्द्र सिकरवारमुद्दारोजगारलेखक के विचारसामाजिक
कारपोरेट_द्वारा_सत्ता_हथियाने_के_प्रयास_शुरू
by देवेन्द्र सिकरवार 73 viewsमैंने पहले भी कहा था और फिर कह रहा हूँ कि अब मानवता के सम्मुख सबसे बड़ा खतरा कार्पोरेट्स बनने जा रहे हैं। पहले नारायणमूर्ति ने ‘उपदेश’ दिया कि युवाओं को हफ्ते में #सत्तर_घंटे काम करना चाहिए यानि दस घंटे…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मदेवेन्द्र सिकरवारलेखक के विचारसामाजिक
श्रीराम : सर्वश्रेष्ठ_योद्धा_श्रेष्ठतम_जनरल_दूरदृष्टा_राजनेता
by देवेन्द्र सिकरवार 101 viewsभारत में प्रायः महान व्यक्तित्वों को दैवीय रूप में प्रदर्शित करने की परंपरा रही है जिससे उनका पुण्यस्मरण तो स्थाई हो जाता है लेकिन उनके महान लौकिक कार्य ढंक जाते हैं। श्रीराम भी इस राष्ट्र के ऐसे ही महानायक हैं।…
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एक बार मेरे पिता ने मुझे बहुत डांटा था जब एक बार एक शरारती बिल्ली को कमरे में घेरकर उसकी संटी से पिटाई की। उनका कहना था कि एक छोटा सा रास्ता बिल्ली के लिए ऐसा छोड़ना चाहिए जो उसे…
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हमारे घर एक संन्यासी आये थे। मेरे पिता यों तो उनके गुरुभाई थे लेकिन फिर भी पिता उन्हें गुरु की गद्दी के रूप में बहुत आदर देते थे। उनकी गुरुभक्ति व अहिंसा का आलम यह था कि विषैले सर्प से…
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अपराधइतिहासऐतिहासिकजाति धर्मदेवेन्द्र सिकरवारमुद्दाविदेशसामाजिक
इजरायल_पर_हमले_क्यों_जरूरी_हैं
by देवेन्द्र सिकरवार 125 viewsइजरायल पर लगातार हमले होते रहने चाहिए जिससे यहूदी कौम यह जान सके कि निरंतर शांति की कीमत क्या हो सकती है। वे भारत को देख सकते हैं। भारत ने चंद्रगुप्त विक्रमादित्य से लेकर कुमारगुप्त तक लगभग अस्सी साल पूर्ण…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मदेवेन्द्र सिकरवारपरम्पराएमुद्दासाहित्य लेख
नास्तिक_क्या_होते_हैं?
by देवेन्द्र सिकरवार 99 viewsसही अर्थों में जो अस्तित्व को माने ही न अर्थात न रिश्ते-न नाते, न पाप- न पुण्य, न आत्मा-न परमात्मा, न सत्य-न असत्य… इन कसौटियों पर केवल आजीवक और पदार्थवादी ही नास्तिक ठहरते हैं,मार्क्सवादी तक नहीं। मार्क्सवादी हद से हद…
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विष्णु के ऐसे अवतार जिनकी चर्चा प्रायः कम ही की जाती है। उत्तर भारत में तो शायद ही कोई मंदिर हो जो हयग्रीवको स मर्पित हो लेकिन दक्षिण ने हिंदुत्व के कई तत्वों को सुरक्षित रखा और हयग्रीव अवतार’ उनमें…