अद्वैत वेदांत के महावाक्य ‘तत्वमसि’ का वाचन करने वाले महर्षि उद्दालक आरुणि के एक पुत्र थे, श्वेतकेतु जो पांचाल देश मे जन्मे थे और आज के उत्तराखंड में कहीं रहते थे। महावाक्य ‘तत्वमसि’ का अर्थ है “तुम वही हो, जो…
कहानिया
-
-
अपराधकहानियामुद्दाराजीव मिश्रासच्ची कहानियांसामाजिक
सिख-विरोधी दंगे 1984
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 238 viewsकुछ दिन पहले एक वीडियो देखा था उसमे एक सरदारजी बता रहे थे… वो 9 साल के थे जब उनका परिवार लाहौर से भागा था. दंगे हो रहे थे, दंगाई लोगों को मार रहे थे, और जवान लड़कियों और महिलाओं…
-
इतिहासईश्वर भक्तिऐतिहासिककहानियाजाति धर्मदेवेन्द्र सिकरवारसाहित्य लेख
शंबूक_एवं_सीता_त्याग
by देवेन्द्र सिकरवार 157 viewsसबसे पहले यह जान लीजिए कि ये घटनाएं वाल्मीकि रामायण में ही वर्णित नहीं हैं बल्कि एकाधिक रामायण, महाभारत एवं भवभूति रचित ‘उत्तर रामचरित’ में भी वर्णित हैं। यों तो यह विषय प्राचीनकाल से ही विवाद का विषय रहा है…
-
किराने की एक दुकान में एक ग्राहक आया और दुकानदार से बोला – भईया, मुझे 10 किलो बादाम दे दीजिए। दुकानदार 10 किलो तौलने लगा। तभी एक कीमती कार उसकी दुकान के सामने रुकी और उससे उतर कर एक सूटेड…
-
कहानियाइतिहासजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)सुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण (बालकाण्ड अंतिम भाग 17)
by सुमंत विद्वन्स 175 viewsमहाराज दशरथ जी के चारों पुत्रों एवं वधुओं के स्वागत् में पूरी अयोध्यापुरी को बहुत सुन्दर सजाया गया था। चारों ओर ध्वज और पताकाएँ फहरा रही थीं। सड़कों पर जल का छिड़काव किया गया था। प्रमुख मार्गों पर फूल बिखेरे…
-
महाभारत के आदिपर्व में एक कथा
-
एक बहन का रिश्ता देखने लड़के वालों के घर पहुंचा। लड़के के पिता बेरोजगार थे लाइफ लॉंग, लड़का अमेरिका मे था। लड़की भी अमेरिका मे ही थी। लड़के के परिवार का स्टैन्डर्ड काफी डाउन था, पर लड़का लड़की लगभग बराबर…
-
पुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)कहानियाजाति धर्मपरम्पराए
नरक चतुर्दशी क्यों मानते है आइये जाने !- पहली कथा
by Sharad Kumarby Sharad Kumar 179 viewsदीपावली के उत्सवों में धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है इस दिन को लोग छोटी दीपावली के नाम से जानते एवं मानते है इसी को काली चौदस और रूप चौदस भी कहा जाता है इस दिन…
-
कहानियाईश्वर भक्तिजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसामाजिकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण (भाग 9)
by सुमंत विद्वन्स 264 viewsउन तीनों ने वह रात्रि ताटका वन में व्यतीत की। अगले दिन प्रातःकाल महर्षि विश्वामित्र ने श्रीराम से कहा, “महायशस्वी राजकुमार! ताटका वध के कारण मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूँ। आज मैं बड़ी प्रसन्नता के साथ तुम्हें सब प्रकार…
-
” खुशी खुशी कर दो विदा, दुलारी बेटी राज करे ..” विवाह की रस्में हँसी खुशी रोते गाते कब बीत गयी पता न चला.! अब विदाई की रस्म होने वाली थी पर मैं अब अपने फ्रेंड्स के साथ खिलखिलाकर हँस…