कैकेयी हमारी प्राचीन सभ्यता की वो पात्रा हैं जो निंदनीय रही हैं. कई विद्वानों के मतानुसार वे वंदनीय हैं और निंदनीय कतई नहीं. आम जनमानस में ये मुद्दा विवादास्पद रहा हैं. इस मुद्दे का बरहाल कोई अंत तो नहीं लेकिन…
कहानिया
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स्वामी व्यालोककहानियामीडियाराजनीति
ड्राइवर विमल कुमार की दुःख भरी दास्तान ।
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 155 viewsनिजता का सम्मान करते हुए मैंने पात्रों के नाम बदल दिए हैं पर कहानी बिल्कुल सत्य है मेरी आँखों के सामने यह सब घटित हुआ है । आधुनिक चकाचौन्ध में डूबा समाज कितना निष्ठुर हो सकता है उसकी पराकाष्ठा है…
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चाणक्य(विष्णुगुप्त) का जब जन्म हुआ तो उनके घर जैन साधु आये उन्होंने चणक ऋषि से कहा : इस बालक में तो सम्राट बनने के लक्षण दिख रहे हैं तब विष्णुगुप्त के पिता चणक चौंक उठे : और बोले …हे आचार्य…
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हिन्दी बेल्ट में चाय नदीम श्रवण का ढोलक मंजीरा है. हो ही नहीं सकता कि आपने जीवन में कभी चाय न पी हो या पसंद न किया हो या न भी किया हो तो भी पीनी तो पड़ती ही है.…
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कहानियामधुलिका यादव शचीलेखक के विचारसाहित्य लेखहास्य व्यंग
बारात रवाना ,महिलाओं का हंगामा
by मधुलिका यादव शची 161 viewsनिशि मिश्रा जो कि मेरी कॉलेज फ्रेंड थी उसके भाई की शादी में जाना हुआ। यह पहली ग्रामीण शादी थी जिसमें मुझे रुकना पड़ा अन्यथा थोड़ी देर ठहरकर औपचारिकता करने के उपरांत वहां से चल देती थी । हमेशा की…
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पथिक को रास्ते में मिर्च का पौधा मिला, उसने मिर्च तोड़ा, उसे चखा फिर यह कहकर फेंक दिया …उफ्फ इतना तीखा…! यह तो मनुष्य के योग्य नहीं है। आगे बढ़ा उसे प्याज दिखा ,उसे भी चखा ..अच्छा नहीं लगा फेंक…
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तब साइकिल चलाना इतना आसान नहीं था क्योंकि तब घर में साइकिल बस पिताजी या चाचा चलाया करते थे तब साइकिल की ऊंचाई 40 इंच हुआ करती थी जो खड़े होने पर हमारे कंधे के बराबर आती थी ऐसी साइकिल…
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राम सबके है और सब राम के है। राम कौन है और क्या है, त्रेता युग ने बतलाया था कि मनुष्य स्वरूप में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की यात्रा पूर्ण करके मानव जाति के भविष्य के लिए आधारशिला रखी थी।…
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कहानियानितिन त्रिपाठीलेखक के विचारसामाजिक
Siya Ke Ram A Beautiful Lovestory
by Nitin Tripathi 269 viewsबचपन में गाँव में मेरे पड़ोसी दो भाई थे राजू और टीलू. राजू सुबह सुबह डंडा लेकर टीलू को दौड़ा रहे थे. सपने में नदिया के पार वाली गुंजा आई थी. टीलू ने जगा दिया तो राजू ने टीलू का…
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इतिहासईश्वर भक्तिकहानियाजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)साहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण अयोध्या कांड भाग 31
by सुमंत विद्वन्स 329 viewsरानी कौशल्या और कैकेयी उन्हें सहारा देने के लिए आगे बढ़ीं। कैकेयी को देखते ही दशरथ जी व्यथित होकर बोले, “पापिणी! तू स्पर्श न कर। तूने धन में आसक्त होकर धर्म का त्याग किया है, अतः अब मैं भी तेरा…