भारत एक आंकड़ा प्रधान देश है। यहां पर आंकड़ों को प्रतिशत में निकालने की अद्भुत एवं नैसर्गिक कला विद्यमान हैं । जिन्हें गणित की किताब में प्रतिशत का अध्याय सिर के उपर से गुजर जाता था वो लोग भी गेंहू…
रिवेश प्रताप सिंह
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छोटे मौसेरे भाई की शादी कल भाई (मौसी के लड़के) की बारात जानी है… लेकिन मेरा दिल!! जोरों से धड़क रहा है.. अब आप सोच रहे होंगे क्यूं!! इसलिए कि…कल के विवाह में मेरा नाम भसुर (जेठ) के पद लिए…
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राजनीतिरिवेश प्रताप सिंहशिक्षाहास्य व्यंग
बुलडोजर की बढ़ती लोकप्रियता एवं भविष्य में शिक्षा जगत में उसके बढ़ते प्रभाव पर एक काल्पनिक प्रश्नावली-
by रिवेश प्रताप सिंह 763 viewsबुलडोजर की बढ़ती लोकप्रियता एवं भविष्य में शिक्षा जगत में उसके बढ़ते प्रभाव पर एक काल्पनिक प्रश्नावली- निबंध- ‘निर्माण एवं विध्वंस’ में बुलडोजर की भूमिका का निरूपण करें। राजनीति शास्त्र- वर्तमान भारतीय राजनीति में बुलडोजर के महत्व को रेखांकित…
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चलचित्ररिवेश प्रताप सिंहलेखक के विचार
RRR देखा… किन्तु!! शानदार सुपर से भी ऊपर
by रिवेश प्रताप सिंह 392 viewsRRR देखा… किन्तु!! शानदार सुपर से भी ऊपर 100/100 जैसी परम्परागत टिप्पणियों के साथ ही हाजिर हूं… चाहता तो कुछ समीक्षा भी लिख सकता था लेकिन इस क्षेत्र के मेरे कुछ काबिल मित्र अपनी दर्जनों कलम कुर्बान कर चुके हैं।…
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साहित्य लेखरिवेश प्रताप सिंह
एक बार मैंने महसूस किया कि मेरे एक मित्र मुझसे
by रिवेश प्रताप सिंह 240 viewsएक बार मैंने महसूस किया कि मेरे एक मित्र मुझसे अपने प्रति उनके व्यवहार में रुखेपन की खुरदराहट महसूस करने के बाद ही मैं इस निश्चय पर पहुंचा कि अब वो पहले जैसे नहीं रहे। वजह की पड़ताल हेतु मैंने…
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कहानियारिवेश प्रताप सिंहसाहित्य लेख
किसी व्यक्ति का मोटर कार ब्रेक डाउन हो जाये
by रिवेश प्रताप सिंह 234 viewsकिसी व्यक्ति का मोटर कार ब्रेक डाउन हो जाये तो कभी कभार उसे धक्के की भी आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसे में बहुत से सहृदयी गाड़ी को धक्का भी लगा देते हैं..गाड़ी स्टार्ट हो जाती है। ऐसे में गाड़ी मालिक,…
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मुझे वो बच्चा याद आता है तब कलेजा बैठ जाता है। वो मेरे आंखों के सामने अपने रिमोट वाले हैलिकॉप्टर को उड़ा रहा था। उसका हैलिकॉप्टर, कभी इधर धर्राटे काटता अभी उधर… लेकिन… पता नहीं क्या तकनीकी दिक्कत हुई कि…
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हमारी तरफ शादी के बाद सुबह खिचड़ी खवाई की रस्म होती है। खिचड़ी खवाई रस्म में दुल्हा, दुल्हन के आंगन में बैठता है। जहां उसके तथा उसके सगे तथा..चचेरे, ममेरे, फूफेर भाई तथा एक दो साथी-संघाती भी बैठ लेते हैं।…
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एक बार एक पहलवान जी अखाड़े में बुरी तरह रगड़ गये। पूरी पीठ धूलधूसरित हो गयी.. वैसे अखाड़े में जीतना-हारना दोनों, एक सिक्के के दो पहलू जैसे है। जीतने वाले को लोग कंधे पर बिठा लेते हैं..और हारने वाले का…
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शिक्षारिवेश प्रताप सिंहसामाजिक
जनपद स्तर पर एक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन
by रिवेश प्रताप सिंह 382 viewsआज जनपद स्तर पर एक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन था.. जिसमें जनपद के समस्त बीस ब्लाकों से प्रति ब्लाक दस बच्चे प्रतिभागी थे। संयोग या सौभाग्य यह कि मेरे विद्यालय के एक बच्चे (सुमित शर्मा) का चयन उस प्रदर्शनी में…