पिछले कुछ दिनों में पेंसिल्वेनिया में प्रचार करते समय किसी ने डोनाल्ड ट्रम्प को गोली मार दी। पेंसिल्वेनिया एक महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट है, जहां से कभी डेमोक्रेट्स और कभी रिपब्लिकन जीतते हैं। अक्सर देखा गया है कि जो पेंसिल्वेनिया जीतता…
राजीव मिश्रा
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राजीव मिश्राखेल खिलाडीलेखक के विचारसामाजिक
खेलों का राष्ट्रीय जीवन में महत्व
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 221 viewsखेलों का राष्ट्रीय जीवन में बहुत महत्व है, लेकिन यह महत्व समय के साथ बदलता रहता है. एक समय था जब पाकिस्तान के विरुद्ध एक मैच जीतना राष्ट्रीय गर्व का क्षण दिखाई देता था. 2003 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान…
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राजीव मिश्राऐतिहासिकज्ञान विज्ञानसामाजिक
हॉर्न इंग्लैंड की सांस्कृतिक पहचान
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 77 viewsइसके कई अर्थ हो सकते हैं. इसके बेहद मासूम अर्थ हो सकते हैं, जैसे कि आपने अपने किसी परिचित को सड़क क्रॉस करते देखा और आप उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए हल्के से हॉर्न बजा सकते हैं. यहां हॉर्न…
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नयाजाति धर्ममुद्दाराजीव मिश्रासामाजिक
जातिवाद: एक अधूरा विमर्श
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 130 viewsजातिवाद के विषय पर कुल चार सार्थक प्रश्न आए थे जिनका जवाब देना था.. बारी बारी से. उनमें से पहला कथन था – जातिवाद बुरा नहीं है, जातिगत भेदभाव बुरा है… मेरी समझ से यहां समस्या “भेदभाव” शब्द के अर्थ…
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एक हिन्दू है जिसने सारे वेद पुराण पढ़ रखे हैं… पढ़ रखे माने मान लीजिए कि एकदम कंठस्थ हैं. (Scriptural Hindu) दूसरा एक हिन्दू है जो योग और ध्यान का अभ्यास करता है और उसको अनेक सिद्धियां प्राप्त हैं. सिद्धियाँ…
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बच्चों में एक नकारात्मक सेल्फ इमेज डाल देते हैं जिसका दुष्प्रभाव स्थायी रह सकता है. हमारे समय की पैरेंटिंग और स्कूलिंग तो जैसी थी, थी ही… और उसका क्या प्रभाव रहा यह समझने की ऑब्जेक्टिविटी नहीं है. पर अपने बच्चों…
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विदेशराजीव मिश्रालेखक के विचारसामाजिक
The Civilisational Challenge
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 226 viewsक्या किसी भारतीय का यूके या यूएस में किसी जगह कोई काम कराने में कोई घूस देनी पड़ी हो, किसी किस्म के करप्शन का कोई व्यक्तिगत अनुभव हुआ हो? सर्वे विचित्र इसलिए है क्योंकि उन्हें भी पता था यह अनावश्यक…
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अर्थव्यवस्थाभारत निर्माणमुद्दाराजीव मिश्रा
भारत के टैक्स स्लैब पर रोना
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 231 viewsजो लोग भारत के टैक्स स्लैब पर रोना रो रहे हैं, उन्हें एक बार अपनी सालाना सैलरी का हिसाब (P60) दिखाने का मन करता है. जितने पैसे अकाउंट में आते हैं उससे ज्यादा टैक्स और नेशनल इंश्योरेंस के कट जाते…
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राजीव मिश्राअपराधइतिहासजाति धर्ममुद्दाविदेश
CopiedWithGratitude : पेशावर में मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या 65 हो चुकी
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 190 viewsपेशावर में मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या 65 हो चुकी है. 150 से अधिक घायल हैं. अस्पर्श्यता व जातिगत ऊँच नीच एक सत्य है लेकिन ये सत्य भूतकाल का है. हिंदुओ ने 1947 में क़ानूनन…
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एक आदर्श सामाजिक स्थिति. यह किसे नहीं चाहिए? सभी इसके लिए साइन-अप करेंगे. तबतक, जबतक इसकी कीमत नहीं कैलकुलेट करते. परफेक्शन क्या है? यह प्रोग्रेसिव रिफॉर्म्स की एक अंतहीन प्रक्रिया है. आप स्थिति को बेहतर, और बेहतर करते जाते हैं…