जशपुर के घटनाक्रम ने लखीमपुर के हत्यारे खालिस्तानी गुंडों के राक्षसी चरित्र को भी उजागर कर दिया है।
भूपेश बघेल के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज हो रहा उसे मुख्यमंत्री की कुर्सी से खदेड़ा क्यों नहीं जा रहा.?
वो शतप्रतिशत निर्दोष थे। वो किसी की हत्या करने की कोशिश नहीं कर रहे थे। वो श्रद्धा आस्था भक्ति की ऊंची लहरों में सराबोर होकर नाचते गाते हुए देवी दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन करने जा रहे थे। उन निर्दोष देवी भक्तों को छत्तीसगढ़ के जशपुर में गांजा तस्करों ने कल दोपहर अपनी टाटा सूमो जीप से बेरहमी से कुचल डाला। मां दुर्गा के 4 भक्तों की घटनास्थल पर ही मौत तथा कई दर्जन के गम्भीर रूप से घायल होने की खबर है। (देखें कमेंट)
लेकिन इस नृशंस हत्याकांड पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से दिल्ली तक घृणित सन्नाटा क्यों पसरा हुआ है.? छत्तीसगढ़ में हत्यारे तस्करों गुंडों द्वारा किए गए इस पैशाचिक तांडव के खिलाफ बोलने के बजाए मरघटी चुप्पी छायी हुई है। प्रियंका वाड्रा, राहुल गांधी, उनका गुर्गा राकेश टिकैत तथा जनानी अदाओं वाला आंदोलनजीवी योगेन्द्र यादव घिनौने मौन के सियासी सड़ांध वाले कीचड़ के दलदल में छुपे हुए हैं। छत्तीसगढ़ का धूर्त कुटिल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरी थोथी बयानबाजी कर रहा है। जशपुर जाकर उन मृतकों के परिजनों का सामना करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। ये वही भूपेश बघेल है जो केवल 15 दिन पहले उत्तरप्रदेश के लखीमपुर जाकर आंसू बहाने की जिद्द लेकर लखनऊ एयरपोर्ट की जमीन पर सड़कछाप नेताओं की तरह पसर गया था। चीखते चिल्लाते हुए अजब गज़ब मुद्राओं में पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता पर उतारू हो गया था।
उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर में कातिलाना हमला कर रहे खालिस्तानी गुंडों से प्राण बचा कर भागने की कोशिश कर रहे लोगों की जीप से 4 बलवाई कुचल कर मर गए थे। उन बलवाइयों के गम में भूपेश बघेल, प्रियंका वाड्रा, राहुल गांधी, राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव अपनी छाती कूटने के लिए लखीमपुर जाने को बेचैन हो गए थे। लेकिन जशपुर की घटना पर सियासी ड्रामेबाज इन राजनीतिक मसखरों की संवेदनाएं कुम्भकर्णी नींद में डूबी हुई है। लखीमपुर की घटना पर सप्ताह भर तक हुड़दंग हंगामा करते रहे न्यूजचैनल जशपुर की घटना का वीडियो दिखाने, उस पर चर्चा करने से उसी तरह डर रहे हैं जिस तरह सांप किसी नेवले को देखकर डरता है। यह डर कांग्रेसी टूलकिट के भारी बजट से बरसने वाली मोटी रकम को खो देने का है। इस शर्मनाक सच्चाई को बहुत अच्छे से समझ लीजिए। किसी भ्रम में मत रहिए। यही कारण है कि झाड़ू लगती ड्रामा क्वीन प्रियंका वाड्रा का वीडियो न्यूजचैनलों पर 3-4 दिन तक छाया रहता है। लेकिन जशपुर में देवीभक्त हिन्दूओं को रौंदने वाले हत्याकांड की खबर कुछ मिनटों बाद ही गायब हो जाती है।
कल जशपुर में हुई घटना ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि लखीमपुर में कार से कुचलकर मरने वाले खालिस्तानी बलवाई गुंडे ही थे। ज्ञात रहे कि कल जशपुर में अपनी जीप से देवी भक्तों को रौंद कर मौत के घाट उतारने वाले हत्यारे भी भीड़ के हत्थे चढ़ गए थे। लेकिन भीड़ ने उन्हें लखीमपुर के हत्यारे खालिस्तानी गुंडों की तरह पीट पीटकर मौत के घाट नहीं उतार दिया था। भीड़ ने उन हत्यारों को पुलिस के हाथों सौंप दिया। जशपुर और लखीमपुर के घटनाक्रमों का यह अंतर ही लखीमपुर के हत्यारे खालिस्तानी गुंडों के राक्षसी चरित्र को भी उजागर कर रहा है।
राजधानी लखनऊ में कई दशकों से दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के जुलूस देखता रहा हूं। विसर्जन जुलूस के मुख्यमार्ग पर यातायात रोक दिया जाता है। दोपहिया वाहन भी नहीं जा सकते हैं। भारी पुलिसबल की तैनाती इस व्यवस्था को संभालती है। कल जशपुर में हुए हत्याकांड का शिकार बने जुलूस में 7 पूजा पंडालों की प्रतिमाएं शामिल थीं। यानि हत्याकांड को विसर्जन के मुख्यमार्ग पर ही अंजाम दिया गया है। उस मार्ग में यातायात को रोका क्यों नही गया था। यातायात रोकने के लिए पुलिस की तैनाती क्यों नहीं की गयी थी.? यह लापरवाही है या साज़िश.? इसकीं जांच होने तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जशपुर के डीएम एसएसपी के खिलाफ साजिश/लापरवाही का केस दर्ज कर जबतक उन्हें उनके पदों से तत्काल नहीं हटाया जाएगा तब तक जशपुर हत्याकांड में मारे गए हिन्दूओं की आत्मा को शांति और न्याय नहीं मिलेगा।