Home लेखक और लेखअजीत सिंह एक हिरन की कहानी : राजनितिक देशो की व्यथा

एक हिरन की कहानी : राजनितिक देशो की व्यथा

by Ajit Singh
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हिरण पूरे दिन घास खाने मे लगा रहता है, और घास को प्रोटीन में बदलने में ही लगा रहता है।
ब्रह्मांड में प्रोटीन का प्राइमरी सोर्स पौधों से ही मिलता है
दूसरी तरफ माँसाहारी जानवरों को जब तक भूख नहीं लगती, तबतक आराम से पड़े रहते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि उनके लिए प्रोटीन का इंतजाम करने के लिए हिरण जो काम पर लगा हुआ है। हिरण पौधों से प्रोटीन लेकर फिर उसे अपने शरीर में जैविक प्रोटीन में बदल देगा
जब तक हिरण जिंदा है, जंगल में खूंखार जानवर मस्त सोते है, पर हिरण जब कम होने लगते हैं तो ये भूखे खूंखार भेड़िये नए जंगल की तलाश करता है।
हमारे हिरणों ने बड़ी मेहनत से सोना, चांदी, हीरे, ज्ञान-विज्ञान, जमीन, धंधा, फैक्ट्री इकट्ठा किया था, क्या हुआ ?
एक खूंखार नस्ल आई और साफ कर गई सब। ईरान लिया, अफगानिस्तान लिया, पाकिस्तान ले गये, POK लिया, बांग्लादेश लिया, केरल, बंगाल भी लगभग गया ही समझो।
उस नस्ल ने सिर्फ शिकारी के गुण विकसित किये हैं…
अब पाकिस्तान और बांग्लादेश में खाने पीने की भयंकर कमी आ रही है, और महंगाई चरम पर है। क्योंकि वहाँ के हिरण कम हो चुके हैं, जिनकी वजह से इकॉनोमी चल रही थी।
शेष कार्य सिर्फ कबायली वृति को 100 प्रतिशत लागू करना है, *जिसकी वजह से धीरे धीरे पाकिस्तान बांग्लादेश में हिरण खत्म हो रहे हैं,और खूंखार नरभक्षी बढ़ रहे हैं। अब उन नरभक्षियों की नजर नए जंगलों पर है, वो है …….भारत 🇮🇳
इसे ही वो गज़वा ए हिन्द कहते हैं और उनकी आसमानी किताबों में सैकड़ों साल पहले इसका जिक्र हो चुका है, जो हर शांतिप्रिय भेड़िये के मन में वो ऐसे बैठा हुआ है, जैसे तुम्हारे लिए राष्ट्गान। इस आखरी जंग मे कोई सेना कुछ नही कर पायेगी क्योंकि ये जंग पहले अंदर से शुरू होगी फिर बाहर से…..
जितनी तेजी से पाक-बांग्लादेश से हिरण कम हो रहे हैं, उतनी ही जल्दी इसकी संभावना बढ़ रही है और ये जंग अचानक नहीं होगी, तुम पहले से ही हो इस जंग में। विश्वास न हो तो असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल आदि राज्यों के उनके बाहुल्य इलाके में घूम के आओ, वहाँ से हमारे हिरणों ने घर और संपत्ति बेचकर कहीं और बसेरा बना लिया है।
हमारे यहाँ के हिरण कहाँ जाने की सोच रहे हैं ? ???
समझ लो …
जब किसी मोहल्ले या कालोनी में हिरन 20% रह जाते हैं तब एक साइलेंट उत्पीड़न का दौर शुरू होता है ….
कुछ इस प्रकार
1 – आप … आपका परिवार रात को बेधड़क सो रहा होता है तभी आपका पड़ोसी सल-मान अपनी दीवार जो के आपके दीवार के साथ मिली होती है, में रात के 11बजे कील ठोंकना शुरू कर देता है ।
2- मुर्गे बेचने वाला अब्दु*ल हजार
अपनी भेड़ियों की बस्ती छोड़ के सिर्फ आपके सामने वाले सलीम के चबूतरे पर बैठ के मुर्गे काटना शुरू कर देता है ।
3- कल रात अब्दुल के घर आई मीट की खाली काली पन्नी सुबह आपके दरवाजे पे फड़फड़ाती मिलेगी ।
4 – रजिया का बच्चा रोज आपके चबूतरे पे टट्टी कर जाएगा। कभी रजिया आके साफ करेगी कभी कह देगी मेरे बच्चे ने नही किया है । मजबूरन आपको साफ करना पड़ेगा ।
5- आपके घर मे जवान बहु बेटी है तो आपसे तीन मकान छोड़ के रहने वाले गफूर मियां के यहां दिन भर अवारागर्दों का अड्डा जमा रहेगा।
वो आवारा गाहे बगाहे बिना जरूरत ही आप के घर के सामने से बार बार निकलेंगे आपस मे गन्दी भद्दी गालियों भरी भाषा आपकी ही बहन बेटियों को सुनाते हुए।
6- दिन में 5 बार आपको ध्यान रखना होगा कि उस वक्त आपके TV की आवाज़ कम रहे और मंदिर का लाउडस्पीकर उंस समय बन्द रहे।
7 – होली के रंग और पानी से देश खतरे में पड़ जाता है और दीवाली के पटाखे से बकरियों को परेशानी होती है ।
7- बकरा काटू त्योहार के बाद तो माहींनो तलक आप को गंदगी और बदबू से निजात नही मिलने वाली।
7 – आप कितने भी शरीफ हों … महीने में तीन चार बार आप से लड़ाई का बहाना वो ढूंढ ही लेते हैं ।
8 – पुलिस प्रशासन से शिकायत करें तो आप अकेले पड़ जायँगे और उनकी तरफ से हजार लोग आपको ही झगड़ालू और साम्प्रदायिक बताने लग जायँगे ।
ये सब उत्पीड़न के तौर तरीक़े साबित करना आपके बस की बात नहीं । आपके शुभचिंतक आपको वहाँ से पलायन की सलाह देंगे और प्रशासन इसे आपका निजी मामला बताएगा !! बाकी करना क्या है आप खुद समझदार हैं, दिमाग़ में आया सोचा बता दूँ, नहीं विश्वास तो अपने बाप दादा या किसी बजूर्ग़ से पूछ लेना जिन्होंने भारत पाकिस्तान का विभाजन अपनी आँखो से देखा है वो सब बता देग़े।
मेरे जैसे बहुत से साथी हैं जो रातों की नींद हराम करके आप लोगों को समझाने में लगे हुए है लेकिन आप सिर्फ शेरो शायरी और साईं बाबा की फ़ोटो लगाते रहो और हर सवेरे गुड मॉर्निंग के मैसेज भेजकर भी खुद सोते रहो।
हम लोग क्या कहने की कोशिश कर रहे हैं उसे पढ़ते तक नही आगे शेयर करना तो दूर की बात है।
जब मुगलों ने हमला किया था तो हम रियासतों में बंटे हुए थे, आज मुगलों की संतानें फिर से घात में हैं क्योंकि अब हम जाति और पार्टियों में बंटे हुए हैं।
हमारी बहादुरी में कमी नही है ,हमारी एकता में कमी है ।
ये फेसबुक एंटरटेनमेंट का अखाड़ा नही है बल्कि हम इसके जरिये क्या कर सकते हैंये हमसे ज्यादा उनको पता है ।
जब वो एक मोदी विरोधी पोस्ट करते हैं तो घण्टे भर में 10 हज़ार शेयर हो जाते हैं।
कभी उनकी वाल पर जाकर देखना की सपोर्ट क्या होता है..
और हम कितना भी धर्म की रक्षा का राग गा लें 50 लोग भी नही देखते पढ़ते
ये है हिन्दू की मानसिकता और हिन्दू की सोच…
फिर तुमको गुलाम बनाने से भगवान भी नही बचायेगा चाहे जितनी बार जय महाकाल लिख लो ???
अगर तुम्हें अपनी रक्षा करनी नही आती जिल्लत से जीने की आदत डाल लो क्योंकि जब तुम्हारी आँखों के सामने तुम्हारी इज़्ज़त नोची जायेगी तो तुम सर नीचा करके रोने के सिवाय कुछ नही कर पाओगे।

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