Home हमारे लेखकजलज कुमार मिश्रा इस देश में जब जब चुनाव आता है

इस देश में जब जब चुनाव आता है

by Jalaj Kumar Mishra
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इस देश में जब जब चुनाव आता है तब तब कुछ राजनीतिक गिद्ध लाशों की राजनीति करने पहुँच जाते हैं। चुनावी हार के बाद ये भेड़िए फिर जंगल में जा कर छुप जाते हैं। इनको तब सरोकार से कोई मतलब नही होता है। इनको सिर्फ बाॅटना आता है! ये जाति के नाम पर आपको बाटेंगे! सम्प्रदायों के नाम पर बाटेंगे लेकिन हम‌ सभी को बटना नही है। खुद भी होशियार रहना है और अगल बगल को‌ भी यथा शक्ति होशियार बनाना है। समझना है,समझाना है।

बाबा तुलसी ने लिखा है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक होने वाला था। राज्याभिषेक के एक दिन पहले राजा दशरथ ने भगवान श्रीराम को राजधर्म का पाठ पढ़ाया था। राजा दशरथ ने श्रीराम से कहा, पुत्र राम, कल आपका राज्याभिषेक है। आपको राजमुकुट पहनाया जाएगा, परंतु यह याद रखना, जो राजमुकुट पहनता है वह स्वयं को अपने राज्य और अपनी प्रजा को सौंप देता है। एक राजा होने का अर्थ है सन्यासी हो जाना। यहाँ तो उतरप्रदेश का सौभाग्य है कि उसको मुख्यमंत्री के रूप मे एक संयासी मिला हुआ है।

ये वही योगी आदित्यनाथ है जिनपर अमेरिकी मीडिया ने मुख्यमंत्री बनने पर अनाप-शनाप लिखा था, आज वो ही योगी जी के Covid-19 के बेहतर मैनेजमेंट के आगे सिर झुका कर प्रशस्ति गान लिख रहा है। माफिया और मवाली पानी माँग रहे हैं। लोगों को सुशासन मिल रहा है। उतरप्रदेश हर क्षेत्र में विकास के पथ पर दौड़ रहा है!

लखीमपुर तो झाँकी है! गिद्ध कहाँ कहाँ अभी और मडराएंगे! ये वहीं जानते हैं अगर उनको लाश नही मिला फिर वे लाश पैदा भी करेंगे जैसे उन्होने लखीमपुर में किया। क्योंकि उनको लाश को नोचकर अपना पेट भरने की आदत है। आपको हमको सचेत रहने की जरुरत है। गिद्ध कहीं से कभी भी हमला बोल सकते हैं।

आपको याद है कि जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहीं रोक सका तो मंदिर बनाने से कौन रोकेगा।” यह हिन्दू बहुसंख्यक देश में कहने के लिए समान्य सी बात लगती है लेकिन वामपंथी और कांग्रेसीयों ने मिलकर इस देश कि हिन्दू धमनियों में बहने वाले धर्म की जगह सेक्युलरिज्म का ऐसा जहर डाला कि जब नाथ सम्प्रदाय के महंथ और कोटी कोटी हिन्दू युवाओं के हृदय के हस्ताक्षर, वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुखिया आदरणीय योगी आदित्यनाथ ने जब उपरोक्त बातें कही तो यकीं मानिए उस समय एक अलग शंखनाद हुआ और आम जन को लगने कि बस अब बहुत जल्द सदियों से व्याप्त अंधेरा छटने वाला है और रामलला के दरबार में सूर्योदय होने वाला हैं।

आप अंदाजा लगाइए आपके अस्मिता के शिखर पुरुष राम के मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अगर 2014 से पहले के सेक्युलरिज्म रोग से ग्रसित भारत में आया होता और उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी महाराज मुख्यमंत्री नही होते फिर क्या दृश्य उत्पन्न होता! कैसा कैसा सेक्युलर नृत्य आँखों के सामने देखने को‌ मिलता!

आज हर हिन्दू को, जानते हैं योगी आदित्यनाथ पर क्यों गर्व है! क्योंकि आदरणीय योगी जी ने कभी सनातन प्रतीकों के साथ खिलवाड़ नही किया है। इस धरा पर दोषमुक्त सिर्फ ईश्वर है। योगी जी के कुछ विषयों से आप असंतुष्ट हो सकते हैं और होना भी चाहिए यह लोकतंत्र में होता है लेकिन उनके हिन्दुओं के प्रति निष्ठा पर संदेह नही कर सकते हैं। उनका साथ दीजिए वे उतरप्रदेश ही नही बल्कि हिन्दुस्तान के भविष्य हैं।

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