खबर की जेब से सच का बटुआ उड़ा दिया।
पिछले सप्ताह एक खबर आयी, अमेरिका के पेंटागन की रिपोर्ट के हवाले से आयी। खबर यह थी कि चीन ने भारतीय भूमि पर 4.5 किमी घुस कर बाकायदा एक गांव बसा लिया है। उस रिपोर्ट के सामने आते ही राहुल गांधी ने बुरी तरह क्रोधित होने का राजनीतिक ड्रामा शुरू कर दिया। न्यूजचैनलों के कैमरों के सामने बुरी तरह आगबबूला होने लगा। प्रधानमंत्री मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाने लगा। प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मांगने की सलाह भी देने लगा। राहुल गांधी की इस उछलकूद के शुरू होते ही न्यूजचैनलों ने ब्रेकिंग न्यूज वाला परपंच प्रारम्भ कर दिया। रोजाना न्यूजचैनली पंचायतें शुरू कर दीं। उन पंचायतों में कांग्रेसी प्रवक्ताओं नेताओं की फौज प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बुरी तरह बिफरने, बौराने लगी। अनाप शनाप, जो मन में आया वह बकने लगी।
अब यह भी जानिए कि पेंटागन की वह रिपोर्ट सच तो थी लेकिन पुरानी थी। उस खबर को 10 महीने पहले 18 जनवरी को भारत का सबसे बड़े देशभक्त, राष्ट्रवादी न्यूजचैनल NDTV अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित भी कर चुका था😂। लेकिन भारतीय सीमा पार कर 4.5 किमी अंदर घुसकर अरुणांचल में गांव बसा देने की अपनी लंबी चौड़ी खबर को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए NDTV अपनी उस खबर के अंत में एक पंक्ति में यह सच छापने के लिए भी मजबूर हुआ था कि सीमा पार कर 4.5 किमी अंदर घुसकर अरुणांचल प्रदेश की जिस जमीन पर चीन ने गांव बसाया है। उस जमीन पर चीन ने आज से 62 साल पहले 1959 में घुसकर कब्जा कर लिया था। भारत सरकार 1959 से ही अपने आधिकारिक मानचित्र में उस जमीन को चीन के कब्जे वाली भारतीय भूमि के रूप में ही दर्शाती आ रही है। लेकिन इस सच के बावजूद राहुल गांधी कई दिनों तक उस पूरी खबर का आल्हा गा गाकर प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध लाल-पीला, आगबबूला होने की राजनीतिक नौटंकी करता रहा और एक लाइन के सच को राजनीतिक धूर्तता के साथ पी गया। असत्य और अभद्रता से संक्रमित सड़कछाप राजनीति का ब्रांड अम्बेसडर बन चुका कांग्रेसी प्रवक्ता पवन खेड़ा भी उस पूरी खबर की जेब से सच का बटुआ किसी जेबकतरे की तरह उड़ाकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जम कर जहर उगलने में जुट गया। पूरी कांग्रेसी फौज उसी झूठ के नशे में धुत्त होकर नाचने लगी। शर्मनाक तथ्य यह है कि उस खबर पर कई दिनों तक कैबरे करते रहे तथाकथित राष्ट्रीय न्यूजचैनलों ने एक लाइन के उस सच से देश को दूर रखने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। उस सच को बुर्का पहना कर पूरी तरह ब्लैकआउट कर दिया। उस खबर के बहाने न्यूजचैनलों के एंकर एडिटर कई दिनों तक प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लौंडा डांस करते रहे।
अंत में यह स्पष्ट कर दूं कि सरासर सफ़ेद झूठ की धुन पर ऐसे सामूहिक मीडियाई लौंडा डांस अनायास, अचानक या त्रुटिवश नहीं किए जाते। इसके लिए लौंडा डांसरों को बहुत मोटा माल मिलता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जब जब इन लोगों का कोई भी लौंडा डांस शुरू होता है तो प्रधानमंत्री मोदी पर मेरा विश्वास और मजबूत हो जाता है। मैं समझ जाता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने देशहित में कोई बड़ा काम अवश्य कर दिया है।😊
पिछले सप्ताह एक खबर आयी, अमेरिका के पेंटागन की रिपोर्ट के हवाले से आयी। खबर यह थी कि चीन ने भारतीय भूमि पर 4.5 किमी घुस कर बाकायदा एक गांव बसा लिया है। उस रिपोर्ट के सामने आते ही राहुल गांधी ने बुरी तरह क्रोधित होने का राजनीतिक ड्रामा शुरू कर दिया। न्यूजचैनलों के कैमरों के सामने बुरी तरह आगबबूला होने लगा। प्रधानमंत्री मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाने लगा। प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मांगने की सलाह भी देने लगा। राहुल गांधी की इस उछलकूद के शुरू होते ही न्यूजचैनलों ने ब्रेकिंग न्यूज वाला परपंच प्रारम्भ कर दिया। रोजाना न्यूजचैनली पंचायतें शुरू कर दीं। उन पंचायतों में कांग्रेसी प्रवक्ताओं नेताओं की फौज प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बुरी तरह बिफरने, बौराने लगी। अनाप शनाप, जो मन में आया वह बकने लगी।
अब यह भी जानिए कि पेंटागन की वह रिपोर्ट सच तो थी लेकिन पुरानी थी। उस खबर को 10 महीने पहले 18 जनवरी को भारत का सबसे बड़े देशभक्त, राष्ट्रवादी न्यूजचैनल NDTV अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित भी कर चुका था😂। लेकिन भारतीय सीमा पार कर 4.5 किमी अंदर घुसकर अरुणांचल में गांव बसा देने की अपनी लंबी चौड़ी खबर को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए NDTV अपनी उस खबर के अंत में एक पंक्ति में यह सच छापने के लिए भी मजबूर हुआ था कि सीमा पार कर 4.5 किमी अंदर घुसकर अरुणांचल प्रदेश की जिस जमीन पर चीन ने गांव बसाया है। उस जमीन पर चीन ने आज से 62 साल पहले 1959 में घुसकर कब्जा कर लिया था। भारत सरकार 1959 से ही अपने आधिकारिक मानचित्र में उस जमीन को चीन के कब्जे वाली भारतीय भूमि के रूप में ही दर्शाती आ रही है। लेकिन इस सच के बावजूद राहुल गांधी कई दिनों तक उस पूरी खबर का आल्हा गा गाकर प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध लाल-पीला, आगबबूला होने की राजनीतिक नौटंकी करता रहा और एक लाइन के सच को राजनीतिक धूर्तता के साथ पी गया। असत्य और अभद्रता से संक्रमित सड़कछाप राजनीति का ब्रांड अम्बेसडर बन चुका कांग्रेसी प्रवक्ता पवन खेड़ा भी उस पूरी खबर की जेब से सच का बटुआ किसी जेबकतरे की तरह उड़ाकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जम कर जहर उगलने में जुट गया। पूरी कांग्रेसी फौज उसी झूठ के नशे में धुत्त होकर नाचने लगी। शर्मनाक तथ्य यह है कि उस खबर पर कई दिनों तक कैबरे करते रहे तथाकथित राष्ट्रीय न्यूजचैनलों ने एक लाइन के उस सच से देश को दूर रखने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। उस सच को बुर्का पहना कर पूरी तरह ब्लैकआउट कर दिया। उस खबर के बहाने न्यूजचैनलों के एंकर एडिटर कई दिनों तक प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लौंडा डांस करते रहे।
अंत में यह स्पष्ट कर दूं कि सरासर सफ़ेद झूठ की धुन पर ऐसे सामूहिक मीडियाई लौंडा डांस अनायास, अचानक या त्रुटिवश नहीं किए जाते। इसके लिए लौंडा डांसरों को बहुत मोटा माल मिलता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जब जब इन लोगों का कोई भी लौंडा डांस शुरू होता है तो प्रधानमंत्री मोदी पर मेरा विश्वास और मजबूत हो जाता है। मैं समझ जाता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने देशहित में कोई बड़ा काम अवश्य कर दिया है।😊