Home लेखक और लेखअवनीश पी ऍन शर्मा उत्तर प्रदेश के मुसलमान मतदाता – चुनावी समीक्षा 2022

उत्तर प्रदेश के मुसलमान मतदाता – चुनावी समीक्षा 2022

by Awanish P. N. Sharma
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उत्तर प्रदेश के मुसलमान मतदाताओं के पास कोई वजह नहीं है वर्तमान भाजपा सरकार को 2022 में वापस आने से रोकने की। देश के किसी भी हिस्से में लागू केंद्र या राज्य की सरकारी योजनाओं का पात्र होने की दशा में मुसलमान आबादी हर योजना का शत प्रतिशत लाभ लेता है। इसके लिए स्वयं को पात्र बनाने के सभी कागज तैयार रखता है। किसी भी योजना के लिए माँगे जाने वाले कागजों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा कागज देने की स्थिति में होता है।
उत्तर प्रदेश में इस आबादी ने सामान्य दिनों के अलावा मानवता के ऊपर भीषणतम संकट कोरोनाकाल के दौरान भी राज्य सरकार के बिना भेदभाव वाली कार्यशैली देखी है, उसका लाभ लिया है, ले रहा है और कागज दिखा-दिखा कर आगे भी सारे लाभ लेते रहने को तैयार है। 2019 लोकसभा चुनाव की ही तरह 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी मुसलमान मतदाता उदासीन मुद्रा में रहने जा रहा। इसके नतीजे में वह वोट डालने कम निकलेगा, इस चुनाव में मुसलमान मतदाताओं के मतदान में कमी आएगी।
मुसलमान मतदाता भाजपा को कितना वोट करेगा यह प्रश्न कभी निरर्थक रहा होगा लेकिन अब एक बहुत छोटा हिस्सा जो संभवतः प्रतिशत में भी नहीं आएगा ही चुपचाप कमल छाप भी करने लगा है। लेकिन यह कौम इस मामले को लेकर अपनों के बीच नजर में नहीं आना चाहती सो इसका रास्ता वोटिंग से दूर रह कर निकाल लेती है।
यही स्थिति 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भी उत्तर प्रदेश के मुसलमान मतदाताओं की रही। वोटिंग के दिन आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के ढेर सारे मतदान केंद्रों पर जाकर मैंने और मेरे साथियों ने इसे खुद महसूस किया। आजमगढ़ शहर के बीच बहुसंख्यक मुसलमान आबादी वाले क्षेत्र के मशहूर शिबली कालेज के बड़े मतदान केंद्र पर सुबह 10 बजे मामूली भीड़ रही तो शाम 3 बजे के लगभग कालेज में बने आधा दर्जन बूथों पर सन्नाटा पसरा दिखा। कालेज के बाहर पार्टियों के पर्ची काउंटरों पर एक अकेले भाजपा के स्टाल से कुछ लोग पर्ची बनवाते तो दिखे बाकी सारे काउन्टर किसी मतदाता की प्रतीक्षा करते भी न दिखे।
2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने और उस सरकार में 2 साल बिताने के बाद 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुसलमान मतदाताओं के पास केंद्र में भाजपा सरकार की वापसी रोकने की कोई वजहें नहीं थीं… अब पाँच साल पूरा करने जा रही उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की वापसी रोकने की भी कोई वजह उसके पास नहीं है।
इस सबके साथ मुसलमान मतदाता यह जानता है और उसे यकीन हो चला है कि मजहबी आधार पर वोट की चोट करके वह वर्तमान सरकार की वापसी रोक भी नहीं सकेगा… तो एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुसलमान मतदाता के पास भाजपा सरकार की वापसी रोकने की कोई वजह नहीं है।
(#अवनीश पी. एन. शर्मा)

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