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द गॉडफादर : माइकल का कोरलियॉन परिवार और मोदी जी का भारत

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जब से किसान बिल 2020 के विरोध में पंजाब के किसानों के नेतृत्व में किसान आंदोलन शुरू हुआ है और वे दिल्ली में घुस कर, केंद्र सरकार को घेर रहे है, तब से इसको लेकर, कई नकारात्मक लेख पढ़ चुका हूँ। वैसे तो ज्यादातर यह लेख मोदी विरोधियों के है लेकिन कुछ तटस्थ बौद्धिकों और उथले राष्ट्रवादियों व हिंदूवादियों के भी है। इन लेखों में लोगो की सामान्य आलोचना यही रही है कि मोदजी इस आंदोलन को पढ़ने में चूक गये है और वे पिछले वर्ष की भांति, सीएए के विरोध में हुए शाहीनबाग़ के धरने की पुनरावृत्ति रोकने में असफल रहे है। इन लेखकों को इसमे, मोदी सरकार के आंतरिक सुरक्षातंत्र की विफलता व स्वयं मोदी जी की विपक्ष को लेकर राजनैतिक समझ व दंडाधिकारी के रूप में प्रशासकीय क्षमता कमजोर दिखाई देती है। 

अब जब इस किसान आंदोलन के समर्थन में संपूर्ण विपक्ष खड़ा दिख रहा है और वामियों की सहभागिता में, किसान वेश में खालिस्तानी व इस्लामिक तत्वों के मुंड दिखने लगे है, तब ऐसे लेखकों को अपने से यह प्रश्न पूछना चाहिए कि जिस नरेंद्र मोदी जी ने अकेले दम पर, लंबी लंबी लकीरों को खिंचते हुये कांग्रेस को धूलधूसरित, कई विपक्षी दलों को अप्रासंगिक, वामपंथियों को दरिद्र, धर्मनिरपेक्षता को ओढ़े भेड़ो को अपने मूल भेड़िया रूप में सार्वजनिक आने को विवश, पाकिस्तान को विश्व में व्यावर्तक व कंगाल और चीन को सैन्य व आर्थिक रूप से चोटिला किया हो, वे क्या वाकई इस बार चूक गये है? या देश को जलाने वाले इस आंदोलन की गहराई में क्या कुछ ऐसा है, जो वे नही देख पारहे है? मैं समझता हूँ कि वे जो देख व समझ नही पारहे है वह शायद, मुझे दिखने के साथ समझ भी आ रहा है। 

मैं अपनी बात 1975 में आयी फ्रांसिस फोर्ड कोप्पोला की क्लासिक फ़िल्म ‘द गॉडफादर पार्ट ll’ के मुख्य पात्र माइकल कोरलियॉन के माध्यम से समझाने का प्रयास करता हूँ।  इस फ़िल्म के प्रथम भाग, ‘द गॉडफादर’, का अंत, माइकल कोरलियॉन का अपने पिता, कोरलियॉन परिवार के प्रमुख व न्यूयॉर्क के सबसे शक्तिशाली माफिया डॉन वीटो कोरलियॉन की मृत्यु के उपरांत, अपने परिवार के सभी शत्रुओं, जिसमे उसका सगा बहनोई भी होता है, को मारवा कर, माफिया डॉन बन जाता है। एक ऐसा चरित्र है जो अपने कोरलियॉन पारिवार के आपराधिक व्यवसाय से दूर था लेकिन पिता डॉन वीटो पर शत्रुओं द्वारा किये गए जानलेवा हमले का बदला लेने के लिए न्यूयॉर्क पुलिस कप्तान की हत्या कर, इस अपराध की दुनिया मे परिस्थिति वश आया है। फ़िल्म के अंत मे अपनी पत्नी डायना से वादा भी करता है कि अगले 10 वर्षों में कोरलियॉन परिवार, अपने सभी अवैध कामो को छोड़, पूरी तरह वैध व्यवसायों में चला जायेगा और परिवार, न्यूयॉर्क छोड़ वेस्ट कोस्ट में बस जाएगी। 

अब आते है ‘द गॉडफादर पार्ट ll’ पर, जहां कहानी की शुरुवात माइकल के पुत्र की प्रथम कम्यूनियन पार्टी से होती है। कोरलियॉन परिवार, न्यूयॉर्क की आपराधिक दुनिया को छोड़ कर, नवादा, कैलिफ़ोर्निया में बस गया है। वहां समारोह के साथ माइकल, कोरलियॉन परिवार के डॉन के रूप में लोगो से अलग से मिल भी रहा है। नवादा का सीनेटर पैट गैरी, माइकल से कहता है कि कैसिनो चलाने के लिए जिन 4 होटलों को वो बेनामी खरीदना चहता है, वहां उसके लाइसेंस के लिए घुस देनी होगी। माइकल के इनकार करने पर वह धमकी देता है। यह माइकल के लिए अप्रत्याशित था क्योंकि न्यूयॉर्क में सारे सीनेटर कोरलियॉन परिवार से बंधे हुए थे। सीनेटर की धमकी यही प्रदर्शित करती है कि कोरलियॉन फैमिली की शक्ति का ह्रास हो रहा है। 

उसके बाद मियामी के हरमन रोथ, जो एक बुजुर्ग यहूदी मोबस्टर है और माइकल के पिता डॉन वीटो के साथ अवैध शराब के कारोबार का साथी था, का सहायक जॉनी ओला मिलता है। माइकल, हरमन के साथ क्यूबा में होटल/कैसिनो में निवेश करने जारहा है। वो माइकल को बताता है कि रोथ ने संदेश भेजा है कि माइकल जिन लोगों को हटाकर, 4 होटलों पर कब्ज़ा करना चाहता है, उससे हरमन रोथ को कोई आपत्ति नही है। माइकल धन्यवाद कहता है लेकिन इससे आभास मिलता है कि कोरलियॉन परिवार का ताप कमजोर हो गया है और माइकल को अपने भविष्य की योजनाओं में रोथ की सहमति व साथ की आवश्यकता है।

इसके बाद न्यूयॉर्क में, डॉन वीटो के पुराने घर मे रहने वाले और वहां कोरलियॉन परिवार के अंतर्गत आपराधिक साम्राज्य चलाने वाला फ्रैंकी पेंटेंगेली मिलता है। माइकल उससे कहता है कि ब्रोंक्स के तीन क्षेत्र रोसातो भाइयों को देने थे लेकिन तुमने उन्हें नही दिए, इसपर फ्रैंकी विरोध करता है। वह कहता है कि वो नही देगा क्योंकि वे लोग, हरमन रोथ क समर्थन के कारण कोरलियॉन परिवार की नीतियों के विरुद्ध आचरण और उसका अपमान करते है। इस पर माइकल उसको समझाता है कि वह हरमन रोथ के साथ एक महत्वपूर्ण व्यवसाय में जुड़ने वाला है और इसी कारण वह चाहता कि फ्रैंकी, रोसातो भाइयों से सुलह कर, उनको तीनो क्षेत्र दे दे। इस पर फ्रैंकी पेंटेंगेली, माइकल से गुस्सा हों कर चला जाता है।

इन तीन मुलाकातों का संदेश यही है कि माइकल कोरलियॉन पूर्व की तरह शक्तिशाली नही है और उसे हरमन रोथ के सहयोग की आवश्यकता है।

उसी रात माइकल के घर पर उसे व उसके बीवी बच्चों की हत्या करने के लिए आक्रमण होता है, जिसमे वह बाल बाल बच जाता है। माइकल इस हमले से बुरी तरह तिलमिला जाता है और अपने पारिवारिक वकील मित्र टॉम हैगन को बुलाता है। उससे कहता है कि उसके घर पर जो आक्रमण हुआ है और यह बिना अंदर के सहयोग के संभव नही है। अब किसी पर भी विश्वास नही किया जासकता है। माइकल कहता है कि उसके पिता ने सिखाया है की ‘हमे वैसा ही सोचना चाहिए जैसे हमारे अगल बगल के लोग सोचते है और इस आधार पर कोई भी हो सकता है(Try to think as people around you think. Now on that basis, anything’s possible)’। 

इसके बाद माइकल, हरमन रोथ से मिलने मियामी जाता है। वो हरमन से कहता है कि मैं यहां इसलिये आया हूँ क्योंकि अब रक्तपात होने वाला है और आप को पहले से ही बताने आया हूँ ताकि कोई गैंगवार शुरू न हो। रोथ के यह कहने पर कोई भी नया गैंगवार नही चाहता है, माइकल बताता है कि फ्रैंकी पेंटेंगेली उसके पास रोसातो भाइयों की हत्या करने की आज्ञा लेने आया था लेकिन अनुमति न मिलने से नाराज़ फ्रैंकी ने, उसकी हत्या के लिए, आक्रमण करवाया है। अब शीघ्र ही फ्रैंकी की हत्या होगी लेकिन वह नही चाहता है कि इससे रोथ के साथ भविष्य की योजनाएं व क्यूबा वाली डील प्रभावित हो।

इस पर हरमन रोथ उसे आश्वासन देता है कि फ्रैंकी पेंटेंगेली की हत्या का उसपर कोई प्रभाव नही है, वो सिर्फ माइकल के साथ भविष्य देख रहा है।वहां से माइकल न्यूयॉर्क, अपने पुराने घर जाता है जहां पर अब फ्रैंकी पेंटेंगेली रह रहा है। वह फ्रैंकी से कहता है कि उसकी हत्या का प्रयास हुआ है और वो बदला लेने में फ्रैंकी की सहायता चाहता है। माइकल कोरलियॉन कहता है कि तुम, रोसातो भाइयों को ब्रोंक्स के तीनों क्षेत्र दे कर दोस्ती कर लो। इस पर फ्रैंकी असहज हो जाता है और माइकल से कहता है कि मैं तुम्हारी तरह बड़े धंधे को समझने की बुद्धि नही रखता हूँ लेकिन इतना समझता हूँ कि रोसातो भाइयों से सड़क पर ही निपटा जासकता है क्योंकि हरमन रोथ उनके पीछे है। 

इस पर माइकल, फ्रैंकी से कहता है की वह इसीलिए चाहता है कि रोसातो भाइयों से तुम संधि कर लो क्योंकि उसे मालूम है कि उसकी हत्या के पीछे हरमन रोथ है। फ्रैंकी यह सुनकर चौकता है तो माइकल फिर कहता है, फ्रैंकी हम उसी कमरे में बैठे है जहां मेरे पिता ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। उन्होंने मुझे सिखाया है कि ‘अपने दोस्तों को करीब रक्खो लेकिन शत्रुओं को और भी पास रक्खो(Keep your friends close but your enemies closer)।’ हरमन रोथ, मेरे द्वारा रोसातो भाइयों और तुम्हारे बीच की गई मध्यस्तता को रोसातो भाइयों की असफलता मानेगा और यही समझेगा की मेरे उसके बीच के संबन्ध अभी अच्छे है। मैं चाहता हूँ की हरमन मेरी उसकी दोस्ती को लेकर बड़ा विश्वासी बना रहे और इत्मीनान में रहे क्योंकि मुझको तभी यह पता चल पायेगा की मेरे परिवार में वह कौन है, जिसने विश्वासघात किया है।

माइकल, अंत मे सफल होता है लेकिन उस अंत तक पहुंचने में उसे, हरमन रोथ और रोसातो भाइयों के सामने फ्रैंकी पेंटेंगेली को बलि का बकरा बनाना पड़ता है, परिवार के जिस विश्वासघाती को वह ढूंढ रहा था, वह उसका ही सगा बड़ा भाई फ्रेडो है जान कर, इस आघात को सहना पड़ता है, माँ बहन द्वारा फ्रेडो को क्षमा किये जाने की बात मान लेता है लेकिन मां की मृत्यु के बाद, कोरलियॉन परिवार के आभामंडल और सुरक्षित भविष्य के लिए, परिवार से विश्वासघात करने के दण्डस्वरूप, सगे भाई फ्रेडो की हत्या भी करवानी पड़ती है, यहां तक की कोरलियॉन फैमिली के स्थायित्व के संघर्ष में, उसे पत्नी को भी जीवन से निकालना पड़ता है। माइकल, कोरलियॉन परिवार को वैधानिक बनाने व बचाने के लिए बहुत कुछ खोता है।

मैने यहां इतने विस्तार में इसलिये लिखा है ताकि लोग, मोदी सरकार की राष्ट्रविरोधियों को समूल नष्ट करने के पीछे की रणनीति व धैर्य की आवश्यकता को समझ सके। लोगो को, पिछले सात दशकों से भारत मे पाले गये भारत व हिन्दू विरोधी तत्वों का समूल नष्ट करना, जितना आसान लगता है, वैसा है नही। क्योंकि ये तत्व राजनैतिक दलों द्वारा पोषित, प्रशासनिक/न्यायिक ढांचे से संरक्षित व स्वयं भारत की  तथाकथित धर्मनिरपेक्ष व लिबरल जनता द्वारा समर्थित है। ये शक्तिशाली है, ये रक्तबीज है। मोदी सरकार एक को कटेगी, तो धरती पर पड़े रक्त से दूसरा खड़ा हो जाएगा। इनको एक एक करके नष्ट नही किया जासकता है। इनका नाश समूल ही किया जासकता है और उसके लिए यह आवश्यक है कि वे सभी असुर, जो अब तक भेष बदले हुए है, वे अपने रूप में सार्वजनिक हो जाये। वे जितना सरकार को कमजोर समझ, अपने अपने कलेवर उतार,  अराजकता करेंगे, उतना ही उनकी सर्वजन में स्वीकारोक्ति कम और उनके प्रति आक्रोश बढ़ता जाएगा। यही, मोदी जी द्वारा भविष्य में लिए जाने वाले निर्णयों को नैतिकता प्रदान करेगी।

भारत की जनता को 2014 के बाद से राष्ट्रवादिता, हिंदुत्व व स्वयं नरेंद्र मोदी जी के विरोध में सजाये गये कथानकों और इस आड़ में खड़े किए गए विभिन्न आंदोलनों में भागी बने लोग व उनको राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन दे रही शक्तियों को देख कर लगता था की अब सभी भारताहन्ता सामने आगये है, लेकिन 2020 ने जाते जाते, खालिस्तानियों को भी, किसान का भेष धारण किये, सड़क पर लाकर खडा दिया है। शायद आर्मागेडन के लिए इसी की कमी थी। आज इसीलिए भारत, इन्ही खालिस्तानियों को किसान से अलग कर रहा है। मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि मोदी जी, इन अराजकतावादी तत्वों को आखरी छोर तक ढील देंगे। वे सरकार से दमन करवाना चाहेंगे लेकिन सरकार उससे पीछे हटती रहेगी। सरकार धैर्य रक्खेगी और वो इन तत्वों का धैर्य खो कर, बड़े पैमाने में हिंसात्मक व अराजक होने जाने का सुनियोजित खतरा उठाएगी। लोग इसको मोदी जी की कमजोरी मान सकते है लेकिन मैं इसे सुनियोजित रणनीति मानता हूँ। भारत आज, इन भारताहन्ताओं से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और मुझे पूर्ण विश्वास है की मोदी जी, भारत के अस्तित्व की इस लड़ाई को जीतने के लिए किसी भी सीमा तक जाएंगे। माइकल ने कोरलियॉन परिवार की जीत के लिए बड़ी से बड़ी कीमत दी थी और हमे भी इस जीत के लिए बड़ी कीमत देनी होगी। मैं इस लड़ाई के अंतिम परिणामो को लेकर आश्वस्त हूँ लेकिन इसके साथ यह भी जानता हूँ कि भारत की इस जय से पहले, मोदी जी के साथ, भारत की जनता को भी कई दवानलों से झुलसना होगा।  

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