समाजिक बहिष्कार!

by Jalaj Kumar Mishra
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पेड बुद्धिजीवियों, लालची लिब्रलों और मक्कार विधर्मीयों को सोचना चाहिए कि हिन्दू कितना भी उग्र हो जाये किन्तु वह क्रूर नही हो सकता है। अत्याचार करोगे तब उसका‌ दण्ड तो भोगना ही होगा!तुम जैसे लोगों का सबसे भयानक दण्ड है तुम्हारा समाजिक बहिष्कार! लोग धीरे धीरे जाग रहें हैं और समझ रहे है कि अगर वे अब भी नही संभले तो उनका भी वहीं हाल होगा जो आज अफगानिस्तान में सिखों का हुआ! अपने और परायों की पहचान शुरु हो चुकी है! अभी भी वक्त है तुम लोग संभल जाओ वरना रोने और भागने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नही होगा !

अब वह दौर गया जब तुम लोग अपने गलत नेगेटिव नैरेटिव भी स्थापित कर लेते थे और कोई कुछ कहता नही था। अब लोग एकाउन्टेबल हो रहे हैं। तुमको अपने हर एक कुकर्म का यहीं‌‌ हिसाब और जबाब देना होगा! तुम शर्म से अब ना अपना मुँह छिपा सकते हो और ना ही थेथर जैसे हीहीही करके अपनी बात! तुम नास्तिक होकर बने रह सकते हो लेकिन हमारे धर्म और हमारे लोगों पर अत्याचार कर के बने के तुम्हारे दिन अब समाप्त हो चुकें‌ हैं।

एक तस्वीर सोशल मीडिया में तैर रही है जिसमें हमारे कुछ सिख भाई अपने धर्मग्रन्थ को लेकर वापस हिन्दुस्तान वापस आ रहें हैं। यह तस्वीर युगों युगों तक विधर्मीयों के छल और दमन की‌ गवाही देती रहेगी। अब हमने अपने बच्चों को सिखाना शुरु कर दिया है कि जो हमारे धर्म के साथ नही है इसका सीधा मतलब है कि वह अधर्म के साथ है। हमारे भगवान से स्पष्ट कहा है कि धर्म कि रक्षा के लिए शस्त्र उठाना शास्त्रोक्त हैं।‌ वह दिन‌ लद गये जब लोग चुपचाप तुम्हारे अत्याचार सहन कर लेते थे। अभी भी वक्त है सुधर जाओ को हिन्दुस्तान कि इस मिट्टी के हिसाब से ढलना शुरु कर दो! हिन्दुओं ने हर किसी को‌ हिन्दुस्तान में शरण दिया है। सोचना कभी कि अगर तुमको यहाँ से भागना पड़ा फिर कौन देगा तुमको जगह! हिन्दुस्तान भगाए गये लोगों को विश्व में कही जगह नही मिलेगी इतना सनद तो रहना ही चाहिए।

नोट : CAA क्यों जरुरी है उसकी महत्ता केवल इस एक तस्वीर से समझी जा सकती है। सिख अब अफगानिस्तान में समाप्त हो गये।

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