हिंदी कहानी को समकालीन दुनिया से जोड़ने वाले कमलेश्वर का इस तरह बिछड़ के जाना बहुत सालता है। उन के निधन के कुछ दिन पहले ही जब उन से फ़ोन पर बात हुई तो वह अपनी कई योजनाओं के बारे…
दयानन्द पांडे
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दयानन्द पांडेराजनीति
मोदी नाम का दीमक कांग्रेस को चाट कर खत्म किये जा रहा है ?
by दयानंद पांडेय 29 viewsमोदी नाम का एक दीमक कांग्रेस को चाट कर कैसे खत्म किए जा रहा है , कांग्रेस को पता ही नहीं बहुत शोर था एक समय कश्मीरियत का। अब पंजाबियत का सुन रहा हूं। समझ नहीं आता कि हिंदुस्तानियत कहां…
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दयानन्द पांडेमुद्दाराजनीतिलेखक के विचारसामाजिक
हुसैनीवाला बार्डर के बहाने…
by दयानंद पांडेय 22 viewsहुसैनीवाला बार्डर के बहाने कांग्रेस ने अपने ताबूत में एक और कील ठोंक ली कोई माने न माने पर मेरा स्पष्ट आकलन है कि हुसैनीवाला बार्डर पर जल्दी ही भाजपा एक रैली फिर से आयोजित करेगी और नरेंद्र मोदी…
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अपराधअर्थव्यवस्थादयानन्द पांडेराजनीति
पीयूष जैन और टोटी यादव का राजनीतिक भ्रष्टाचार
by दयानंद पांडेय 21 viewsकानपुर में डेढ़ सौ करोड़ रुपए की जो इत्र की नक़द गमक मिली है , अगर ठीक से जांच हो जाए तो तय मानिए कि इस नक़दी से लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग से उखड़ी टाइल और टोटी की भी गंध…
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यह उस के लिए कोई नया अनुभव नहीं था। पर अनुभव तो था ही। प्रेम उस ने कई बार किया था। जो लोग कहते हैं कि प्रेम सिर्फ एक बार होता है, उसे उन लोगों पर तरस आता है। उस…
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बरसों बाद वह इस अपने पुराने शहर आया था। पुरानी यादों में डूबता उतराता। साथ में अपने एक ख़ास दोस्त को भी लाया था। लाया क्या था वह खुद नत्थी हो कर आ गया था। नत्थी हो कर आया था…
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राम अवतार बाबू बिलकुल निराले किसिम के आदमी थे। वह जब पढ़ते थे तब भी बहुत अलग-अलग से रहते थे। उनका ज्यादातर समय तालाब के किनारे, बाग में या गाय भैंसों के बीच गुजरता था। लगता था जैसे मानव संसार…
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सुनीता का पति उसे घूरता, तरेरता चला गया। मुनक्का राय तब घर पर ही थे। सुनीता के पति के चले जाने के बाद वह मुनमुन से बोले, ‘बेटी क्या अपनी विपत्ति कम थी जो दूसरों की विपत्ति भी अपने सिर…
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नया संपादक मुख्यमंत्री का सिफ़ारिशी था। मुख्यमंत्री ने उसे संपादक बनाने के लिए कई लाख रुपए विज्ञापन के मद में एडवांस सूचना विभाग से अख़बार को दिलवा दिए। मुख्यमंत्री कांग्रेसी था पर संपादक भाजपाई भेजा उस ने। जातीय गणित के…
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‘मेरी शादी नहीं की आप ने आठ-दस लाख ख़र्च कर के।’ वह बोली, ‘अपना बोझ उतार कर मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी।’ ‘क्या बात करती हो?’ ‘ठीक कह रही हूं।’ वह लपक कर एक फ़ोटो अलबम दिखाती हुई बोली, ‘देखिए…