कल्कि पुराण हिन्दुओं के विभिन्न धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथों में से एक हैं यह एक उपपुराण है। इस पुराण में भगवान विष्णु के दसवें तथा अन्तिम अवतार की भविष्यवाणी की गयी है और कहा गया है कि विष्णु का अगला अवतार (महा…
पुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)
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Digital Marketingज्ञान विज्ञानपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)साहित्य लेख
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by Praarabdh Desk 115 viewsSchema markup is also known as Structured Data it helps you make more easier your web page information to search engine as a machine code form (0,1) for providing best results to your user Structured data organizes your page’s content…
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इतिहासईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकशरद कुमार वर्मा
रामायण – कहानी दासी मंथरा की भाग 2
by Sharad Kumarby Sharad Kumar 224 viewsभगवान विष्णु से बदला लेने के लिए लिया पुनर्जन्म इंद्र के वज्र के प्रहार से भक्त पहलाद के पुत्र विरोचन की पुत्री मंथरा की मृत्यु तो हो गयी, किंतु मंथरा ने भगवान विष्णु से बदला लेने की ठान ली क्योंकि वह सोचती…
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नयाअपराधकहानियापुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)मधुलिका यादव शची
गांव में चोरी भाग 1
by मधुलिका यादव शची 162 viewsदरोगा जी जो इन्क्वायरी करने आये थे वो बहुत ही अनुभवी थे, वो ट्रेनिंग में अक्सर बताया करते थे कि जिस तरह से मृत होने के बाद मनुष्य की आत्मा वहां थोड़ी देर के लिए रुककर हंसती है वैसे ही…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)लेखक के विचारसामाजिक
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड अंतिम भाग
by सुमंत विद्वन्स 262 viewsसीता जी का यह अपमान देखकर लक्ष्मण को बहुत क्रोध आया किन्तु श्रीराम ने संकेत में उन्हें कुछ समझाया और तब लक्ष्मण ने सीता के लिए के लिए चिता तैयार कर दी। श्रीराम वहीं सिर झुकाए खड़े थे। उनकी परिक्रमा…
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इतिहासईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग-118
by सुमंत विद्वन्स 185 viewsलंका पहुँचकर इन्द्रजीत ने एक स्वर्णभूषित रथ को सजवाया और उस पर प्रास, खड्ग, बाण आदि सामग्री रखवाकर घोड़े जुतवाए। फिर एक कुशल सारथी को लेकर वह पुनः नगर से बाहर निकला और उसने विभीषण एवं लक्ष्मण पर फिर आक्रमण…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 117
by सुमंत विद्वन्स 230 viewsविभीषण की कड़वी बातें सुनकर इन्द्रजीत को बड़ा क्रोध आया। वह अपने रथ को आगे बढ़ाकर तुरंत सामने आ खड़ा हुआ। उसने अपने हाथों में धनुष-बाण उठा लिया था और उसका खड्ग एवं अन्य आयुध भी वहीं रखे थे। अपने…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)सच्ची कहानियांसामाजिकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 116
by सुमंत विद्वन्स 203 viewsइन्द्रजीत जैसे ही अपने रथ पर बैठा, उसकी राक्षस-सेना भी उसके आसपास एकत्र हो गई। तब हनुमान जी ने भी एक विशाल वृक्ष को उखाड़ लिया और राक्षसों पर प्रहार करने लगे। यह देखकर राक्षस भी अपने शूलों, तलवारों, शक्तियों,…
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नयाजाति धर्मदेवेन्द्र सिकरवारपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)मुद्दालेखक के विचारसाहित्य लेख
#हिंदू_हिंदुत्व_हिंदुस्थान_1
by देवेन्द्र सिकरवार 205 viewsपिछले हजार वर्षों के निरंतर विदेशी आक्रमणों ने यों तो हिंदू समाज को कई स्तरों पर नुकसान पहुंचाया लेकिन सर्वाधिक नुकसान जिस स्तर पर पहुँचा, वह था ‘जातीय आत्मविश्वास’। इस्लाम ने कहा, “तुम्हारा बहुदेववादी मार्ग झूठा है, एकेश्वरवाद ही सत्य…
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ऐतिहासिकईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकभारत वीरसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 115
by सुमंत विद्वन्स 222 viewsहनुमान जी शीघ्र ही अपनी सेना के साथ श्रीराम के पास आए और दुःखी मन से उन्होंने कहा, “प्रभु! हम लोग युद्ध में लगे हुए थे कि तभी इन्द्रजीत ने हमारे सामने ही सीता जी का वध कर डाला। वह…