मकराक्ष की मृत्यु के बारे में सुनकर रावण बड़ा चिंतित हुआ। उसने अत्यंत क्रोधित होकर अब अपने पुत्र इन्द्रजीत को युद्ध के लिए जाने की आज्ञा दी। यह आज्ञा सुनकर इन्द्रजीत ने पिता को प्रणाम किया और युद्ध की तैयारी…
पुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्ध काण्ड भाग 113
by सुमंत विद्वन्स 263 viewsवानरों ने जब अंगद को मूर्च्छित होकर भूमि पर गिरते हुए देखा, तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना श्रीराम को दी। यह समाचार मिलने पर श्रीराम ने जाम्बवान, सुषेण और वेगदर्शी आदि को युद्ध के लिए जाने का आदेश दिया। आज्ञा…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसच्ची कहानियांसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्ध काण्ड भाग 112
by सुमंत विद्वन्स 221 viewsअब सुग्रीव ने आगे के युद्ध की योजना बनाकर हनुमान जी से कहा, “कुम्भकर्ण मारा गया और रावण के अनेक पुत्रों का भी संहार हो गया। अब लंका की रक्षा का प्रबन्ध कोई नहीं कर सकता। अतः अपनी सेना के…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 111
by सुमंत विद्वन्स 170 viewsश्रीराम और लक्ष्मण को मूर्च्छित देखकर वानर-सेना में विषाद छा गया। तब विभीषण ने उन सबको समझाते हुए कहा, “वानर वीरों! आप लोग भयभीत न हों। ये दोनों भाई केवल मूर्च्छित हुए हैं। इनके प्राणों पर कोई संकट नहीं आया…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)साहित्य लेख
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 110
by सुमंत विद्वन्स 214 viewsअतिकाय के मरने का समाचार सुनकर रावण उद्विग्न हो उठा। वह बड़बड़ाता हुआ बोला, “धूम्राक्ष, अकम्पन, प्रहस्त और कुम्भकर्ण जैसे महाबली राक्षस कभी किसी शत्रु से पराजित नहीं होते थे, किन्तु राम ने उन सबका संहार कर डाला। मेरे पुत्र…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 109
by सुमंत विद्वन्स 177 viewsदेवान्तक के मारे जाने से त्रिशिरा को बड़ा क्रोध हुआ और उसने नील पर अपने पैने बाणों की वर्षा आरम्भ कर दी। महोदर भी एक हाथी पर सवार होकर आ गया और उसने भी नील पर बाणों की विकट वर्षा…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसामाजिकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 108
by सुमंत विद्वन्स 255 viewsकुम्भकर्ण के मारे जाने पर बचे-खुचे राक्षस युद्धभूमि से भाग खड़े हुए। रावण के पास पहुँचकर उन्होंने कुम्भकर्ण के वध का समाचार सुनाया। ‘कुम्भकर्ण युद्धभूमि में मारा गया’, यह सुनते ही रावण शोक-संतप्त होकर भूमि पर गिर पड़ा और मूर्च्छित…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसामाजिकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 107
by सुमंत विद्वन्स 234 viewsद्विविद ने एक बड़ा पर्वत उठाकर कुम्भकर्ण की ओर फेंका। वह उस राक्षस तक नहीं पहुँचा, किन्तु उसकी सेना पर जाकर गिरा और उसने अनेक घोड़ों, हाथियों व राक्षसों को कुचल डाला। इससे कुपित होकर राक्षस-सेना के रथियों ने भी…
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इतिहासऐतिहासिकज्ञान विज्ञानदेवेन्द्र सिकरवारपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)
मध्यएशिया व भारत – जेएनयू में दिए गए वक्तव्य का विस्तार : भाग 5
by देवेन्द्र सिकरवार 170 viewsशक पह्लव कुषाण हूणों का भारत की ओर ऐतिहासिक क्रमिक विस्थापन द्वितीय शताब्दी ईसवी पूर्व में इस घटनाक्रम का प्रा रंभ ‘हिउंगनु या जियोंग्नू’ तथा ‘वु सुन’ के साथ संघर्ष से हुई।इनसे मूलतया यह प्रतीत होता हैं कि लगभग ईसा…
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इतिहासईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)सामाजिकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 106
by सुमंत विद्वन्स 258 viewsमहोदर ने आगे कहा, “कुम्भकर्ण! ऐसी बात नहीं है कि महाराज रावण नीति और अनीति को नहीं जानते हैं। धर्म, अर्थ और काम को समझने की बुद्धि तुम्हारे पास नहीं है, इसी कारण तुम ऐसी निरर्थक बातें कर रहे हो।…