यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थों धनुर्धरः। तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥ ‘ जहाँ योगेश्वर श्रीकृष्ण हैं और जहाँ धनुर्धर पार्थ हैं वहीं विजय है, लक्ष्मी है, कल्याण और शाश्वत नीति है, ऐसा मेरा अभिप्राय है’ ऐसा महर्षि व्यास ने गीता…
Akansha Ojha
-
-
Akansha Ojhaईश्वर भक्तिसामाजिकसाहित्य लेख
विश्वकर्मा को दो घोड़ों से युक्त एक दिव्य रथपर वेगसे चलते हुए दिखाया गया
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 60 viewsविश्वकर्मन् नमस्तेऽस्तु विश्वात्मन् विश्वसम्भव । अपवर्गोऽसि भूतानां पञ्चानां परतः स्थितः ॥ (महा०, शान्ति० ४७/८५) ‘हे विश्वकर्मन् ! यह सम्पूर्ण विश्व आपकी रचना है, आप समस्त विश्वके आत्मा और उत्पत्तिस्थान हैं तथा पाँचों भूतों से अतीत होने के कारण नित्यमुक्त हैं,…
-
नयाAkansha Ojhaईश्वर भक्तिलेखक के विचार
काशी विश्वनाथ में स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क देय होगा
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 138 viewsदो खबरें आयी और दोनों ही गलत नही। पहली काशी विश्वनाथ में अब स्पर्श दर्शन के लिए 500-1000.शुल्क देय होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा यह निर्णय लिया और पारित हुआ दूसरी खबर इसके खंडन में आयी कि कोई शुल्क…
-
नयाAkansha Ojhaअर्थव्यवस्थाभारत निर्माणमुद्दाराजनीति
अडानी-हिंडेनबर्ग गाथा
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 168 viewsजैसा कि आप में से कुछ लोगों ने सुना होगा, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही की अडानी-हिंडेनबर्ग गाथा के प्रकाश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अपना खुलासा अडानी समूह को प्रस्तुत करने के लिए कहा है। यह खबर…
-
मुद्दाAkansha Ojhaलेखक के विचारसामाजिक
वाराणसी में नहर बनाने को लेकर हुआ 12 करोड़ का भ्रष्टाचार
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 130 viewsकाशी में गंगा के किनारे रेती पर नहर खोदी गयी जो डूब गयी। नहर बनाने को लेकर जो करीब 12 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ, अवैध बालू खनन का व्यापार व्यापक तौर पर स्थपित हुआ। लूट के इस खेल में वाराणसी…
-
अपराधAkansha Ojhaइतिहास
कोरेगाँव भीमा युद्ध की कहानी का इतिहास
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 144 views31 अक्तूबर, 1817 को रात 8 बजे ईस्ट इंडिया कंपनी के कप्तान फ्रांसिस स्टोंटो ने नेतृत्व में 500 सैनिकों, 300 घुड़सवारों, 2 बंदूकों और 24 तोपों के साथ एक सैनिक दस्ता पूना से रवाना हुआ। रातभर चलने के बाद अगले…
-
ईश्वर भक्तिAkansha Ojhaसामाजिकसाहित्य लेख
भगवान शिव को ही रुद्र कहा जाता है।
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 157 viewsरुद्र जब व्यथित होकर घोर तपस्या पर बैठे, तो उनके नेत्रों से पृथ्वी पर कुछ अश्रुकण गिरे, जिनसे एक फल की उत्पत्ति हुई। उनके अश्रुकणों से उत्पन्न होने के कारण ही इसे रुद्राक्ष की संज्ञा दी गई। दुलर्भ ग्रंथ ‘निघण्टु…
-
इतिहासAkansha Ojhaऐतिहासिकज्ञान विज्ञाननयासामाजिक
पूर्व काशी राजाधिराज स्व. विभूति नारायण सिंह जी की स्मृतियां
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 391 viewsविश्व संस्कृत प्रतिष्ठान, काशी विश्वनाथ न्यास परिषद का गठन और अध्यक्ष पदाधिकारी होने के साथ ही वेदों एवं संस्कृत के प्रकांड विद्वान महाराज बनारस, काशी के लोकप्रिय विद्वान शासक ही नहीं, काशी की संस्कृति के संरक्षक और सर्व विद्या की…
-
Akansha Ojhaईश्वर भक्तिपरम्पराएभारत निर्माण
स्वयं देव उतरते हैं काशी में देव दीपावली के दिन
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 172 viewsस्वयं देव उतरते हैं हमारी मोक्षनगरी काशी में देव दीपावली के दिन महादेव का स्तुति वंदन करने के लिए सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु अपनी चातुर्मासीय योगनिद्रा में लीन होते हैं। इसलिए देवोत्थानी एकादशी को श्रीहरि जब अपनी योगनिद्रा त्याग…
-
मीडियाAkansha Ojhaमुद्दा
एनडीटीवी में अडानी समूह की हिस्सेदारी
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 203 viewsअडानी समूह की संस्था ने अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी में 29.18% हिस्सेदारी हासिल की अदनी एंट ने विश्वप्रधान वाणिज्यिक वीपीसीएल के अधिग्रहण की घोषणा की एएमएनएल (अडानी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड) शाखा वीसीपीएल (विश्वप्रधान वाणिज्यिक प्राइवेट लिमिटेड) आरआरपीआर होल्डिंग के परिवर्तनीय…