आज मुंबई हमले को याद करने के साथ ही लोगों को भारत मां की आस्तीन के सांपों के चेहरे याद दिलाइए, उनके जहर से सावधान भी करिए।
पोस्ट के साथ प्रस्तुत चित्र में एक तरफ हैं NSG के वह देशभक्त जांबाज़ कमांडो पी.वी.मनीष, जिन्होंने 26/11 के मुंबई हमले में अपनी जान पर खेलकर 40 नागरिकों की जान बचायी थी। उसी दौरान हुए बमविस्फोट में घायल होने के बाद कमांडो पी.वी.मनीष का शरीर लकवाग्रस्त हो गया था। तीन साल के आयुर्वेदिक मसाज के द्वारा कमांडो पी.वी.मनीष के शरीर ने 2012 में हरकत करना प्रारंभ किया था। अत्यंत महंगी उस उपचार पद्धति का खर्च पी.वी.मनीष ने स्वंय किया था। 2012 के बाद भी उन्हें इसकी जरूरत थी। लेकिन घर बनवाने के लिए दस लाख का कर्ज़ ले चुके इस देशभक्त ने जब सरकार से उस आयुर्वेदिक मसाज के इलाज़ के लिए मदद मांगी थी तो इस जांबाज़ कमांडो पी.वी.मनीष को तत्कालीन कांग्रेसी यूपीए की सरकार ने टका सा यह जवाब दे दिया था कि, किसी आयुर्वेदिक उपचार के लिए ऐसा कोई सरकारी प्रावधान नही है…!!!
आज 26/11 हमले की बरसी पर पी वी मनीष की उपरोक्त व्यथा कथा का उल्लेख इसलिए ताकि उस कांग्रेसी यूपीए का चरित्र और चेहरा, नीति और नीयत को उजागर किया जा सके जिसे मुंबई आतंकी हमले में 40 नागरिकों की जान बचाने वाले कमांडों के लिए अत्यंत आवश्यक बहुत महंगे आयुर्वेदिक उपचार के लिए धन देने से मना करते हुए किसी शर्म या संकोच का अनुभव नहीं हुआ था। लेकिन इसी कांग्रेसी यूपीए की केरल सरकार ने एक दुर्दांत आतंकवादी को दसियों लाख की कीमत वाले बहुत महंगे आयुर्वेदिक उपचार की सुविधा मुफ्त प्रदान की थी। अब जानिए वह पूरा प्रकरण।
पोस्ट के साथ दिए गए चित्र में दूसरी तरफ है कुख्यात दुर्दांत आतंकी अब्दुल नसीर मदनी। इसने 1989 में इस्लामिक सेवा संघ (ISS) नाम के संगठन की स्थापना की थी। आतंकी संगठन सिमी के साथ इसके संगठन के गहरे संबंध थे। 90 के दशक की शुरुआत में सिमी द्वारा की गयी ताबड़तोड़ आतंकी घटनाओं, बम विस्फोटों के बाद 1992 में इसकी संस्था ISS भी प्रतिबंधित कर दी गयी थी। बाद में जेल में बंद रहते हुए इसने PDP नाम से पार्टी बनाकर राजनीतिक चोला ओढ़ लिया। इस मदनी के खिलाफ दर्ज जघन्य आतंकी वारदातों का लम्बा इतिहास है। 2008 में बंगलौर, अहमदाबाद, सूरत, में हुए आतंकी सीरियल बम धमाकों, 2010 में बंगलौर स्टेडियम में हुए आतंकी धमाकों में यह नामजद है। और लगभग डेढ़ दशक तक जेल में बंद रहा है। कुछ वर्ष पूर्व कठोर शर्तों पर इसे जमानत देने से पहले देश का सर्वोच्च न्यायालय इसकी जमानत याचिका 2 बार खारिज कर चुका था। ये आतंकी केरल में अपनी सुविधानुसार अपनी तथाकथित राजनीतिक पार्टी PDP के जरिये कभी कांग्रेस तो कभी कम्युनिस्टों का चुनावी समर्थन करता रहता है।
2006 में जब ये दुर्दांत आतंकवादी तमिलनाडु की जेल में बंद था तब 15 मार्च 2006 को होली के दिन केरल विधानसभा में सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी वाम मोर्चे ने विशेष रूप से सदन बुलाकर मदनी को पैरोल पर रिहा करने तथा उसे सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया था। मई 2006 में चुनाव जीतने के तत्काल बाद वाममोर्चा का मुख्यमंत्री अच्युतानंदन विशेष विमान से चेन्नई गया था और तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि से वही अनुरोध किया था जो 15 मार्च को विधानसभा में मदनी के विषय में केरल विधानसभा में कांग्रेस और वाममोर्चा ने सर्वसम्मति से पारित किया था। आतंकी मदनी की रीढ़ की हड्डी के अनुरोध पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करूणानिधि ने पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन, आर वेंकटरमण, एपीजे अब्दुल कलाम और शंकरदयाल शर्मा सरीखे राष्ट्रपतियों का उपचार कर चुके राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आर. रविंद्रन समेत एक दर्जन आयुर्वेदिक मसाज विशेषज्ञों की टीम मदनी के इलाज़ के लिए तैनात की थी। उस टीम पर दसियों लाख रुपये सरकारी खर्च हुए थे। मुंबई हमले के 2 दिन बाद आतंकी मदनी ने बयान जारी कर के केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री अच्युतानंदन को अपने इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करवाने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया था। अंत में यह भी याद दिला दूं कि ये अच्युतानंदन वही वामपंथी मुख्यमंत्री था जो मुंबई हमले के कुछ दिन बाद, मुंबई हमले में शहीद हुए युवा कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन के घर गया था और उनके पिता और परिवार को यह कह कर अपमानित कर के लौटा था कि “अगर वो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का घर नहीं होता तो उसकी तरफ एक कुत्ता भी नहीं देखता।
इसलिए आज यह बहुत जरूरी है कि आज मुंबई हमले के साथ ही साथ भारत मां की आस्तीन के सांपों को भी चिन्हित किया जाए। लोगों को उनके जहर से सावधान किया जाए।