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लाल सिंह चड्ढा विदेशों में सिलेक्टेड शो में रिलीज़ हुई

Nitin Tripathi

by Nitin Tripathi
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लाल सिंह चड्ढा विदेशों में सिलेक्टेड शो में रिलीज़ हो गई है. प्रायः भारतीय फ़िल्म मेकर रिव्यूज़ ख़रीद लेते हैं फ़िल्म कितनी भी घटिया हो रिव्यू सदैव पॉज़िटिव होते हैं. लाल सिंह चड्ढा का रिव्यू अमेरिकन अख़बार ऑस्टिन क्रोनिकल में आया है. आप सब जानते हैं पर्सनली पसंद नापसंद अपनी जगह मै प्री जूडिस नहीं रहता, पहले से अपिन्यन नहीं बनाता. तो ऑस्टिन क्रानिकल के रिव्यू का हिंदी रूपांतरण:

यह फ़िल्म फ़ारेस्ट गम्प पर आधारित है. प्रायः जब फ़िल्म का रिमेक किया जाता है तो उसे स्थानीय सेंटिमेंट और डायलाग के अनुरूप कन्वर्ट कर देते हैं. यह फ़िल्म देख ऐसा लगता है जैसे डायरेक्टर और लेखक छुट्टी पर गए थे. tv पर फ़ारेस्ट गम्प लगा दिया और ऐक्टर से बोल दिया ट्रांसलेट कर अपने हिसाब से बिल्कुल ऐसे ही कापी कर दो.
फ़ारेस्ट गम्प की फ़ीमेल कैरिक्टर जेनी एक महत्वपूर्ण किरदार थी. बचपन में सेक्स अब्यूस विक्टिम से लेकर लास्ट में हिप्पी बनने तक उसका अपना एक कैरिक्टर है. हिंदी फ़िल्म में सुपर स्टार करीना कपूर ने ये भूमिका निभाई पर रोल में जेनी के मज़बूत चरित्र वाली सारी बातें कट कर दी गईं. फ़िल्म में हीरोईन न भी हो तो भी चलता.

फ़ारेस्ट गम्प फ़िल्म है अमेरिका के उस इतिहास की जो शर्मनाक है. गम्प का चरित्र चालीस साल के इस इतिहास का हिस्सा मात्र है, जो है जैसा है वैसा जीता है. इस फ़िल्म को इस लिए लैंड मार्क बोलते हैं. हिंदी फ़िल्म में आमिर खान रहते सुपर स्टार ही हैं तो वो इतिहास के साथ नहीं जीते बल्कि लगता है इतिहास बना रहे हैं. अरिजिनल फ़िल्म में टॉम हैंक्स ने लो iq वाले गम्प की भूमिका की. इस फ़िल्म में आमिर खान को चीखते चिल्लाते हकलाते ही देखा गया उन्होंने लो iq को मूर्ख समझ लिया.
फ़िल्म में न हीरोईन। है न हीरो की ऐक्टिंग. टेक्निकैलिटी इतनी घटिया है कि मोटे थुलथुल साठ साल के आमिर खान को बीस साल का दिखाने के लिए वीडियो एडिट कर पतला किया गया तो हर चीज़ उसमें पतली नज़र आती है.

फ़िल्म के डायलाग निहायत घटिया हैं. अंग्रेज़ी से हिंदी में इग्ज़ैक्ट्ली ट्रांसलेट करने से उसकी आत्मा मर गई है.
बड़े बजट की फ़िल्म है. दो दो सुपर स्टार हैं, पैसा खर्च हुआ दिखता है, सिनेमेटोग्राफ़ी एक्सेलेंट है, इतिहास की सबसे अच्छी फ़िल्मों में एक की रिमेक है भले ही घटिया – हो सकता है लोग आरम्भ में फ़िल्म देखने जाएँ. लेकिन आमिर की घटिया ऐक्टिंग, करीना के शून्य रोल, घटिया डायलाग और शून्य डायरेक्शन की वजह से फ़िल्म के इतिहास में लाल सिंह चड्ढा को ज़बर्दस्त फ़ेल्योर कहा जाएगा.

रिव्यूअर रेटिंग 1.5/5

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