Home हमारे लेखकआशीष कुमार अंशु कमाल खान बनाम रविश कुमार ऍनडीटीवी

कमाल खान बनाम रविश कुमार ऍनडीटीवी

by Ashish Kumar Anshu
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कल कमाल प्राइम टाइम पर थे। रवीश कुमार नहीं थे। सुबह कमाल के ना रहने की खबर आई थी। रवीश ने अभी तक नहीं बताया कि वे कहां थे? यदि वे किसी आवश्यक काम से बाहर थे फिर उनके मौत की खबर आते ही कैसे आ गए। रवीश को बताना चाहिए कि ऐसा क्यों था कि गुरुवार के प्राइम टाइम में कमाल खान को होना था और वे नहीं थे और सुबह कमाल खान के मौत की खबर आ गई। समझ रहे हैं आप लोग, यह सब क्या है? रवीश ने अभी तक नहीं बताया कि वे प्राइम टाइम में क्यों नहीं थे और सुबह कैसे आ गए?

कमाल के ना रहने के बाद सवाल कई सारे हैं, जिसका जवाब एनडीटीवी को देना है। कमाल खान को बीजेपी के प्रेस कांफ्रेन्स में नहीं जाने दिया जा रहा था। क्या इस बात को बताने के लिए चैनल उनके जाने का इंतजार कर रहा था। रवीश कुमार को बताना चाहिए कि इस तरह की बात से क्या उनके चैनल को लगता है कि कमाल के ना रहने का सहानुभूति वोट बीजेपी के खिलाफ जाएगा?

आज चैनल ने एक बार भी नहीं बताया कि यह एनडीटीवी, हिन्दी पत्रकारिता के साथ—साथ कांग्रेस पार्टी की भी क्षति है। कांग्रेस के लिए लखनऊ में एक उपयोगी पत्रकार अब हमारे बीच नहीं है। रवीश को बताना चाहिए कि ऐसा कैसे हो सकता है कि शाम को एक रिपोर्टर प्राइम टाइम पर आए और सुबह हमारे बीच ना रहे। क्या एनडीटीवी की तरफ से उन पर कोई अनावश्यक दबाव था। इस पर एनडीटीवी की तरफ से कोई बयान नहीं आया। यह आना चाहिए था।

सबसे महत्वपूर्ण सवाल, जब कमाल खान नास्तिक पत्रकार थे। उन्होंने एक हिन्दू लड़की से शादी की थी। फिर उन्हें दफनाना कहां तक उचित था? वे बाबा साहब की हमेशा प्रशंसा करते थे, उनका अंतिम संस्कार बौद्ध ​रीति रिवाज से भी किया जा सकता था। लेकिन रवीश कुमार और एनडीटीवी इस विषय पर भी खामोश रहे। अजीब है ना जो दुनिया से सवाल पूछता रहता है खुद से पूछे जाने वाले सवालों पर कितना खामोश है!!!

 

क्षेपक: एंकर रवीश कुमार जिन दिनों रिपोर्टर हुआ करते थे। रवीश की रिपोर्ट किया करते थे। मुझे पसंद थे। बाद में वे प्राइम टाइम लेकर आए। 2014 के बाद उनकी​ रिपोर्टिंग में कुंठा हद से ज्यादा दिखने लगी। मोदी को लेकर ‘कान्सपिरेसी थ्योरी’ में उन्होंने बीते सात—आठ सालों में मास्टरी हासिल कर ली। पिछले दिनों की उनकी कई​ रिपोर्ट देखकर ​घिन्न सी आने लगी। इस पोस्ट में मैने सिर्फ पंजाब से पीएम की वापसी पर केन्द्रित रवीश के प्राइम टाइम की नकल करने की कोशिश की है। मुझे विश्वास है यह किसी को पसंद नहीं आया होगा। रवीश कुमार तक इसे पहुंचा दें।

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