एक गांव में एक पोस्टमास्टर साहब रहते थे। बच्चे, उनके तीन थे लेकिन उनका मझला लड़का बचपन से शरारती तबियत का था। हांलांकि शरारत करते-करते कुछ शरारती, लपककर…अपराध की दुनिया का चखना, चखने लगते हैं। ऐसे ही चखने की जद में आकर, पोस्टमास्टर साहब के मझले… शाम को गांव की पुलिया पर बैठे-बैठे एक दूधिए की एटलस साइकिल लूट बैठे।हांलांकि लूट की बात सिर्फ रात के अंधेरे तक ही दबी रही लेकिन सुबह उजाला होने से पहले ही कुल सात खाकी वाले पोस्टमास्टर साहब के घर पर जीप समेत हाजिर!! पोस्टमास्टर साहब जब तक कुछ जानते-समझते तब तक उनका मझिला चद्दर समेत पुलिस की जीप में बिठाकर गांव की पगडंडी से धूल उड़ाते हुए बाबूजी की आंख से ओझल हो गया।