चुनाव आचार संहिता लागू है इसलिए नाम नहीं लूँगा।
साल था 2017.. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गयी थी यानी चुनाव अचार संहिता लागू थी।
तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री के सचिव स्तर के आई. एस. अधिकारी यूपी से दूर दिल्ली की एक बैठकी में हम कुछ निजी मित्रों के बीच “प्रदेश में सरकार किसकी आ रही है” पूछे जाने पर बोले : “हम लोग वापस आ रहे हैं”।
एक राष्ट्रीय सरकारी सेवा का अधिकारी जो तत्कालीन मुख्यमंत्री का प्रतिनिधि था कह रहा था “हम लोग” वापस आ रहे हैं! इसे कहते हैं नौकरशाही को अपने चारे पर पालना और अंधभक्त बना के रख देना।
ऐसे में हंसी आती है यह सुन कर कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ रही एक क्षेत्रीय पार्टी के मालिक और प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश के कुछ अफ़सरों की शिकायत कर उन्हें हटाने की माँग कर रहे हैं!
जाकी रही भावना जैसी… हर मूरत तिन देखी निज जैसी!