IIT खड़गपुर ने दिल्ली के वायु प्रदूषण पर एक व्यापक अध्ययन किया है और कहा है कि वायु प्रदूषण निम्नलिखित कारकों के कारण होता है:
1. पंजाब, हरियाणा में पराली जलाना
2. वाहन प्रदूषण
3. Construction Dust
4. तंदूर जो लकड़ी के ईंधन का उपयोग करते हैं
5. सड़कों का फुटपाथ नहीं होने से सड़क की धूल
उनका साफ कहना है कि दिवाली पटाखों से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि साल में एक दिन कुछ घंटों का ही होता है लेकिन विज्ञान और तथ्यों पर कौन विचार करना चाहता है जब आपके पास ये प्रचार करने का एजेंडा है ….
इसलिए हर सर्दियों में जब पंजाब – हरियाणा में पराली जलाना शुरू होता है तो दोष दिवाली पर स्थानांतरित कर दिया जाता है क्योंकि ऐसा करना बहुत सुविधाजनक और आसान होता है।
दिवाली पटाखों पर प्रतिबंध लगाओ और प्रदूषण रुक जाएगा का narrative हिंदू त्योहारों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रॉपगैंडा है…
इस नक़ली propaganda के अन्तर्गत किसी भी तरह से दिवाली में पटाखों पर रोक लगाओ जबकि वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार इससे प्रदूषण पर 0.01 प्रतिशत भी फर्क नहीं पड़ता …
लेकिन सबसे बड़े प्रदूषक पर कोई नहीं बोलेगा, वो जारी रहेंगे और दिल्ली की हवा को नष्ट करते रहेंगे …. MiLords लोगों में इसके खिलाफ कार्रवाई करने की कोई हिम्मत नहीं है।पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से शिवकाशी में लाखों लोग बेरोजगार हो गए और बहुतों की जान जा चुकी है … इस अवसर का लाभ उठाकर दक्षिण भारत में इनका धर्म परिवर्तित किया जा रहा है
तो हिंदुओं को लगी दोहरी मार – नष्ट की दीवाली और खोए अपने लोग …