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कुछ मित्र अकसर मुझे भाजपा का पक्षकार बताते

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कुछ मित्र अकसर मुझे भाजपा का पक्षकार बताते नहीं थकते। भक्त आदि शब्द से भी नवाजते रहते हैं । आज भी एक मित्र ने इस पोस्ट से ठीक नीचे वाली पोस्ट पर कमेंट बाक्स में ज़रा साफ्ट ढंग से मुझ से पूछा है कि आप अकसर भाजपा का पक्ष ही क्यों रखते हैं। फिर उन्हों ने भाजपा राज वाले राज्यों में ही दंगों की बात कही है । जो जवाब दिया है उन्हें , वह यह रहा :
इस पोस्ट में भाजपा की तारीफ़ कहां किस पंक्ति , किस बिंदु और किस शब्द में है , ज़रा मुझे भी ज्ञान दें । रही बात भारत में दंगों की तो 1947 से कांग्रेस और मुसलमानों ने इसे देश को विरासत में सौंपा है । कभी समय मिले तो खुशवंत सिंह का उपन्यास ए ट्रेन टू पाकिस्तान पढ़ें । कभी 1984 के सिख दंगे के विवरण पढ़ें। कांग्रेस राज में जितने किसिम के और भारी संख्या में दंगे हुए हैं , हिंदू-मुस्लिम दंगे , हिंदू-सिख दंगे , शिया-सुन्नी दंगे , यह दंगे , वह दंगे , हाशिमपुरा , मलियाना , भागलपुर , मुरादाबाद आदि , इत्यादि किसी और राज में नहीं। मोदी राज में कितने दंगे हुए , वह भी गिनवा दीजिए ज़रा और मुझे ज्ञान दीजिए कि कब और कहां हुआ । सो अपना चश्मा थोड़ा साफ़ कर लें तो बेहतर। मैं सिर्फ़ तथ्य रखता और लिखता हूं , किसी पार्टी का पक्ष नहीं।
भाजपा राज का सब से खतरनाक दंगा , गुजरात दंगा है। जो गोधरा कांड के जुल्म के ख़िलाफ़ हुआ। गोधरा में कार सेवकों को ट्रेन के डब्बों में फाटक बंद कर के जला दिया था , मुसलमानों ने । नरेंद्र मोदी को कांग्रेस की मनमोहन सरकार में इस गुजरात दंगे को ले कर बहुत सी जांच का सामना करना पड़ा। अलग बात है कि किसी जांच , किसी अदालत में वह दोषी साबित नहीं हुए। हर आरोप से बरी हो गए हैं। याद कीजिए कि इस गुजरात दंगे के बाद ही अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पाठ पढ़ाया था। तो इस गुजरात दंगे का दाग लगा नरेंद्र मोदी पर। और इस गुजरात दंगे का ही परिणाम है कि देश ने उन्हें प्रधान मंत्री बना दिया। तमाम राजनीतिक पार्टियों द्वारा सो काल्ड सेक्यूलरिज्म की आड़ में कदम-कदम पर मुस्लिम तुष्टिकरण और इस्लामिक आतंकवाद से आजिज देश ने 2014 में मान लिया था कि नरेंद्र मोदी ही इस मुस्लिम तुष्टिकरण , इस्लामिक आतंकवाद और सो काल्ड सेक्यूलरिज्म के कोढ़ और कलंक से मुक्ति दिला सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने बहुत हद तक दिलाया भी है। उम्मीद है कि आगे और भी दिलाएंगे। कुल ताकत भी यही है नरेंद्र मोदी की। अब यह एक तथ्य है। इस तथ्य को आप भाजपा का पक्ष मानते हैं , तो यह आप का अपना विवेक है । मुझे इस पर कुछ नहीं कहना।
लालू यादव जब पहली बार बिहार के मुख्य मंत्री बने थे तब भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा रोकी थी तो देश भर में दंगे हुए थे लेकिन बिहार में दंगा नहीं हुआ । लालू से दूरदर्शन के एक इंटरव्यू में पूछा गया इस बाबत तो लालू बोले थे , ‘ बिहार में दंगे इस लिए नहीं हुए , क्यों कि मैं नहीं चाहता था। जिस दिन बिहार में मेरे राज में दंगे हों , समझ लेना मैं दंगे करवा रहा हूं। ‘ लालू यादव ने बिलकुल ठीक बात कही थी। अब यह लालू का पक्ष नहीं , तथ्य है ।
तथ्य है कि अगर सरकार न चाहे तो कोई दंगा , कोई उत्पात कहीं न हो । चाहे जिस भी किसी की सरकार हो। यही बात भ्रष्टाचार , मंहगाई , बेरोजगारी आदि-इत्यादि पर भी लागू होती है। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सर्जिकल स्ट्राइक , एयर स्ट्राइक भी सरकार की क्षमता पर मुन:सर करता है । जब मुम्बई हमला हुआ था तब मनमोहन सरकार को भी ऐसा कुछ करना चाहिए था । लेकिन नहीं किया , क्यों कि सेना तो तब भी सक्षम थी , पर सरकार सक्षम नहीं थी। यह तथ्य है । लेकिन अब आप फिर कहेंगे कि यह तो भाजपा का पक्ष है। आप के इस बात का प्रतिवाद करते हुए मैं फिर कहना चाहूंगा कि आप की मति मारी गई है। यह आप की मति मारी गई है भी एक तथ्य ही है । लेकिन आप मानेगे भला , जानता हूं कि कभी नहीं मानेंगे। मत मानिए , मेरी बला से कि अपनी बला से । लेकिन मैं तो तथ्य रखता रहूंगा। अब अगर तमाम विपक्ष पहले सर्जिकल स्ट्राइक और अब एयर स्ट्राइक पर सुबूत मांगते हुए सेना पर सवाल दर सवाल उठा रहा है , इस की मैं या मेरे जैसे बेहिसाब लोग निंदा कर रहे हैं तो यह देश का पक्ष है , सेना का पक्ष है और तथ्य है । आप इसे भी भाजपा का पक्ष मानने की बीमारी से ग्रसित हैं तो शौक से रहिए। क्यों कि मैं कोई डाक्टर नहीं हूं कि आप का इलाज करूं।

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