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अभिनेता इमरान खान

by ओम लवानिया
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इमरान खान! गूगल से पूछेंगे, कौन है तब रिजल्ट में मिलेगा कि पूर्व पाकिस्तान पीएम, उचित भी है। लेकिन गूगल को थोड़ा हिंट देंगे और पुनः पूछेगें कि अब बताओ कौन है?
तब जाकर पूर्व हीरो इमरान खान पेज पर आएंगे।
महज संयोग है, दोनों इमरान पूर्व है…ख़ैर।
सोचें, 2008 में लव स्टोरी ड्रामा ‘जाने या तू जाने न’ की सफलता के बाद डेब्यूटेंट इमरान खान को भविष्य के सुपरस्टार सूची में शामिल कर लिया जाता है और चूंकि आमिर खान मामू होते तो डेब्यू भी होम प्रोडक्शन में दिया गया और उसके बाद की ज़िम्मेदारी करण जौहर को सौंप दी।
इमरान खान की सभी फिल्में फ़ेम प्राप्त निर्देशकों ने निर्देशित की थी या प्रोडक्शन हाउस कॉलम में बड़ा नाम लिखा हुआ था। जाने तू या जाने न, लक, डेल्ही बेली और मेरे ब्रदर की दुल्हन ही हलचल करके गई थी, हालांकि प्रमोशनल इवेंट्स सभी फिल्मों के तगड़े रखें गए थे। तिस पर हिट लिस्ट में जाने तू या जाने न और मेरे ब्रदर की दुल्हन ही है।
इन्हें रणबीर कपूर, शाहिद कपूर, इमरान हाशमी के साथ भविष्य के सुपरस्टार की रेस में रखा गया था जबकि रत्तीभर पोटेंशियल न था। इतने बड़े मौके मिलने के बावजूद लुढ़कते चले गए और गुमनामी के अंधेरे में है। इसलिए गूगल भी हिंट पर खोजता है।
इमरान खान के पास एक्टिंग क्षेत्र में कुछ न था सिर्फ़ विरासत में कुछ बड़े नाम थे। उन्हीं के बिनाह पर एक दशक तक खींचे चले गए। वरना फ्लॉप-डिजास्टर्स लिस्ट लिए फ्लॉप चेहरे पर कौन दांव लगाएगा। हिरोइन में करीना, कैटरीना, दीपिका आदि रही…टैलेंटेड कलाकार दबता अवश्य है गुमनाम कभी नहीं होता है क्योंकि प्रतिभा कभी भी जौहर दिखला जाती है उसके लिए किसी करन जौहर की जरूरत न पड़ती है।
अमेरिका से फ़िल्म मेकिंग की पढ़ाई करके आए थे, लेकिन इधर जबरन हीरो बना दिए। जानते है काहे, नई जनरेशन में ऋतिक रोशन, शाहिद कपूर, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, वरुण धवन, अभय देओल थे। भविष्य का सुपरस्टार तलाशा जा रहा था, ये लिस्ट बॉलीवुड के संविधान के विरुद्ध था। तो फ़िल्म मेकर को हीरो बनाकर सूची बैलेंस की गई।
मेरे तर्क के पीछे उदाहरण देता हूँ, हैरी बावेजा निर्माता-निर्देशक है। उन्होंने अपने बेटे हरमन को ज़ोरों शोरों से 2008 में ‘लव स्टोरी-2050’ से लांच किया था। 700 स्क्रीन कॉउंट के साथ 40 करोडिय फ़िल्म को रिलीज किया था और सामने इमरान खान की जाने तू या जाने न थी। बॉक्स ऑफिस क्लेश हुआ था। फ़िल्म डिजास्टर हुई, उसके बाद हैरी ने बेटे को जुगाड़ से कुछ फिल्में दिलवाई, परंतु कोई बड़ा प्रोडक्शन हाउस न था। सिवाय राजश्री ने एक फ़िल्म ‘व्हाट्स योर् राशि’ दी थी…5 फिल्मों में करियर सिमट गया।
हीरो के तौर पर हरमन ने ऋतिक रोशन की कॉपी की थी, बाक़ी कुछ हाथ न था। सपोर्टिंग किरदार के साथ हंसल मेहता ‘स्कूप’ वेब सीरीज में लेकर आये थे। बेहतर लगे। तो वही, इमरान ने अपने मामू आमिर को फॉलो किया था। दूसरों से सीखा अवश्य जाता है कॉपी केट बनकर लंबी रेस में टिक नहीं सकते है। इधर, इमरान को पहली हिट मिल गई, उसके बाद बड़ी बड़ी फिल्में मिली, सब औंधे मुंह गिरी..फिर भी 2 हिट पर 10 साल करियर खींच कर ले जाना, पीछे की फील्डिंग का इशारा मिलता है। पीआर एजेंसियों के द्वारा इमरान को बूस्ट करके सुपरस्टार रेस में दौड़ाया जा रहा था। बाद में सभी को यकीन हो चला, कि घोड़ा लंगड़ा है अब पैसे बर्बाद करना बेफिजूली है। या कहे पीआर ने गुब्बारा फुलाया और ज्यादा वेग संभाल न सका व आखिर में फट गया।
सुनने में आ रहा है कि इमरान खान पुनः लौट रहे है लेकिन फ़िल्म मेकर की जॉब पर….फ़िल्म मेकिंग में अच्छे साबित हो सकते है। लेकिन हीरो और अभिनय बहुत दूर की कौड़ी है।
कमोबेश ऐसा ही पीआर बूस्टर जायद खान और फरदीन को दिया गया था। आखिर में दोनों ने छुट्टी ले ली और मजे से बॉलीवुड की पार्टियां एन्जॉय करते है।
Written By : Om Lavaniya

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