अमेरिका इन्वेंशन की धरती है – यहाँ नये नये प्रॉडक्ट्स आते रहते है। सॉफ्ट ड्रिंक में अग्रिम कोको कोला का आविष्कार जॉर्जिया राज्य में हुआ था- कोक की कहानी बड़ी दिलचस्प है- वो कभी फिर और। आज कहानी एक और एनर्जी ड्रिंक की है।
चाहे कोई ट्रक ड्राइवर हो या शराब के हैंगओवर से परेशान कोई प्राणी- ये सब कैफीन युक्त ड्रिंक पीते है ताकि नींद थकान और सर दर्द ग़ायब हो जाये। कुछ लोग कॉफ़ी चाय पीते है – कुछ मॉन्स्टर या रेड बुल पीते है- तरह तरह के नुस्ख़े या ड्रिंक मार्केट में उपलब्ध है। लेकिन अमेरिका में फाइव ऑवर एनर्जी ड्रिंक का काफ़ी हद तक वर्चस्व है। फाइव ऑवर एनर्जी ड्रिंक की कहानी बड़ी दिलचस्प है।
लखनऊ मूल के मनोज भार्गव जी बचपन में ही अमेरिका आ गये थे- सत्तर के दशक में। आध्यात्मिकता की ओर मुड़े भार्गव जी ने अमेरिका में छोटे मोटे व्यापार आदि किए और फिर २००३ में इन्होंने ये ड्रिंक लॉंच की- फाइव ऑवर एनर्जी ड्रिंक। छोटी सी ड्रिंक- चार घूँट वाली- जीरो शुगर। बी विटामिन और कैफीन से लबरेज़ इस ड्रिंक का सीक्रेट फार्मूला लोग ढूँढते रहे- और २०११ तक इस ड्रिंक का बिज़नेस एक बिलियन डॉलर तक जा पहुँचा। तीन डॉलर की ये ड्रिंक वाक़ई में ग़ज़ब की है- चार घूँट अंदर और आदमी सिकंदर। सब थकान और नींद उड़नछू।
इस ड्रिंक पर अनेक लॉ सूट फाइल हुए- कई ने कहा घोटाला है: कई ने कहा कैफीन स्टारबक्स के कॉफ़ी ड्रिंक से अधिक है। अनेक लैब टेस्ट हुए लेकिन ड्रिंक की सेल कम ना हुई। सोचने वाली बात है यदि घोटाला है तो तीन डॉलर वाली ये ड्रिंक लोग बार बार क्यों पियेंगे। इस ड्रिंक से मिलती जुलती अनेक ड्रिंक बाज़ार में आयी और गई।
भार्गव जी शायद अमेरिका के पहले बिलियनेर भारतीय मूल के प्राणी होंगे – इन्होंने अपनी संपत्ति का ९९ प्रतिशत दान में दे दिया। आज भी ये तरह तरह की इन्वेंशन कर रहे है।
अंत में- एनर्जी ड्रिंक में कोक ,पेप्सी ,रेड बुल ,मॉन्स्टर आदि काफ़ी है- लेकिन ये ड्रिंक तरोताज़ा करने के अलावा प्यास भी बुझाती है। फाइव ऑवर एनर्जी ड्रिंक प्यास नहीं- केवल तरोताज़ा करती है- पाँच घंटे तक एनर्जी का प्रवाह बना रहता है। long ड्राइव पर ये और रेड बुल हमेशा साथ रख चलने की आदत बन चुकी है। क्या यही तक है सॉफ्ट ड्रिंक का रहस्य
Written By – Mann Jee