अक्खे कुमार ने बड़ा दिल दिखलाते हुए, रक्षाबंधन के फ्लॉप की ज़िम्मेदारी ली है और भविष्य के लिए कहा है कि मैं हर फिल्म को अपनी समझूँगा, दर्शक क्या चाहते है उसे देखूँगा। ताकि बेहतर बदलाव किए जा सके।
2 सितंबर को ओटीटी के प्लेटफॉर्म नंबर 4 डिज्नी हॉट स्टार पर ‘कठपुतली’ रिलीज होने वाली है। इसके साउथ का रीमेक पर सवाल किया गया, पूछा ओरिजिनल कंटेंट नहीं रहा? तो अक्षय कुमार से पहले अर्जुन कपूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रतिउत्तर दे डाला।
रीमेक है तो क्या हुआ? फ़िल्म तो है ना…सोशल मीडिया के रील्स सेक्शन में वीडियो के 3-4 वर्जन देखने को मिल रहे है। इसपर कोई आवाज़ नहीं उठा रहा है और बॉयकॉट नहीं कर रहे है। मैं डेली रील्स देखते वक्त रीमेक वीडियोज से बोर हो जाता है। एक ही टाइप के वीडियो कबतक देखेंगे। ठंग से टाइम पास भी न होता है, हम कमसे कम उच्च क्वालिटी में रीमेक तो ला रहे है न! रील्स वालों में मेरा सवाल है ओरिजिनल कंटेंट नहीं है क्या?
आईफोन, पानी पूरी, देहाती बाइक वाला वीडियो 100 बार देख चुका हूं। समझ न आता है रियल कौनसा है और रीमेक कौनसा है।
पॉइंट नोटेड मीलॉर्ड…. सच बात है।
पहले आप रील्स को सुधरवाओ, उसके बाद बॉलीवुड पर तंज कसना, समझे।
इधर, टाइगर श्रॉफ की स्क्रू ढीला ठंडे बस्ते में रख दी गई है। इसके अनाउंसमेंट टीजर के एवज में निर्माता करण जौहर व निर्देशक शशांक खेतान को उम्मीद से कम रेस्पॉन्स मिला है। इसलिए 150 करोड़ के बजट वाले प्रॉजेक्ट को फिलहाल साइड लाइन कर दिया है। वरना लंका लगने में देर न होगी।
उधर, बॉलीवुड की हालत पर तरस खाकर एजेंडा लेखक-निर्देशक राहुल ढ़ोलकिया ने 5 सूत्रीय कार्यक्रम से बतलाया है कि हिट कैसे होंगी फ़िल्में, बोले पहला, घमंड छोड़कर कंटेंट पर फोकस करें।
अच्छी फिल्में बनाएं।
प्रोडक्शन की लागत कम करें।
फिल्म टिकट के दाम घटाएं
तीन महीने से पहले फिल्म को ओटीटी पर ना रिलीज ना करें।
सबसे ताज्जुब की बात है कि लीजेंड व मोटिवेशनल राहुल के हक़ में जितनी फ़िल्में व कंटेंट है न, सब कालजयी है। इन्हें कांग्रेस शासन में परजनिया के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। फ़िल्म का प्लॉट गुजरात दंगों पर आधारित था। गुजरात की बात हो और जनपथ से भेंट न निकले। ऐसा हो सकता है।
दूसरा, ककककक….हम्म…रईस। गुजरात के डॉन को नायक की तरह पेश किया।
बॉलीवुड वालों गुरु जी के कथन पर ध्यान केंद्रित करें। हम बॉयकॉट हैशटैग को पैनापन देते रहेंगे। आपका फोकस टूटे नहीं, अडिग रहे।