नहीं, ऐसा कोई एयरक्राफ्ट कैरियर भारत में नहीं है। आज तो आई एन एस विक्रांत भारत के पहले इंडीजीनस और कुल दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर के रूप में कमीशन लेने जा रहा है।
आज एक और विशिष्ट दिन है जब भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारत की नौसेना को नया ध्वज प्रदान करने जा रहे हैं।
चूँकि पुराने ध्वज में उपस्थित क्रॉस का निशान ब्रिटिश और ईसाईयत का प्रतीक दिखता था, अतः नया ध्वज लंबे समय से प्रतीक्षित था और यह कार्य भी नियति ने मोदीजी के हाथों तय कर रखा था।
नया ध्वज हमारी नौसेना का है और अच्छा है, लेकिन काश हिंदू परंपरा के अनुरूप मकर अंकित ‘वरुणध्वज’ होता तो भारतीयता को और अधिक प्रदर्शित करता।
अस्तु! अब भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो गये हैं- आई एन एस विक्रमादित्य एवं आई एन एस विक्रांत और तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर प्रस्तावित है तो….
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी क्या यह सम्भव है कि हमारे तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम हो–
अग्गुक!
जयद्रथ के वंशज, वह महान नेवी कमांडर, जिन्होंने अरबी नौसेना को दो बार परास्त ही नहीं किया बल्कि उनका ऐसा भयानक व क्रूर विध्वंस किया कि डरे हुए इस्लामिक खलीफा ने भारत पर किसी भी नौसैनिक अभियान पर सदैव के लिये रोक लगा दी।
अन्य कई महानायकों की भांति जयद्रथ के वंशज इस महान नेवी कमांडर की शौर्य गाथा को भी इतिहास की पुस्तकों में जगह नहीं दी गई।
परंतु, अब पुस्तक “अनसंग हीरोज #इंदु_से_सिंधु_तक” में विस्तार से जानिए अपने इस अजेय नेवी कमांडर के बारे में, जिसे अरब सागर में पुकारा जाता था
#Master_Of_Sea