रावण को युद्धभूमि में आता देख श्रीराम ने मातलि से कहा, “मातले! देखो रावण का रथ बड़े वेग से आ रहा है। तुम भी सावधानी से उसके रथ की ओर आगे बढ़ो। आज मैं रावण का वध कर दूँगा।” यह…
सुमंत विद्वन्स
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इतिहासईश्वर भक्तिप्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 119
by सुमंत विद्वन्स 161 viewsराजसभा में आकर रावण अपने सिंहासन पर बैठ गया। वह पुत्रशोक में अत्यंत दुःखी एवं दीन दिखाई दे रहा था। अपनी सेना के प्रमुख योद्धाओं से उसने हाथ जोड़कर कहा, “वीरों! तुम लोग समस्त हाथी, घोड़े, रथ एवं पैदल सैनिकों…
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इतिहासईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग-118
by सुमंत विद्वन्स 162 viewsलंका पहुँचकर इन्द्रजीत ने एक स्वर्णभूषित रथ को सजवाया और उस पर प्रास, खड्ग, बाण आदि सामग्री रखवाकर घोड़े जुतवाए। फिर एक कुशल सारथी को लेकर वह पुनः नगर से बाहर निकला और उसने विभीषण एवं लक्ष्मण पर फिर आक्रमण…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 117
by सुमंत विद्वन्स 205 viewsविभीषण की कड़वी बातें सुनकर इन्द्रजीत को बड़ा क्रोध आया। वह अपने रथ को आगे बढ़ाकर तुरंत सामने आ खड़ा हुआ। उसने अपने हाथों में धनुष-बाण उठा लिया था और उसका खड्ग एवं अन्य आयुध भी वहीं रखे थे। अपने…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)सच्ची कहानियांसामाजिकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 116
by सुमंत विद्वन्स 182 viewsइन्द्रजीत जैसे ही अपने रथ पर बैठा, उसकी राक्षस-सेना भी उसके आसपास एकत्र हो गई। तब हनुमान जी ने भी एक विशाल वृक्ष को उखाड़ लिया और राक्षसों पर प्रहार करने लगे। यह देखकर राक्षस भी अपने शूलों, तलवारों, शक्तियों,…
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ऐतिहासिकईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकभारत वीरसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 115
by सुमंत विद्वन्स 199 viewsहनुमान जी शीघ्र ही अपनी सेना के साथ श्रीराम के पास आए और दुःखी मन से उन्होंने कहा, “प्रभु! हम लोग युद्ध में लगे हुए थे कि तभी इन्द्रजीत ने हमारे सामने ही सीता जी का वध कर डाला। वह…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकलेखक के विचारसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्कण्ड भाग 114
by सुमंत विद्वन्स 147 viewsमकराक्ष की मृत्यु के बारे में सुनकर रावण बड़ा चिंतित हुआ। उसने अत्यंत क्रोधित होकर अब अपने पुत्र इन्द्रजीत को युद्ध के लिए जाने की आज्ञा दी। यह आज्ञा सुनकर इन्द्रजीत ने पिता को प्रणाम किया और युद्ध की तैयारी…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्ध काण्ड भाग 113
by सुमंत विद्वन्स 264 viewsवानरों ने जब अंगद को मूर्च्छित होकर भूमि पर गिरते हुए देखा, तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना श्रीराम को दी। यह समाचार मिलने पर श्रीराम ने जाम्बवान, सुषेण और वेगदर्शी आदि को युद्ध के लिए जाने का आदेश दिया। आज्ञा…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसच्ची कहानियांसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्ध काण्ड भाग 112
by सुमंत विद्वन्स 222 viewsअब सुग्रीव ने आगे के युद्ध की योजना बनाकर हनुमान जी से कहा, “कुम्भकर्ण मारा गया और रावण के अनेक पुत्रों का भी संहार हो गया। अब लंका की रक्षा का प्रबन्ध कोई नहीं कर सकता। अतः अपनी सेना के…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 111
by सुमंत विद्वन्स 170 viewsश्रीराम और लक्ष्मण को मूर्च्छित देखकर वानर-सेना में विषाद छा गया। तब विभीषण ने उन सबको समझाते हुए कहा, “वानर वीरों! आप लोग भयभीत न हों। ये दोनों भाई केवल मूर्च्छित हुए हैं। इनके प्राणों पर कोई संकट नहीं आया…