वेब सीरिज ‘The Bold Type’ (Netflix) में समलैंगिक मुस्लिम महिला अपनी मित्र को बता रही है- ”क्या तुम्हे नहीं पता कि अमेरिका में एक मुस्लिम महिला होना कितना मुश्किल है?”
यहां सवाल उठता है कि दुनिया में किसी भी गैर इस्लामिक देश में मुसलमानों का ‘मुसलमान’ रहना क्यों कठीन है? बौद्ध, जैन या सिख के साथ तो इस तरह की कठीनाई नहीं आती ! यह बात मुसलमानोें को ही तय करना है कि पूरी दुनिया में उन्हें खतरा है या पूरी दुनिया को उनसे खतरा है?