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भारत में उच्च स्तरिये जातिवाद

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भारत में उच्च स्तरिये जातिवाद

मुझे वो लोग उच्चतम स्तर के सीएचयू लगते हैं जो कहते हैं देश मे जातिवाद है। ये लोग बीमार हैं। यादव समाज हमेशा बाबा रामदेव यादव का विरोध करता है। मुझे उन यादवों पर गुस्सा नहीं आता बल्कि गर्व होता है कि देश मे जातिवाद खत्म हो रहा है।
अंजना ओम कश्यप ब्राह्मण है फिर भी ब्राह्मण समाज उनके साथ नहीं खड़ा है। बावजूद इसके लोग ब्राह्मणों को जातिवादी कहते हैं। विपक्ष अल्पसंख्यक समुदाय को डराता है कि देश में ब्राह्मणवाद है। देश का अल्पसंख्यक समुदाय ब्राह्मणवाद से डरता है। डरे हुए अल्पसंख्यक समुदाय को एक साल के लिए उत्तराखंड में लैंड जिहाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए भेज देना चाहिए। 6 महीने के लिए असम में असम पुलिस के खिलाफ धरने पर बिठा देना चाहिए।
इससे अल्पसंख्यको के मन में बैठा डर कम होगा। डरा हुआ अल्पसंख्यक इस देश के माथे पर एक धब्बा है। हमें मजबूत अल्पसंख्यको की जरूरत है। हमे उनके दिल से ये डर निकालना होगा। अंजना ओम कश्यप ये कर सकती है। मुझे अंजना की काबिलियत पर कभी संशय नही रहा। अंजना को आज तक की एंकर कहने और उसका मजाक उड़ाने वाले लोग मुझे अनपढ़ और देशद्रोही लगते हैं।
अंजना भाजपा की एंकर है। शर्म की बात है कि सपा बसपा कॉन्ग्रेस समर्थक ब्राह्मण ही नही बल्कि भाजपा समर्थक ब्राह्मण भी भाजपा की एंकर के साथ नहीं खड़े है। रावण की जिस दिन मौत हुई थी, उस दिन उसे भी ब्राह्मण समाज ने अकेला छोड़ दिया था। जब दुर्योधन की जंघा पर धोखे से वार किया था, तब भी क्षत्रिय समाज ने उसे मरने के लिए अकेला छोड़ दिया था।
हर इंसान में कोई न कोई कमी होती है। चाँद पर भी दाग है। मुझमे और आपमें भी होगी रावण, दुर्योधन या अंजना में भी कुछ न कुछ कमी होगी। लेकिन क्या उसे अकेला छोड़ना उचित है? दो क्षत्रिय भाइयों को इसे गदा लेकर लड़ते देखना मुझे कभी अच्छा नहीं लगा। हमें इतिहास की गलती नहीं दोहरानी है। दो ब्राह्मण कन्याओं को आमने सामने देखकर बिल्कुल अच्छा नही लग रहा है। दो भाई या दो बहनों को आमने सामने करने से बचना है।
मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि माता कुंती ने भीम की सेहत पर जितना ध्यान दिया, उतना दुर्योधन की सेहत पर नहीं दिया। दुर्योधन हमेशा डरा हुआ रहता था। अंजना ओम कश्यप स्नेहा दुबे के सामने डरी हुई और बेहद कमजोर नजर आई। सामने अल्सपसंख्यक समुदाय का व्यक्ति नहीं होता तो भाजपा के एंकर कमज़ोर नज़र आते हैं।
ये देश और भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं है। अल्सपसंख्यक नहीं होंगे तो भाई भाई आपस मे लड़ेंगे, बहने बहने आपस मे लड़ेगी। इसलिए इस देश को अल्पसंख्यको की जरूरत है ताकि देश मजबूत रहे एकजुट रहे। हमेँ ये नही भूलना है कि ज्वार लाल लेहरू के गयासुद्दीन गाज़ी का बेटा होने के बावजूद ब्राह्मण समाज ने आखिरी सांस तक उनका साथ दिया था ताकि ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यक देश मे बने रहें

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