मैं कभी भी रिव्यु के लिए फ़िल्म न देखता हूँ। एन्जॉय के लिए फ़िल्म देखता हूँ, क्योंकि सिर्फ़ रिव्यु में दिमाग रिव्यु के नजरिये से हर चीज़ तौलने लगता है। ऐसे में दर्शक मर जाता है सिर्फ़ समीक्षक रह जाता है। जब दर्शक है ही न, तो कंटेंट को एन्जॉय नहीं किया जाता है बस नोट्स बनाकर रिव्यु पेल दिया जाता है।
अवतार- वे ऑफ वाटर के लिए 4डीएक्स 3डी चुन रखा था कि पैंडोरा व मेटकायना को इसी से अनुभव करेंगे।
वे ऑफ वाटर का वर्ड ऑफ माउथ में स्टोरी वाइज ‘औसत’ रखा गया है। मित्र से पूछा कि, वे ऑफ वाटर देख ली। तब उसने कहा कि कहानी में ज्यादा दम न है। इस संदर्भ में मेरा मत है कि अवतार के 5 भाग है। 2009 से 2028 तक प्रस्तावित है। इसलिए इसकी कहानी का रिव्यु आखिरी क़िस्त के साथ करना उचित होगा।
जेम्स कैमरून ने अवतार के मूल भाग के बाद अन्य चारों भाग की कहानी लिख दी है बल्कि प्री प्रोडकशन भी पूर्ण कर रखा है। कुछ मेजर सीक्वेंस के साथ प्रत्येक पार्ट्स दर्शकों के बीच आते जाएंगे। जेम्स की अवतार के क्रिएशन में सी-क्रिएचर अद्भुत है। विजुअल्स देखकर आँखें प्रसन्न हो जाती है।
वे ऑफ वाटर से अंदाजा है कि जेम्स पैंडोरा के हर एंगल यानी दुनिया को दर्शकों के बीच रखेगें।
किसी के मत पर ध्यान न देकर फ़िल्म देखें।
शानदार विजुअल्स और अच्छी फ्रेंचाइजी शेप ले रही है। फ्रेंचाइजी में कहानियां भिन्न रहती है तब उन्हें सिंगल पार्ट्स में रिव्यु करना होता है जब एक ही लाइन पर कहानी व किरदार चल रहे है तो लास्ट में मालूम पड़ेगा। कि जेम्स की इतने वर्षों की मेहनत सफल है या असफल…निःसन्देह बॉक्स ऑफिस पर वे ऑफ वाटर पहली का रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल जायेगी। कलाकार और फ़िल्म मेकर के दृष्टिकोण से 2028 में ही सामने आएगा कि 1994 में जेम्स ने किस आईडिया को जीवन इतने महत्वपूर्ण वर्ष दे दिए।
ऐसे ही कांतारा के बारे में 90 प्रतिशत रिव्यु व वर्ड ऑफ माउथ पॉजिटिव है बाकी 10 फ़ीसदी 90 से उलट है। ऐसा ही होता है जब कुछ साइड से निकलने की कोशिश में रहते है। उनके नजरिये का भी पूर्ण सम्मान है।
कांतारा में आखिरी के 15 मिनट ही अच्छे है तो उन 15 मिनट को फीचर फिल्म का स्टेटस न मिलता। उसके लिए तो डेढ़ से ढाई घण्टा लगता है। भूता कोला की प्रथा को मनाने वालों की जीवन शैली भी दिखलाई जाएगी न, उसे थोड़े छोड़ देंगे। ख़ैर।