क्या आपने इस लड़की को कहीं देखा है? दिमाग़ पर ज़ोर डालिए?
उत्तर है – नहीं. ऐसी लड़की कहीं इग्ज़िस्ट नहीं करती. आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर एक सेकंड में बनाई गई यह फ़ेक तशवीर है. इस शक्ल की कोई महिला आज तक नहीं हुई. जितनी चाहें उतनी फ़ेक तशवीर मिनटों में तैयार हैं.
कल्पना कीजिए बस दो तीन वर्ष पूर्व तक कम्प्यूटर और ग्राफ़िक सोफ्टवेयर का इस्तेमाल कर भी बड़े बड़े टेक्नीशियन आसानी से ऐसी फ़ोटो हफ़्तों में न बना पाते थे अब एक क्लिक पर उपलब्ध है.
इलेक्शन के समय पोलिटिकल पोस्ट्स डालने के लिए लड़कियों की जो फ़ेक ID बनाई जाती थी उसमें दूसरी लड़कियों की फ़ोटो चोरी कर डाली जाती थी. समय के साथ फ़ेसबूक का सोफ्टवेयर इतना समझदार हो गया कि वह डूप्लिकेट ID पकड़ने लग गया. पर अब कोई समस्या ही नहीं, मिनटों में बिल्कुल असल दिखने वाली फ़ेक ID तैयार हो सकती हैं.
और ख़ास बात यह भी है कि अब AI का इश्तेमाल कर ज़बर्दस्त कांटेंट भी लिखा जाने लगा है. आज की तारीख़ में AI से वीडियो, इमेजेस, कांटेंट सब बहुत आसानी से बन रहा है. सामान्य कांटेंट क्रियेटर अभी समझ नहीं रहे हैं कि वह आप्रसंगिक होने वाले हैं.
AI के आ जाने से पूरा खेल बदल गया है. पोलिटिकल सर्किल में भी इस समय AI गेम चेंजर है. जैसे 2014 में मोदी जी ने फ़ेस बुक का इश्तेमाल कर चुनाव जीता, फ़िर वहत्सप ने जिताया, आने वाले चुनावों में AI की बड़ी भूमिका रहेगी. हाँ जो लोग की पीपल रहे, जिन्हें ऐसा लगता है कि उनके कांटेंट की वजह से ओपीनियन बनती बिगड़ती थीं, अब उन जैसे लाखों कांटेंट एक सिंगल क्लिक में उपलब्ध हैं AI की वजह से. वह सब इरेलवंट होने वाले हैं.
अपनी नालेज को अपग्रेड करते रहें, यदि आपको भय था कि कम्प्यूटर नौकरियाँ खा जाएगा तो AI तो उन नौकरियों को इरेलवंट ही करने वाला है. सामान्य कांटेंट राइटिंग, इमेज, वीडियो, सामान्य कस्टमर सपोर्ट यह सब सेक्टर ही पूरी तरह से समाप्त होने वाले हैं.