प्रयागराज में शनिवार को माफिया अतीक अमहद और उसके भाई अशरफ को पुलिस की रिमांड में तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना काल्विन अस्पताल से चंद कदमों की दूरी और पुलिस के सामने हुई है। ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाले युवकों ने तुरंत सरेंडर कर दिया। पुलिस ने मौके पर ही तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित कर दी है। अपर पुलिस उपायुक्त अपराध सतीश चंद्र, एसीपी कोतवाली सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की टीम बनाई गई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी।
एसआइटी अभिरक्षा में तैनात रहे पुलिसकर्मियों की भूमिका, उनकी उपस्थिति और उनकी ओर से उठाए गए कदम के सभी तथ्यों की छानबीन करेगी। साथ ही आरोपितों के बारे में और उनकी माडस अपरेंडी का पता लगाते हुए कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच को आगे बढ़ाएगी। वहीं, शासन स्तर पर गठित जांच आयोग के सदस्य भी जल्द ही प्रयागराज आकर पूरे मामले की तहकीकात करेंगे।
पुलिस अभिरक्षा में अतीक व अशरफ की हत्या को लेकर पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। इससे जांच अधिकारियों के सामने कई तरह की चुनौती है। उधर, नैनी जेल में बंद अतीक के बेटे अली और गुर्गाें की निगरानी बढ़ा दी गई है। अतीक के शूटरों को भी नैनी जेल में दाखिल किया गया है, जिससे उनके बीच टकराव की आशंका पैदा हो गई है।
आयोग में दो सेवानिवृत्त न्यायाधीश और एक पूर्व डीजी को शामिल किया गया है. इसके अलावा एक विशेष जांच दल का भी गठन किया गया है. वहीं, एक पर्यवेक्षक दल भी बनाया गया है. आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरविंद कुमार त्रिपाठी कर रहे हैं. जानते हैं रिटायर्ड जस्टिस त्रिपाठी समेत आयोग में शामिल सदस्यों के बारे में सबकुछ.
तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग में पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार सिंह और पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं. ये आयोग हत्याकांड की जांच में पुलिस की चूक और अन्य पहलुओं की पड़ताल करेगा. जांच के दौरान ये भी देखा जाएगा कि अतीक और अशरफ को कोर्ट में पेश करने औ पुलिस रिमांड पर लेने के दौरान दोनों की सुरक्षा व्यवस्था कैसी थी. आयोग दो महीने के भीतर जांच पूरी कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.