Home नया आज़म खान के ठिकानो पर आयकर की रेड, अखिलेश बोले विपक्ष पर होते रहेंगे भाजपा के ऐसे प्रहार

आज़म खान के ठिकानो पर आयकर की रेड, अखिलेश बोले विपक्ष पर होते रहेंगे भाजपा के ऐसे प्रहार

by Praarabdh Desk
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सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां के ठिकानों पर बुधवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की। आईटी टीम ने जौहर ट्रस्ट को लेकर की गई गड़बड़ियों के सुराग तलाशे। पूर्व मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के ठिकानों पर आयकर विभाग ने बुधवार सुबह छापा मारा। आयकर विभाग की टीम द्वारा रामपुर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर और लखनऊ में सुबह से आजम खां के जौहर ट्रस्ट में अंजाम दी गई गड़बड़ियों के सुराग तलाशे जा रहे हैं। सीतापुर में आजम के करीबी रीजेंसी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक के यहां आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा है। दो गाड़ियों से आए आयकर विभाग के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं।

रामपुर में सपा विधायक नसीर खां के घर पर आयकर की छापेमारी की गई। आजम के हमसफर रिसॉर्ट पर भी आयकर विभाग के अफसरों ने छापेमारी की है। इसी तरह मध्य प्रदेश के विदिशा में भी आयकर विभाग की टीम ने बड़ा बाजार क्षेत्र में रहने वाले समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रहे स्वर्गीय चौधरी मुनव्वर सलीम के निवास पर छापेमारी की। वहीं, छापेमारी को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार जितनी कमजोर होगी, विपक्ष पर छापे उतने बढ़ते जायेंगे।छह माह पूर्व आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के आयकर हलफनामे की फिर से जांच शुरू की थी। दरअसल, आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गए आयकर हलफनामे में कई गड़बड़ियां मिली थी।

वहीं, तंजीन फातिमा के बैंक खातों में भी तमाम गड़बड़ियां जांच में सामने आई थीं और इन खातों में तमाम संदिग्ध लेन-देन का पता चला था साथ ही जौहर ट्रस्ट से हुए तमाम संदिग्ध लेन-देन का भी पता चला था। बताते चलें कि आयकर विभाग और ईडी करीब तीन साल से आजम खान और उनके परिजनों और जौहर ट्रस्ट की गहनता से पड़ताल कर रही है।तत्कालीन सांसद आजम खां पर बेनामी संपत्ति और टैक्स में अनियमितता का आरोप वर्तमान विधायक भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने वर्ष 2019 में लगाया था।

उन्होंने इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में शिकायत कर दस्तावेज सौंपे थे। पूरे मामले को देखते हुए केंद्रीय मंत्रालय ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को जांच के आदेश दे दिए थे। आरोप था कि सांसद आजम खां ने 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद 560 एकड़ भूमि में जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करवाया।

इसमें राज्य के संसाधनों के दुरुपयोग और सिद्धांतों व कानूनों की अनदेखी कर जमीन पर कब्जे की बात कही गयी थी. इसके अलावा, उन पर इमारत का निर्माण करने का भी आरोप लगाया गया था
गरीब किसानों और अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन जबरन अपने नाम करा ली. आजम खान पर व्यापारियों और उद्योगपतियों से अरबों रुपये का चंदा लेकर काले धन को सफेद धन में बदलने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया था। शिकायत में आगे कहा गया है कि जौहर विश्वविद्यालय में भवन के निर्माण के संबंध में कोई सीमा शुल्क या कर एकत्र नहीं किया गया था।

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