5G मोबाइल और इंटेल 13th जनरेशन वाली पीढ़ी ना तो कौवे का उचरना जानती है और नाही वह चिट्ठी में लिपटी हुई चिंता और वेदना को समझ सकती है। इसके साथ ही अभी तक वह, यह समझने में असमर्थ है…
जलज कुमार मिश्रा
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राजनीतिइतिहासऐतिहासिकजलज कुमार मिश्रासामाजिक
पं.अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति विशेष
by Jalaj Kumar Mishra 163 viewsपं.अटल बिहारी वाजपेयी जब भारत रत्न को मिले तब भारत रत्न भी उनको पाकर धन्य हुआ। एक बार पंडित जी से किसी ने आकर कहा कि आपके पास ओजस्वी भाषण की जो अद्भुत कला है उसका मैं कायल हूँ। इस…
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मुद्दाजलज कुमार मिश्राजाति धर्मसामाजिक
भारतीय लोकतंत्र में हिन्दू अधिकार
by Jalaj Kumar Mishra 160 viewsभारत का संविधान हर किसी को यह आजादी देता है कि वह जब चाहे मुँह उठा कर हिन्दुओं की सभ्यता, संस्कृति या उनके आराध्यों को भला- बुरा कह सकता है। जब इससे भी मन ना भरे तो मनगढ़ंत व्याख्या करके…
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चलचित्रजलज कुमार मिश्राराजनीतिसामाजिक
रॉकेट्री-द नंबी इफेक्ट्स एक रिव्यु
by Jalaj Kumar Mishra 203 viewsजिस दौर में भारतीय सिनेमा का बाजार सनातन उपहास पर चल रहा हो, आर माधवन सनातन निष्ठ विचारधारा को केन्द्र में रखकर रॉकेट्री-द नंबी इफेक्ट्स बनाते हैं यह गर्व और गौरव की बात है। भारतीय राॅकेट वैज्ञानिक नंबी नारायणन के…
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अपराधजलज कुमार मिश्रामीडियामुद्दा
शंकराचार्य बनाम उदयपुर का क्षत्रिये
by Jalaj Kumar Mishra 170 viewsआदरणीय राजशेखर तिवारी जी लिखते हैं कि शुरू हो गयी मूर्खता? .. जब संतों की निर्मम हत्या हुयी तो एंजेडा चला दिया गया और शंकराचार्यों की चर्बी देखी जाने लगी .. और अब उदयपुर के नाम पर क्षत्रियों को कोसा…
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ईश्वर भक्तिजलज कुमार मिश्रा
अर्जुन और श्रीकृष्ण – भक्ति प्रीत से बड़ी होती है
by Jalaj Kumar Mishra 230 viewsकहा जाता है कि आत्मा को ईश्वर से जोड़ लेना ही भक्ति है।ऐसा मानाना कि इस चराचर जगत में ना तो उसके सिवा कोई दूसरा उत्सव है नाही प्रमोद देने वाला ! संतुष्टि और तृप्ति का ऐसा संगम होना कि…
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परम्पराएजलज कुमार मिश्रासामाजिकसाहित्य लेख
भारत का लोकमानस यहाँ हर दिन … | प्रारब्ध
by Jalaj Kumar Mishra 295 viewsभारत का लोकमानस यहाँ हर दिन मार्क्स के चेलों और नवबौद्धों के मुँह पर तमाचा मार कर कह रहा होता है कि भारत में धर्म का मतलब अफीम नही अस्तित्व और अस्मिता होती है। वैसे भी जो बुद्ध का पंचशील…
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निलांक घर से निकल कर पहली बार इंजीनियरिंग पढ़ने के नाम पर बाहर आया था । अलग जगह, अगल परिवेश मे अपने आप को बचा कर रख पाना एक चुनौती होती है । फिसलना कौन कहे यहाँ तो बिना कहे…
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ईश्वर भक्तिजलज कुमार मिश्रा
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..
by Jalaj Kumar Mishra 576 viewsको नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो.. हिन्दुस्तान और सनातन धर्म संस्कृति में भक्ति और भक्त के आचरण की जब भी बात होती है,हनुमान जी का चरित्र सबसे प्रिय लगता है। हनुमान जी को लिखते समय तुलसी…
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डरना मनुष्य का स्वभाव है। लेकिन सबसे ज्यादा जिस चीज से डर लगती है,वह अज्ञानता है।मनुष्य स्वाभाविक रूप से जब डरता है, तब वह ईश्वर की तरफ मुड़ता है।डर में हम सब अपने इष्टदेव या कुल देवता की तरफ आकृष्ट…