यह मूलतः एक शोधपरक लेख है, जो लगभग 4-5 पृष्ठों में लिखा गया है। यह प्रमाणित होता आया है कि आर्य कहीं बाहर से नहीं आए बल्कि भारत के मूल निवासी थे। हर नवीनतम शोध व अनुसंधान भी यही निष्कर्ष…
प्रांजय कुमार
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प्रांजय कुमारमुद्दाराजनीतिलेखक के विचारसामाजिक
श्री गुलाब कोठारी जी के नाम खुला #पत्र_02
by Pranjay Kumar 127 viewsआदरणीय गुलाब कोठारी जी! सादर नमस्कार। आपकी पत्रिका में “हिन्दू कौन?” शीर्षक से आपका सम्पादकीय लेख पढ़कर सहसा विश्वास नहीं हुआ कि एक विद्वान् और भारतीय शास्त्रों के ज्ञाता के रूप में प्रसिद्ध हुआ कोई सम्पादक–पत्रकार ऐसा तथ्यहीन और अतार्किक…
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कहानियानयाप्रांजय कुमारसामाजिक
जीवन एक यात्रा है : रोहित सरदाना की प्यारी सी बेटी नंदिका की कलम से
by Pranjay Kumar 94 viewsस्वर्गीय रोहित सरदाना की प्यारी सी बेटी नंदिका ने अपने 8 महीने के अनुभवों को एक कविता के माध्यम से बताने की कोशिश की है। सुनिये और महसूस कीजिये… क्योंकि “जीवन एक यात्रा है”। नंदिका ने जो कहा है, उसका…
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प्रांजय कुमारराजनीतिसामाजिक
महात्मा गाँधी पर लगातार चोट : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
by Pranjay Kumar 109 viewsयह विमर्श देश को मथ रहा है। मैं किसी भी अतिवादी टिप्पणी से बचता हूँ। समाज का सौहार्द्र बना रहे, यह प्रयास हर सजग और संवेदनशील व्यक्ति के सदृश मेरा भी रहता है। पर सामाजिक सौहार्द्रता किस कीमत पर, प्राणों…
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स्वयं को सर्वज्ञ मानने वाला व्यक्ति यदि दुर्भाग्य से किसी समाचार-पत्र का मालिक भी हो तो वह मनमानेपन की छूट पा जाता है। जीवन के सभी क्षेत्र में सरस्वती पर लक्ष्मी के हावी होने के प्रमाण मिलते हैं। लक्ष्मी की…
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इस्लाम का अतीत और वर्तमान निर्दोषों की हत्या से रक्तरंजित है और भविष्य पूरी मानवता के कत्ल का स्वप्न संजोए बैठा है। सबको एक ही रंग के झंडे के नीचे लाने का स्वप्न सामूहिक नरसंहार या सामूहिक धर्मांतरण के बिना…
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जाति धर्मप्रांजय कुमारभारत निर्माणमुद्दाराजनीति
भारतीय संस्कृति के शाश्वत सेतु
by Pranjay Kumar 112 viewsमुझे विश्वास है कि पूज्य शंकराचार्य जी में आपकी मुझसे भी गहरी श्रद्धा होगी, आप सनातन संस्कृति के संरक्षण-संवर्द्धन में उनके योगदान को मुझसे भी अधिक अनुभव करते होंगें। मैं नाम या प्रसिद्धि के लिए लेखन की ओर नहीं प्रवृत्त…
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इतिहासऐतिहासिकप्रांजय कुमारभारत वीरमुद्दा
सोए हुए पौरुष और स्वाभिमान को जागृत-झंकृत करने वाली वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
by Pranjay Kumar 130 viewsविरला ही कोई ऐसा होगा जो महारानी लक्ष्मीबाई के साहस, शौर्य एवं पराक्रम को पढ़-सुन विस्मित-चमत्कृत न होता हो! वे वीरता एवं संघर्ष की प्रतिमूर्त्ति थीं। उनका जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी में हुआ था। मात्र 29 वर्ष की…
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जब कोई अपना, बहुत अपना, समाचार-पत्र में आपका लेख देखकर आपको कॉल या मैसेज करे तो यह लेखन का पारितोषिक मिलने जैसा सुखद होता है, यह दिन बनने जैसा होता है, यह चिहुँक पड़ने जैसा होता है, यह बल्लियों उछल…
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संभव है कि आपमें से अनेक मित्रगण श्री Vikas Vaibhav, IPS जी की विशेषताओं से और निकट एवं पूर्व से परिचित हों। पर उनके पवित्र, महान एवं रचनात्मक अभियान लेट्स इंस्पायर_बिहार को और अधिक गति प्रदान करने हेतु उनका यह…