इंटेरनेट की दुनिया में इन दिनो एक सेल्फ़ी की धूम मची है – काल्पनिक सेल्फ़ी है धरती के अंतिम मनुष्य की.
यह सेल्फ़ी AI के टूल DALL – E2 का उपयोग कर तैयार की गई है. इमेज जेनरेट करने का यह टूल इतना शानदार है कि आप चार सौ शब्दों में बता दें कि आपकी रेक्वायअर्मेंट क्या हैं, जैसे कि डूबते हुवे सूर्य में मद्धिम हवा में दिल्ली जैसे माहौल में करोलबाग बैक ग्राउंड में घोड़े पर सवार तीस साल की लड़की पेंटर स्टाइल में. और बस यह टूल आपको तुरंत ऐसी फ़ोटो बना कर दे देगा.
आप पूछेंगे कि फ़िर पेंटर क्या करेगा. सच है पेंटर का कार्य समाप्त. AI क्षेत्र ने बीते तीन चार सालों में कांटेंट क्रियेशन में क्रांति ला दी है. अब सामान्य आर्टिकल लिखना हो, सामान्य इमेज मनिप्युलेशन हों यह सब कार्य AI के टूल करने लगे हैं. बस चार साल पहले तक भारत से ही लाखों लोग article लेखन की सेवा प्रदान करते थे अब इनकी आवश्यकता नहीं रही.
आने वाले AI टूल और स्मार्ट आ रहे हैं जो एक्स्पर्ट कांटेंट क्रियेटर का कार्य करने वाले हैं. कोई बड़ी बात नहीं दस वर्षों में फ़ेस बुक में आप जाएँ सलेक्ट करें नितिन त्रिपाठी स्टाइल के दो दहेज समर्थन में article दे दो और आपको बिल्कुल मेरी स्टाइल के लिखे दो लेख मिल जाएँ. फ़िर आप मेरी वाल पर नहीं आएँगे, तब नितिन आपके आदेशानुसार वह लिखेंगे जो आपको अच्छा लगे. वैसे मेरे अकाउंट पर फ़ेस बुक AI की विशेष नज़र है पहले ही बोल चुका हूँ.
ऐसा एक क्षेत्र में नहीं लगभग हर क्षेत्र में बीस वर्षों में होने वाला है. अधिसंख्य सेमी skilled कार्य AI कर लेगा.
और इन सबके बीच भारत में एक बड़े वर्ग को शोर मचाते छाती पीटते देखता हूँ कि उसे सरकारी नौकरी वह भी वो वाली जिसमें चालीस वर्षों तक कोई स्किल अपग्रेड न करनी हो वही चाहिए तो अचरज होता है. या तो वो अलग दुनिया है जहां इतने सारे इनवेशन हो रहे हैं कि वर्कर तो छोड़िए अब आर्टिस्ट तक के कार्य AI कर रही है और कहाँ इधर क्लर्क की नौकरी के लिए चालीस वर्ष की गारंटी चाहिए.