अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान गई है. यह शुद्ध रूप से चीन को भड़काने वाली हरकत है, बिल्कुल वैसी जैसा कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देने के नाम पर रूस के साथ किया था.
रूस – यूक्रेन युद्ध ने यूरोप की हालत खराब कर दी है. महंगाई दर दस प्रतिशत पार है. भयंकर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. पेट्रोल डीजल के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं. उसी फेरे में यूके की सरकार गिर गई है और बोरिस जॉनसन का शिकार कर लिया गया है. इसके पहले कोरोना से उत्पन्न संकट ने डोनाल्ड ट्रंप का शिकार किया था.
कोरोना के बहने से वामपंथियों के निशाने पर तीन बड़े नाम थे – ट्रंप, बोरिस और मोदी. दो शिकार किए जा चुके हैं. चीन की ताइवान से लड़ाई छेड़ कर एशिया को संकट में धकेला जा रहा है. नैंसी की ताइवान यात्रा पर बहुत उत्साहित मत होइए. हमें बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है और दूसरों के फटे में टांग अड़ाने से बचने की सख्त जरूरत है.