विवाह के समय लड़की व लड़के को संस्कारों की कसौटी में मूल्यांकन करने का जबरदस्त प्रचलन है, जिसको परिवार व समाज की संस्कृति की रक्षा व समृद्धि के लिए लड़का लड़की को ठोंक बजाकर चुनना कहा जाता है। इस प्रक्रिया में बहुत सारी लड़कियां व लड़के अस्वीकृत किए जाते हैं, ताकि अपने पुत्र के लिए सेवाभावी संस्कारी पत्नी और पुत्री के लिए देखभाल करने वाला प्रतिष्ठित पति खोजा जा सके। आइए देखा जाए कि संस्कारों की मूल कसौटी के तत्व क्या होते हैं (दिखावटी तत्वों की बात नहीं की जा रही है)।
**संस्कारी-वधू**