Home विषयअपराध 31 के आंकड़े की हैरतअंगेज कहानी 31 कब्र, एक बदन में 31 ही गोलियां

31 के आंकड़े की हैरतअंगेज कहानी 31 कब्र, एक बदन में 31 ही गोलियां

हत्या और जुर्म अध्याय 15

by Praarabdh Desk
281 views

यह कहानी है 31 की जी हाँ 2 लाश के 31 टुकड़े , दफ़नाने के लिए ३१ कब्र और उसके बदन पर 31 गोलिया ये एक  ऐसा षडयंत्र जिसकी तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी पुलिस भी एक बार को तो खुद भी गच्चा खा गई आइये जानते है क्या है पूरा माजरा राजधानी दिल्ली से चंद मील की दूरी पर स्थित उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले का. दरअसल क्राइम की कहानी में पेश इस किस्से की शुरूआत होती है दो पक्षों की रंजिश से. कुछ वक्त पहले इलाके में एक डॉक्टर को गोलियों से भूनकर कत्ल कर डाला गया था. जांच में पुलिस जुटी तो डॉक्टर शाबाद (कत्ल किए गए) की किसी से दुश्मनी की बात दूर दूर तक पता नहीं चली. पोस्टमॉर्टम के दौरान पुलिस को पता चला कि, डॉक्टर शादाब के बदन में 31 गोलियां झोंकी गई हैं. बस यहीं पर आकर पुलिस टीमें अटक गईं.

पड़ताल में जुटी पुलिस टीमों के सामने सवाल था कि आखिर जब कोई इंसान 1-2 गोली में ही कत्ल हो सकता है तो फिर डॉक्टर शादाब के बदन में 31 गोलियां झोंकने के पीछे खास मकसद क्या रहा होगा? सौ टके का सवाल था? सवाल जितने काम का था उससे ज्यादा वह उलझा हुआ भी था. हां, पुलिस ने अपने जेहन में उभरे इस सवाल से पड़ताल की कई दिशाएं टटोल लीं. मसलन, एक इंसान के बदन में कोई इतनी गोलियां चिढ़कर, रंजिशन ही मारता है. वरना कत्ल तो एक दो गोली से भी हो सकता है. पुलिस के अपने ही इस तर्क को मगर कत्ल किए जा चुके डॉक्टर शादाब के परिवार वालों के बयान ही काट दे रहे थे. क्योंकि परिवार वालों का कहना था कि डॉक्टर शादाब शरीफ चाल-चलन वाली शख्शियत थे. उनकी कभी किसी को रंजिश की बात दूर की. तू-तू-मै-मैं भी नहीं हुई थी.

लिहाजा डॉक्टर शादाब के परिवार वालों की इस दलील के सामने पड़ताल में जुटी पुलिस फिर अपने ही सवाल पर आकर वहीं खाली हाथ खड़ी हो गई, जहां से उसने पड़ताल को आगे बढ़ाने की कोशिश में कदम चलने शुरू किए थे. बहरहाल कई दिनों की मेहनत के बाद पुलिस को जो कुछ मिला. उस सबको एक साथ इकक्ठा करके देखने से एक बात साफ हो चुकी थी कि, हो न हो परिवार वाले भले ही डॉक्टर शादाब की किसी से रंजिश की बात से इनकार करें, मगर कत्ल की इस घटना में “रंजिश” का एंगल तो कहीं न कहीं दबा-छिपा है ही. जिसे तलाश कर बाहर लाना और कातिलों तक पहुंचने की जिम्मेदारी पुलिस की थी. कहते हैं कि हर जगह अपराधी ‘पास’ होता रहे मगर एक जगह जहां पर जाकर वो हारता है, उसी मुकाम पर पुलिस या किसी भी पड़ताली एजेंसी की ‘जीत’ लिखी होती है. हू-ब-हू ऐसा ही हुआ बुलंदशहर के डॉक्टर शादाब हत्याकांड के खुलासे में.

डॉक्टर शादाब की अगर किसी से रंजिश नहीं थी तो फिर उनके बदन में आखिर 31 गोलियां क्यों किसी कातिल ने झोंकी? खुद से पैदा इस सवाल मे जूझती हुई बुलंदशहर पुलिस पहुंच गई हापुड़. हापुड़ में कत्ल की उस वारदात या लाश की कहानी के करीब, जिसे इसी साल 18 मार्च को हापुड़ के हाफ़िज़पुर इलाक़े में अंजाम दिया गया था. पुलिस ने हापुड़ के हाजीपुर इलाके में हुए उस कत्ल की कुंडली खंगाली तो, उसके तार बुलंदशहर में कई किलोमीटर दूर हुए डॉक्टर शादाब हत्याकांड से मिलने लगे. पता चला कि हापुड़ में जिस इरफान नाम के शख्स का कत्ल इसी साल 18 मार्च को किया गया था, उसकी लाश के भी 31 टुकड़े किए गए थे. उन 31 टुकड़ों के लिए हत्यारों ने अलग अलग स्थानों पर 31 ही कब्र (गढ्ढों) का इतंजाम करके, उन 31 टुकड़ों को दफन कर दिया गया था.

बुलंदशहर पुलिस जब डॉक्टर शादाब हत्याकांड और हापुड़ में हुई इरफान खान की हत्या के बीच में पुहंची तो, उसे और भी काफी कुछ ऐसी जानकारियां मिलती गईं जिन्होंने, क्राइम की इस कहानी की कड़ी से कड़ी जुडवा दी. पता चला कि 18 मार्च को हापुड़ में इरफान खान की हत्या बुलंदशहर में 31 गोलियां मारकर कत्ल किए गए डॉक्टर शादाब के भाई, रागिब ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर की थी. इरफान की लाश के भी कातिलों ने 31 ही टुकड़े किए गए थे. उन टुकड़ों को हत्यारों ने अलग अलग जगहों पर 31 गड्ढे (कब्र) खोदकर दफ़न किया था. बस बदन में 31 गोली और एक लाश के 31 टुकड़ों की कड़ी से कड़ी जुड़ते ही बुलंदशहर पुलिस, अपने इलाके में हुए शाबाद हत्याकांड के खुलासे के मुहाने पर जा पहुंची.

डॉक्टर शादाब हत्याकांड की पड़ताल में जुटी बुलंदशहर पुलिस को पता चला कि, डॉक्टर शादाब के घरवालों ने जिन चार लोगों को नामजद करवाया था, वे सभी हापुड़ में इसी साल 18 मार्च को कत्ल किए जा चुके इरफ़ान के भाई थे.वही इरफान जिसकी हत्या में डॉक्टर शादाब के भाई और उसके दोस्तों का नाम आ रहा था. पुलिस ने 31 कब्र, एक लाश के 31 टुकड़े और एक शख्स के बदन में 31 गोलियों की तो कड़ी से कड़ी जोड़ ली. इसके बाद भी मगर सभी कातिलों की गिरफ्तारियां नहीं हो सकीं है. गिरफ्तारियों के लिए बुलंदशहर पुलिस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अभी तक अपना जाल बिछाए हुए है.

“यह सभी अपराध वास्तव में घटित हो चुके है और इनका विवरण विकिपीडिया और अन्य श्रोतो से लिया गया है इन अपराध को करने वाले अपराधियों को सजा दी जा चुकी है और कुछ मामलो में अभी फैसला आना बाकी है और मामला न्यायालय में है आप सब से निवेदन है की इनकी कहानियो को पढ़ कर इनकी प्रेरणा न ले”

Related Articles

Leave a Comment