Home हमारे लेखकआशीष कुमार अंशु बनावटी लोग जो कहते थे कि तुम्हारे हक़ के लिए लड़ेंगे

बनावटी लोग जो कहते थे कि तुम्हारे हक़ के लिए लड़ेंगे

आशीष कुमार अंशु

by Ashish Kumar Anshu
160 views
कहते थे कि तुम्हारे कहने की हक की आजादी के लिए लड़ेंगे। कितने बनावटी लोग हैं, ऐसा कहने वाले। इनमें से एक को नहीं देखा जो नुपूर शर्मा के साथ खड़ा हुआ हो।
नुपूर ने टीवी डिबेट में एक बात कही। वह बात क्या थी? उसके बयान पर चले सारे विमर्श में वह बात गायब थी, जो नुपूर ने कही। वह बात गायब थी जिसकी प्रतिक्रिया में नुपूर ने अपनी बात कही। ऐसे कैसे कोई ईमानदार बहस चल पाएगी। जिसमें बहस की गुंजाइश ना हो। यह स्वस्थ बहस की परंपरा तो नहीं है। जब आम आदमी पूरी बहस ही नहीं समझेगा फिर निर्णय क्या लेगा?
बिना पूरी बहस को समझे, एक के बाद एक देश भर में हत्याओं का सिलसिला प्रारंभ हो गया। मतलब नुपूर की बात कोई ना करे।
यहां जिस एक आदमी की भूमिका सबसे अधिक संदिग्ध रही। वह दुनिया भर के लेफ्ट लिबरल समूहों से सम्मानित हो रहा है। उसे फैक्ट चेकर पुकारा जा रहा है। अब नुपूर को लेकर उसने जो वीडियो शेयर किया था। उसका भी एक बार फैक्ट चेक होना चाहिए। उसने एडिटेड वीडियो क्यों डाली? उसे बताना चाहिए।
पूरी वीडियो क्यों सामने नहीं आई? नुपूर के खिलाफ जहर उगलने वाले चैनलों ने भी उसका बयान नहीं दिखाया। इस्लाम शांति का मजहब है फिर उससे चैनल से लेकर लेफ्ट लिबरल तक इतना खौफ क्यों खाते हैं?
क्या नुपूर शर्मा इस देश की बेटी नहीं है? उसे अपनी बात कहने का अधिकार नहीं है?
देश संविधान से चलना चाहिए। यदि नुपूर की किसी बात पर आपत्ति है तो उसे न्यायालय में चुनौती दीजिए। जिससे नुपूर अपना पक्ष सही तरीके से रख पाए। उन्होंने जो कुछ भी कहा है, उसके प्रमाण प्रस्तुत कर पाए लेकिन तलवार का भय दिखाकर आप कहने वालों की जुबान बंद करेंगे तो फिर आपके ‘शांति का मजहब’ होने के दावे पर ही प्रश्न चिन्ह लगेगा।

Related Articles

Leave a Comment