सपा नेता आजम खां के यहां आयकर विभाग की छापेमारी को आज तीसरा दिन है। बीते 60 घंटे से आयकर की टीम आजम के रामपुर स्थित आवास पर दिन रात जांच करने में जुटी हैं। इस दौरान प्रशासन से भी जानकारी मांगी गई है। बता दें कि यह छापेमारी कर चोरी और जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ी है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां के घर आयकर विभाग की छापेमारी तीसरे दिन भी जारी रही। आयकर अधिकारियों ने रातभर आजम खां के घर छानबीन की। जौहर यूनिवर्सिटी को संचालित करने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज भी खंगाले। देर रात में कई अधिकारी घर से निकले तो उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी पहुंचे और उन्होंने तलाशी अभियान जारी रखा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां के घर आयकर विभाग की छापेमारी तीसरे दिन भी जारी रही। आयकर अधिकारियों ने रातभर आजम खां के घर छानबीन की। जौहर यूनिवर्सिटी को संचालित करने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज भी खंगाले। देर रात में कई अधिकारी घर से निकले तो उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी पहुंचे और उन्होंने तलाशी अभियान जारी रखा।
जौहर यूनिवर्सिटी में एकाउंटेंट रहे सईद खां के घर पहुंची टीम
शुक्रवार की सुबह भी आयकर अधिकारी आजम खां के घर में तलाशी लेते रहे। घर के बाहर फोर्स के जवानों के साथ स्थानीय पुलिस भी तैनात रही। टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी में एकाउंटेंट रहे सईद खां के घर पहुंचकर भी दस्तावेज खंगाले। जौहर यूनिवर्सिटी के साथ ही आजम खां के हमसफर रिसोर्ट पर भी दिनभर टीमें जांच पड़ताल करती रहीं।
प्रशासन से भी मांगे गए जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित अभिलेख
विधायक नसीर खां और आजम खां के करीबी रहे स्वर्गीय राकेश जैन व शावेज खां के घर पर भी कार्रवाई जारी रही। आयकर अधिकारियों ने प्रशासन से भी जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित अभिलेख मांगे हैं। लेबर सेस के बारे में भी जानकारी मांगी। यूनिवर्सिटी में जो इमारतें बनी हैं, उनके मानचित्रों के बारे में भी जानकारी मांगी गई है।
सपा की सरकार में बनी थी जौहर यूनिवर्सिटी
प्रशासन ने आयकर विभाग को सभी जानकारी मुहैया करा दी हैं। श्रम विभाग की ओर से लेबर सेस के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। सूबे में 2015 में सपा की सरकार थी तब यूनिवर्सिटी में बनी इमारतों की लागत दो हजार करोड़ आंकी गई थी। इसी हिसाब से एक प्रतिशत लेबर सेस की धनराशि 20 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था। इस पर आजम खां ने आपत्ति जताई थी। बाद में भाजपा शासनकाल में यूनिवर्सिटी की इमारतों की लागत घटाकर 147 करोड़ आंकी गई।
आयकर विभाग की टीम दिन-रात जुटा रही जानकारी
लेबर सेस जमा न करने पर प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की इमारतें भी कुर्क कर ली थीं। लेबर सेस की धनराशि जमा करने के बाद ही इमारतों की सील खोली गई थी। यह जानकारी आयकर विभाग को उपलब्ध करा दी गई। बता दें कि आयकर विभाग की टीमें गुरुवार रात तक छापेमारी करती रहीं। वहीं सुबह होते ही टीमें फिर जांच में जुट गईं।