मध्य प्रदेश की धार्मिक और महाकाल की नगरी शर्मिंदा हो गई। यहां एक नाबालिग के साथ कुछ दरिंदों ने दरिंदगी की। खून से लथपथ मासूम मदद के लिए दर दर भटकती रही। जहां उसे ऐसी हालत में देख भी दिल नहीं पसीजा तो किसी ने खाना और तन ढकने को कपड़ा दे मदद कर पुलिस को सूचित किया। शहर में दिल्ली जैसे हुए निर्भया कांड में जाने अब तक क्या क्या हुआ। दरअसल, उज्जैन शहर में एक नाबालिग से दरिंदगी की गई। बलात्कार की शिकार नाबालिग लड़की फिलहाल खतरे से बाहर है। लेकिन इस मामले के तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली होने के बाद पुलिस ने आटो ड्राइवर सहित 4 लोगों से पूछताछ की। वह रेप की बात से इनकार कर रहा है। उसने बताया कि वह मदद करने के लिए उसे अपने ऑटो में बैठाकर बड़नगर रोड तक छोड़ा था। हालांकि उसका बयान संदिग्ध है। क्योंकि खून से लथपथ बच्ची को हॉस्पिटल क्यों लेकर नहीं गया।साथ ही पुलिस को जानकारी क्यों नहीं दी। उनकी बयान के अलावा पुलिस को कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे है। पुलिस के हाथ खाली ही है। पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह बच्ची आधे अधूरे कपड़े में सांवराखेड़ी सिंहस्थ बाइपास की कॉलोनियों में क़रीब ढाई घंटे भटकती रही लेकिन स्थानीय लोगों से उसे कोई मदद नहीं मिली. पुलिस ने सभी संबंधित सीसीटीवी फ़ुटेज जुटा लिए हैं.
इन फ़ुटेज में ही यह नाबालिग लड़की तीन ऑटो ड्राइवर और दो लोगों के साथ बात करती दिखी. पुलिस उन सभी लोगों से पूछताछ कर रही है.
पुलिस के मुताबिक़ यह नाबालिग लड़की सतना की रहने वाली है. पुलिस ने पहले बच्ची की उम्र 12 साल बताई थी लेकिन एफ़आईआर की कॉपी में उनकी उम्र 15 साल दर्ज है.
उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने बताया, “बच्ची सतना ज़िले के एक गांव की रहने वाली है. वो 24 सितंबर को घर से गायब हुई थी. उसके अपहरण की रिपोर्ट भी सतना के एक थाने में दर्ज है. बच्ची की मां बचपन में ही उसे छोड़कर चली गई थी और पिता अर्धविक्षिप्त हैं. बच्ची अपने दादा और बड़े भाई के साथ गांव में रहती है और वहीं के स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ती है. उसके लापता होने पर दादा ने 24 सितंबर को आईपीसी की धारा 363 के तहत केस दर्ज कराया था.”
एसपी सचिन शर्मा ने बताया, “बच्ची बड़नगर रोड स्थित दंडी आश्रम के बाहर आश्रम के आचार्य राहुल शर्मा को जब मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी और बच्ची को अस्पताल भिजवाया. प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को इंदौर के ज़िला चिकित्सालय पहुँचाया गया. जहाँ ऑपरेशन किया गया अब बच्ची की हालत में सुधार है.”
वहीं, सतना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवेश सिंह बघेल के मुताबिक़, उज्जैन में रेप का शिकार हुई बच्ची मंदबुद्धि है. वह गांव में अपने दादा और भाई के साथ रहती है.
बघेल ने पत्रकारों को बताया कि, वो स्कूल जाने के लिये निकली थी और शाम तक जब घर नही आयी तो उसकी तलाश की गई लेकिन जब नही मिली तो दूसरे दिन उसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई. उसकी तलाश की जा रही थी और सूचना सभी थानों में भेजी गई. फिर उज्जैन वाला मामला सामने आने पर उसका वीडियो दादा को दिखाया गया और उन्होंने उसे पहचान लिया.
इस घटना ने न केवल उज्जैन बल्कि पूरे मध्य प्रदेश और देश को झकझोर दिया है. लड़की मदद की तलाश करती रही लेकिन महाकाल की नगरी में कोई आगे नहीं आया.
वो शख़्स जिसने पुलिस को सूचना दी
राहुल शर्मा वो शख़्स हैं जिन्होंने सबसे पहले पुलिस को इस बच्ची के बारे में जानकारी दी.
राहुल शर्मा ने बताया कि सूचना देने के 20 मिनट के भीतर ही पुलिस मौके पर पहुंच गई.
उन्होंने कहा, “मुझे खेद है कि उज्जैन जैसे शहर में उस लड़की को मदद नही मिल पाई जहां पर लोगों को आगे आना चाहिए था.”
राहुल ने बताया कि उस समय लड़की खड़ी नहीं हो पा रही थी और जो भाषा बोल रही थी वो उन्हें समझ नहीं आ रही थी.
उन्होंने बताया कि तब लड़की की स्थिति ठीक नहीं थी और मेरी पहली प्राथमिकता उसका इलाज कराने की थी.
यह घटना वाकई दिल को दुखाने वाली है.
लेकिन लड़की को मदद नहीं मिल पाने पर वे कहते हैं, “लोगों में एक अविश्वास की भावना पैदा हो गई है.”
उन्होंने कहा, “लोग मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. शायद इस वजह से कि उन्हें लगता है कि पता नहीं हमें इसके लिए ज़िम्मेदार न मान लिया जाए. लोगों को लगता है कि कहीं पुलिस उन्हें ही मामले में न उलझा दे.”
हालांकि वे कहते हैं, “महाकाल लोक बन जाने के बाद से यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है और यह घटना बताती है कि हम कितने असुरक्षित हैं.”
उज्जैन के ही अमिताभ तिवारी कहते हैं, “बच्ची के साथ जो हुआ और उसके बाद लोगों का उसे सहायता नहीं देना मुझे भी हैरान करता है. ऐसा इस शहर में नहीं होना चाहिए. भगवान महाकाल दुनिया भर के लोगों के दुख दूर करने के लिए जाने जाते हैं. फिर इस मामले में हम इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते हैं.”