Home विषयरोजगार Freelance Jobs is Best Option For Earn the Money
रेफ़रेंस के थ्रू एक लड़का नौकरी के लिए आया. कोई स्किल नहीं, बारहवीं पास वह भी नक़ल से. अंग्रेज़ी, कंप्यूटर चलाना दूर दूर तक नहीं पता. अब चूँकि दबाव था तो इंटरव्यू तो लेना ही था. पर इंटरव्यू के दूसरे ही मिनट में उसके प्रश्न आरंभ हो गये – सैलरी, वर्किंग hours, एंटरटेनमेंट के साधन. मैं उसे रिजेक्ट करूँ, उसने मुझे रिजेक्ट कर दिया. बाद में पता लगा एक फर्जी टावर लगाने वाली कंपनी में काम कर जेल भी काटी. इन दिनों फर्जी काल सेंटर में काम कर रहा है.
नारायण मूर्थी ने जो सत्तर घंटे काम की बात कही, मैं उससे असहमत हूँ. देश का एक बहुत बड़ा युवा वर्ग है जिसके पास न स्किल है न डिग्री न नया सीखने की ललक. उसे 70 नहीं अस्सी घंटे काम करने होंगे अगर वह जीवन में एथिकल तरीक़े से सफल होना चाहता है. और यह मेहनत वह कंपनी मालिक के लिए नहीं, स्वयं के लिये कर रहा है. ग्लोबल वर्ल्ड में जिस के पास पैसे हैं उसके पास दस ऑप्शन होते हैं लेबर के.
आप किसी फ़्रीलेंसिंग साइट पर जाइए. वहाँ अमेरिका, यूरोप, भारत, बांग्ला देश, पाकिस्तान सबके फ़्रीलेंसर होते हैं. अमेरिका जैसे देश में अनस्किल्ड लेबर की मिनिमम सेलरी 1300 रुपये और थोड़ी भी स्किल हो, तो दो हज़ार प्रति घंटा है. उनकी टक्कर में भारतीय टाउन में पंद्रह हज़ार महीना एक ठीक सेलरी है. लेकिन इन साइट्स पर अमेरिकन भी काफ़ी प्रोजेक्ट पा रहे हैं और बजट सेगमेंट में बांग्ला देश, पाकिस्तान के सर्विस प्रोवाइडर भारत से ज्यादा हैं. वजह स्वयं समझ सकते हैं.
सोसल मीडिया पर लोग मजाक उड़ाते हैं प्राइवट बी टेक होल्डर्स का कि दस हज़ार की नौकरी मिलती है. मैं कहता हूँ फ्री की मिल रही हो, अच्छा एक्सपीरियंस मिल रहा हो जेब से पैसे दो, रोज़ बारह घंटे काम करो, एक साल में अच्छी जगह पहुँच जाओगे और दस साल में एक लाख प्लस कमाओगे.
अगर आपको सफल होना है तो या तो आप ओवरटली टैलेंटेड हों या ज़बरदस्त मेहनत करने वाले हों – तीसरा विकल्प बस वही है कि फर्जी व्हाट्सप काल कर ब्लैकमेल करने जैसे काम ही बचते हैं.

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