Home मीडिया एनडीटीवी ने खुद को बेंचा तब उसे खरीदा अडानी ने

एनडीटीवी ने खुद को बेंचा तब उसे खरीदा अडानी ने

Awanish P. N Sharma

by Awanish P. N. Sharma
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गौतम अडाणी की कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड.. न्यूज चैनल NDTV की 29.18% हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। अडाणी ग्रुप ने मंगलवार शाम इसका ऐलान किया। थोड़ी देर बाद NDTV ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी डील का पता ही नहीं है। उन्हें बिना बताए या पूछ ये सब हो गया है।

ऐसा कहते हुए एनडीटीवी पूरी तरह झूठ बोल रही है लेकिन प्रणव राय, राधिका राय ऐसा क्यों कर रहे हैं! ये कहानी थोड़ी उलझी और रोचक भी है। इसे बारी-बारी से समझते हैं।

दरअसल NDTV के फाउंडर प्रणय और राधिका रॉय ने 2009 में करीब 400 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इसी लोन के कारण अडाणी ग्रुप को इस मीडिया हाउस की 29.18% हिस्सेदारी मिलने जा रही है। अडाणी ग्रुप ऐडिशनल 26% स्टेक के लिए 294 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 493 करोड़ का ओपन ऑफर भी लाएगा जिसके बाद उसकी कुल हिस्सेदारी 55% हो सकती है।

अडाणी ग्रुप ने पूरी डील की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है। यहां इसी फाइलिंग के आधार पर इस पूरी डील को समझते हैं।

इस डील में 5 कंपनियां शामिल है:

1. न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV)
2. RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड
3. विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL)
4. AMG मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL)
5. अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL)

RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड NDTV की प्रमोटर कंपनी है। विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) AMG मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) की सहायक कंपनी यानी सब्सिडियरी है। 113.75 करोड़ रुपए में अडाणी ग्रुप ने VCPL का अधिग्रहण किया था।

AMG मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) की सब्सिडियरी है। अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है। इस हिसाब से विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) का कंट्रोल अडाणी एंटरप्राइजेज के पास है।

इस डील को समझने से पहले वॉरंट क्या होता है इसे समझना जरूरी है, क्योंकि इस डील को वॉरंट के जरिए ही अंजाम दिया गया है। वॉरंट एक तरह का फाइनेंशियल कॉन्ट्रेक्ट है। कंपनियां इसका इस्तेमाल फंड रेज करने के लिए करती है। ये निवेशकों को एक्सपायरेशन से पहले एक निश्चित कीमत पर उस कंपनी के निश्चित शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है।

भारतीय और अमेरिकी वॉरंट किसी भी समय एक्सपायरी डेट पर या उससे पहले एग्जीक्यूट किए जा सकते हैं, जबकि यूरोपीय वॉरंट केवल एक्सपायरी डेट पर ही एग्जीक्यूट हो सकते हैं। शेयर खरीदने का अधिकार देने वाले वॉरंट को कॉल वारंट कहा जाता है; शेयर बेचने का अधिकार देने वालों को पुट वॉरंट के रूप में जाना जाता है।

अब नीचे समझते हैं कि अडाणी ग्रुप ने कैसे NDTV में हिस्सेदारी ले लिया..

– NDTV की प्रमोटर कंपनी RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPR का मतलब राधिका रॉय, प्रणय रॉय है) ने साल 2009 में दूसरे कर्ज चुकाने के लिए 403.85 करोड़ रुपए (लिंक के पैरा 43 में लोन का जिक्र है) का लोन लिया था। इस इंटरेस्ट फ्री लोन के बदले में VCPL को RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के वॉरंट मिल गए। नियमों के अनुसार वॉरेंट को एक्सपायरेशन से पहले कभी भी शेयर्स में बदला जा सकता है।

– इसी अधिकार के तहत VCPL ने 1,990,000 वॉरेंट को 1,990,000 शेयर्स में बदलने के लिए मंगलवार को नोटिस जारी किया। अडाणी एंटरप्राइजेज ने स्टॉक एक्सचेंज को भी इसकी जानकारी दी है। वॉरंट एक्सरसाइज के टर्म्स के अनुसार RRPR को नोटिस के 2 दिनों के अंदर यानी 25 अगस्त तक VCPL को 1,990,000 शेयर अलॉट करने होंगे। इससे VCPL को RRPR की 99.5% हिस्सेदारी मिल जाएगी।

– VCPL के पास दो और अधिकार है। पहला, RRPR की 99.99% तक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए और वॉरंट और दूसरा प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास मौजूद RRPR के सभी इक्विटी शेयरों को खरीदने और RRPR की 100% हिस्सेदारी खरीदने का ऑप्शन। चूंकि NDTV की प्रमोटर RRPR है और उसके पास NDTV की 29.18% हिस्सेदारी (18,813,928 शेयर) है, इसलिए अडाणी ग्रुप को इनडायरेक्ट तरीके से NDTV में 29.18% की हिस्सेदारी मिल गई है।

– VCPL ने वॉरंट को शेयर में बदलने के लिए पेमेंट भी नहीं किया। ऐसा इसलिए क्योंकि वो लोन के तौर पर 2009 में ही पेमेंट कर चुकी है। सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के अनुसार जब भी किसी ट्रांजैक्शन में कंपनी के पास दूसरी कंपनी के 25% से ज्यादा शेयर आते हैं तो वो ओपन ऑफर के जरिए और शेयरों का अधिग्रहण कर सकती है। ताकि कंपनी के माइनॉरिटी शेयर होल्डर पहले से तय कीमत पर अपने शेयर अपनी मर्जी से नए निवेशक को बेच सकें।

– NDTV के एडिशनल 16,762,530 शेयर्स (26%) के लिए AMNL और अडाणी एंटरप्राइजेज के साथ VCPL ओपन ऑफर लाएगी। शेयरों का ओपन ऑफर प्राइस 294 रुपए हैं। अभी NDTV के शेयर की कीमत करीब 376 रुपए है। यहां सोचने वाली बात है कि शेयर 376 रुपए पर कारोबार कर रहा है तो 294 की कीमत क्यों ऑफर की गई है? ऐसा इसलिए क्योंकि एक महीने पहले शेयर की कीमत 185 रुपए थी। ओपन ऑफर में पिछले 15 दिनों के ऐवरेज प्राइस को ऑफर किया जा सकता है।

प्रणय और राधिका की 32.26% हिस्सेदारी
NDTV में सबसे बड़ी हिस्सेदारी प्रणय रॉय और राधिका रॉय की है। ग्रुप में दोनों की कुल 32.26% स्टेक है। वहीं LTS इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड के पास NDTV की 9.75% हिस्सेदारी है। ऐसे में अगर LTS इन्वेस्टमेंट फंड NDTV की अपनी हिस्सेदारी को ओपन ऑफर में टेंडर कर देता है तो अडाणी ग्रुप के पास NDTV की 38.93% हिस्सेदारी आ जाएगी और वो मेजोरिटी शेयर होल्डर बन जाएगा।

NDTV ने झूठ कहा कि- हमें जानकारी ही नहीं!

NDTV की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा कि VCPL ने इस संबंध में उसे कोई जानकारी नहीं दी है। कर्मचारियों को भेजे एक इंटरनल मैसेज में लिखा, आज का घटनाक्रम पूरी तरह से अप्रत्याशित है। यह अधिग्रहण उनकी सहमति के बगैर हुआ है। इसका आधार 2009-10 में किया गया लोन एग्रीमेंट है। राधिका और प्रणय की NDTV में 32% हिस्सेदारी बरकरार रहेगी। हम अपने अगले कदमों को इवैल्यूएट करने की प्रोसेस में हैं, जिनमें रेगुलेटरी और कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हैं।

अब आगे क्या होगा?

NDTV के एडिशनल 16,762,530 शेयर्स (26%) के लिए AMNL और अडाणी एंटरप्राइजेज के साथ VCPL ओपन ऑफर लाएगी। शेयरों का ओपन ऑफर प्राइस 294 रुपए हैं। अगर अडाणी ग्रुप इस हिस्सेदारी को हासिल कर लेता है तो उसके पास कुल 55.18% की हिस्सेदारी हो जाएगी। ये हिस्सेदारी राधिका रॉय और प्रणय रॉय से भी ज्यादा होगी जो अभी सबसे बड़े शेयर होल्डर है। यानी कंपनी का पूरा कंट्रोल अडाणी ग्रुप के पास आ जाएगा। हालांकि अडाणी ग्रुप के लिए कुछ लीगल और रेगुलेटरी चुनौतियां भी जरूर हैं लेकिन एनडीटीवी और प्रणव राय, राधिका राय का यह कहना कि अडानी के साथ इस डील की उन्हें कोई जानकारी नहीं है यह पूरी तरह से झूठ है।

अडानी ने एनडीटीवी खरीद नहीं लिया बल्कि प्रणव राय, राधिका राय ने उसे बेंच दिया :

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