Home विषयअर्थव्यवस्था चीन की इकोनोमी तो अभी से धड़ाम होने लगी

चीन की इकोनोमी तो अभी से धड़ाम होने लगी

by Umrao Vivek Samajik Yayavar
303 views

कुछ दिन पहले ही मैंने कहा था कि चीन के सामने आर्थिक समस्याएं आने वाली हैं। शायद यह चीन का पीआर प्रोपागंडा ही है कि भारत में चीन को बहुत बड़ी आर्थिक शक्ति माना जाता है, भारत में बहुत लोग तो चीन को दुनिया का सबसे अमीर मानते हैं, बहुत लोग अमेरिका व योरप को कमजोर व बूढ़ा होते मानते हैं। मुझे नहीं पता कि इन लोगों की इस तरह की मानसिकता का आधार क्या है, कहां से जानकारी उड़ाते हैं, जानकारी की गहराई, तथ्य व विश्लेषण किस तरह से व किन आधारों पर करते हैं। खैर कुछ महीने पहले एक खबर आई थी कि चीन दुनिया का सबसे अमीर देश है, उसकी जांच पड़ताल अगले किसी लेख पर करते हैं। आज बात करते हैं, उस पर जो मैंने कुछ दिन पहले कहा था।

 

कुछ दिन पहले जिस दिन रूस ने चीन से सैन्य सहयोग की मांग की, उस दिन के बाद से अब तक चीन की इकोनोमी 2 ट्रिलियन डालर से अधिक धड़ाम हो चुकी है (चीन की कुल GDP लगभग साढ़े 14 ट्रिलियन है)। पिछले एक दिन में, केवल एक दिन में चीन की बड़ी चीनी कंपनियों को सिर्फ एक दिन में 70 अरब डालर का घाटा हुआ है। यह पिछले लगभग डेढ़ से दो दशकों में चीन का सबसे बड़ा धड़ाम है, जबकि एक भी प्रतिबंध नहीं लगा है।
केवल इतने से ही घबड़ा कर। चीन सरकार ने सफाई देना शुरू कर दिया है कि रूस ने चीन से सैन्य सहयोग नहीं मांगा है। जिस तरह के प्रतिबंध रूस पर लगाए गए हैं, दुनिया के इतिहास में इस तरह के प्रतिबंध लगना तो दूर, कल्पना भी नहीं की गई है। रूस की आंतरिक इकोनोमी तो कुछ समय तक सर्वाइव कर भी सकती है, लेकिन यदि इस तरह के प्रतिबंध चीन पर लग गए तो चीन तो बिलकुल सर्वाइव नहीं कर सकता है।
जैसा मैं लगातार कहता रहता हूं, अपने फेसबुक मित्रों की पोस्टों पर भी कमेंट के रूप में बताने का प्रयास करता रहता हूं, मित्र लोग जानकारी नहीं होने बावजूद अहंकार में मुझ पर अपना क्रोध दिखाते रहते हैं। दरअसल मित्रों के लिए उनका अहंकार, जानकारी सीखने समझने की ओर बढ़ने इत्यादि की तुलना में अधिक महत्व रखता है। दरअसल जो जैसा है उसका वैसा ही विश्लेषण कर पाने के लिए ऑब्जेक्टिव दृष्टि का होना सबसे मूल तत्व होता है।
दरअसल चीन की इकोनोमी अमेरिका व योरप पर आधारित इकोनोमी है। चीन की GDP का बहुत बड़ा हिस्सा अमेरिका व योरप की कंपनियों की वजह से है। इसलिए चीन आर्थिक रूप से सर्वाइव नहीं कर सकता है। मैंने पिछले वर्ष चीन की वास्तविक आर्थिक हालात पर एक लेख भी लिखा था, फोटो वगैरह भी दिखाई थी।
_

Related Articles

Leave a Comment