दूध दही पर कर-मर और सावन-आवन के बीच आज भोजन संस्कृति पर एक प्रचण्ड हिंदूवादी सूचनात्मक (ज्ञानात्मक नहीं) पोस्ट का मौसम बन आया है। अहा.. कितना विराट है हमारा सनातन और उसकी हिंदुत्व जीवनशैली। देश में ऐसे मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं जहां प्रसाद के तौर पर मीट मांस चढ़ता और बंटता है। देश के अलग अलग राज्यों में यह मंदिर स्थित हैं।
आइए जानते हैं उन मंदिरों के नाम और जानते हैं प्रसाद में क्या चढ़ता है। उदाहरण के इन आठ मंदिरों की तस्वीरें नीचे क्रमवार हैं।
– तमिलनाडु के मुनियांदी स्वामी मंदिर में चिकन और मटन बिरयानी बतौर प्रसाद मिलता है।

ओडिशा के पुरी में स्थित बिमला देवी मंदिर में मटन और मछली से बना प्रसाद मिलता है।

– उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित तरकुलहा देवी मंदिर में बकरे का मांस प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है।

केरल के परासिनिक करवु मंदिर में मछली और ताड़ी चढ़ाया जाता है।

पश्चिम बंगाल के मशहूर कालीघाट मंदिर में बकरे का मांस चढ़ाया जाता है।

– असम के कामाख्या देवी मंदिर में मछली और मीट का भोग भी लगाया जाता है।

– बंगाल के तारापीठ मंदिर में मछली और मीट प्रसाद के तौर पर मिलता है।

– पश्चिम बंगाल के ही दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मछली को प्रसाद के तौर पर चढ़ाया और बांटा जाता है।
सभी तस्वीरें से www.google.com ली गयी है