उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी और मारा गया गैंगस्टर अतीक अहमद का गुर्गा गुड्डू मुस्लिम 62 दिन से पुलिस की गिरफ्त से फरार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपना रूप बदलकर और अलग-अलग जगहों पर रहने के लिए नकली पहचान का इस्तेमाल करके पुलिस से बच रहा है. इतना ही नहीं उसने पुलिस से बचने के लिए इन दो महीनों में अलग-अलग हिंदू नामों का भी इस्तेमाल किया है.
पुलिस को पता चला था कि गुड्डू की आखिरी लोकेशन ओडिशा के बरगढ़ में थी. वह 2 से 13 अप्रैल तक ओडिशा में मौजूद था और करीब 12 दिन से राज्य में छिपा हुआ था. वह यहां कपड़े से भरा बैग छोड़कर फरार हो गया. यहां से पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम के सहयोगी राजा खान को भी हिरासत में लिया. जिसने खुलासा किया कि वह पुलिस की पकड़ में न आए इसलिए उसने दाढ़ी बढ़ा ली थी. इन 62 दिनों में उसने बबलू, सुरेंद्र कुमार और संदीप कुमार जैसे नामों का इस्तेमाल किया.
अभी कहां हो सकता है गुड्डु मुस्लिम
राजा खान ने पुलिस को बताया कि मेरठ, अजमेर, झांसी, नासिक और पुणे जैसी जगहों पर जाने के बाद अब वह छत्तीसगढ़ भाग गया है. इसके अलावा गुड्डू मुस्लिम को जानने वालों ने दावा किया कि अतीक के पास उमेश पाल को मारने का कोई कारण नहीं था. गुड्डू ने ही पूरी हत्या की साजिश रची थी. सूत्रों ने बताया कि जब अतीक और उसका भाई अशरफ जेल में थे, तब उनका पूरा कारोबार गुड्डू मुस्लिम के हाथों में था और इस दौरान उसने कोयला आपूर्ति सहित कई व्यवसायों में चोरी-छिपे पैसा लगाया था.
अलर्ट मोड पर सारंगढ़ पुलिस
एसटीएफ को गुड्डू मुस्लिम की आखिरी लोकेशन ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर स्थित सोहेला इलाके में मिली है, जोकि छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के करीब है. इस लिए सारंगढ़ पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है. पुलिस ने सरिया थाना क्षेत्र से लेकर डोंगरीपाली थाना तक सुरक्षा बढ़ा दी है. सभी गाड़ियों की चेकिंग चल रही है.
गुड्डू अतीक के गैंग का सबसे खतरनाक मैंबर तो था ही लेकिन बता चला है कि गुड्डू धनंजय सिंह और अभय सिंह के लिए भी काम करता था. इन दोनों माफियाओं के लिए गुड्डू पहले ही कई वारदातों को अंजाम दे चुका है. यूपी के हर माफिया से गुड्डू मुस्लिम के संपर्क मिले हैं जिस की शह पर ही गुड्डू लगातार पुलिस की गिरफ्त से फरार बना हुआ है. भले ही गुड्डू पिछले 20 सालों से अतीक के साथ था लेकिन गुड्डू के अन्य माफियाओं से लिंक इतने मजबूत थे कि अशरफ से लेकर अतीक भी उसका लोहा मानते थे.
गुड्डू मुस्लिम ने इटावा पुलिस लाइन के पास रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के भाई की हत्या का बदला लेने के लिए बॉबी यादव पर एक समय बमबाजी की थी. इतना ही नहीं पता तो ये तक चला है कि लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज के स्पोर्ट्स टीचर पीटर फ्रेडरिक गोम्स हत्याकांड में भी गुड्डू मुस्लिम ने कई राज उगले थे. सबसे बड़ी बात ये कि गुड्डू मुस्लिम ने 16 साल की उम्र में ही पहली हत्या की थी. वह सालों तक लखनऊ के चंद्र शेखर हॉस्टल में रहा है. इस हॉस्टल में गुड्डू मुस्लिम छात्र आयुष चौधरी के नाम पर रहता था.