Home लेखक और लेखराजीव मिश्रा हॉर्न इंग्लैंड की सांस्कृतिक पहचान

हॉर्न इंग्लैंड की सांस्कृतिक पहचान

by राजीव मिश्रा
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इसके कई अर्थ हो सकते हैं. इसके बेहद मासूम अर्थ हो सकते हैं, जैसे कि आपने अपने किसी परिचित को सड़क क्रॉस करते देखा और आप उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए हल्के से हॉर्न बजा सकते हैं. यहां हॉर्न का अर्थ हुआ हेलो! कोई अपनी गाड़ी को बिना पीछे देखे रिवर्स कर रहा है और आपको ठोकने वाला है, या कोई बिना इंडिकेटर दिए लेन बदलता है.. यहां सुरक्षा की दृष्टि से हॉर्न बजाने का अर्थ हुआ… चूटिए हो क्या बे?
पर भारत में हम इतना हॉर्न बजाते हैं कि इसका कोई अर्थ नहीं होता. लोग बिना बात थोड़ी थोड़ी देर पर यूं ही हॉर्न बजाते हैं, जैसे कोई नौसिखिया तैराक बीच बीच में पानी से सर निकाल के सांस लेता हो. लोग यूं भी हॉर्न बजाते हैं कि सड़क किसी के बाप की नहीं है, हम भी यहां हैं. अगर कोई purposeful हॉर्न बजाता भी हो तो भी वह अपना अर्थ खो देगा क्योंकि लगातार बजते दो सौ हॉर्न्स में से आप उस एक को अलग कैसे करोगे.
मैं भारत में भी बहुत कम ही हॉर्न बजाता हूं. कई कई महीने बीत जाते थे हॉर्न बजाए हुए. अब भी आता हूं तो दो तीन वीक में शायद ही कभी हॉर्न बजाना पड़ता हो. एक दिन बिष्टुपुर में चुपचाप लगभग अपनी लेन पकड़ कर जा रहा था (जितना संभव है). एक गाड़ी को क्रॉस किया तो साथ बैठे मित्र ने बहुत सहृदयता से कहा … यह क्या कर रहे हो? ओवरटेक करते समय हॉर्न बजाना चाहिए!
तो समझ में आया, हॉर्न बजाना भारत में कभी कभी शिष्टाचार भी समझा जाता है…
पर इंग्लैंड में हॉर्न बजाने का एक और अर्थ है जो बहुत ही महत्व का है… लगभग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का है… अगर कभी कोई जरा सी गलती कर दे… हड़बड़ी में राउंड अबाउट में घुस जाए या कन्फ्यूजन में गलत लेन पकड़ ले तो एक ऐसा व्यक्ति जरूर मिलेगा जिसको आपके ऐसा करने से कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन वह हॉर्न जरूर बजाएगा. उसे यह बताने का अवसर मिला कि आपने गलती की है… और दूसरे की गलती बताने का अवसर एक अंग्रेज कैसे छोड़ सकता है भला? यह उनके पूरे हिस्टोरिकल एक्सिस्टेंस का, उनके कोलोनियल अतीत का जस्टिफिकेशन है. उसके अस्तित्व का सबसे बड़ा सुख है… यह इतनी इंग्लिश बात है कि यह स्कॉटलैंड और वेल्स में भी नहीं मिलती. इंग्लैंड में मिलती है और जैसे जैसे लंदन और साउथ कोस्ट की ओर बढ़ते हैं, बढ़ती जाती है.
मैं इसे होशियारचंद हॉर्न कहता हूं… यह इंग्लैंड की सांस्कृतिक पहचान है.
Written By : Dr. Rajeev Mishra

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