औरंगजेब ने मेवाड़ में मंदिर तोड़ा। कुंवर भीमसिंह ने घुड़सवार टुकड़ी ली और राजस्थान से गुजरात तक 400 महजिदों को धूल में मिला दिया। औरंग शाह माफी मांगकर रिरियाते हुये वापसी की रवानगी डाल गये।

पेशावर में मु स्लिम पठान सरदार ने एक हिंदू पठान लड़की को उठा लिया। सरदार हरिसिंह नलवा ने पेशावर के 400 टॉप मुस्लिम पठान सरदारों के परिवारों को उठवा लिया। कुछ घण्टे में ही लड़की सही सलामत आ गई।

अब ये कोई बात हुई कि एक मंदिर के बदले 400 महाजिद या एक हिंदू लड़की के बदले 400 मु स् लिम परिवार? ये तो गलत बात है।

इसीलिये तो कुंवर भीमसिंह जैसे पागल राजपूत और हरी सिंह नलवा जैसे सरफिरे सरदारों के बारे में आप लोगों को बताता नहीं क्योंकि ये गांधी का देश है।

अब अगर किसी दुर्घटना में शाहरुख के घर में आग लग जाती है और फिर पूरी बस्ती में फैल जाती है और 400 लोग जल जाते हैं तो ये कोई अच्छी बात तो नहीं कि एक अंकिता के बदले चारसौ लोगों को जलाया जाए।

शाहरुख की अम्मी अंकिता को इस्लाम कुबूल करवाकर अपने घर की बहू बनाकर इस्लाम की सेवा ही तो करवाना चाहती थी। यह कोई ऐसी बड़ी बात है क्या जिसके लिए उसे सजा दी जाए?

इस बात के लिए क्या अंकिता के भाई या उसके पिता द्वारा अब पूरी मु स्लि म बस्ती को आग के हवाले कर दिया जाये?

गांधी- नेहरू के देश में ऐसा सोचना भी पाप है। कोई अगर ऐसा करता है तो मेरी अग्रिम रूप से कड़ी निंदा।

Related Articles

Leave a Comment